Politalks.News/Delhi/Loudspeaker. देश में भर में लाउडस्पीकर को लेकर सियासत अब चरम पर पहुंच गई है. राजधानी दिल्ली में भी अब धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने की आवाज बुलंद हो गई है. इसके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के बाद दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने भी दिल्ली सरकार से लाउडस्पीकरों को हटाने की मांग की है. भाजपा की ओर से पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर उन धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने या आवाज नियंत्रित करने की कार्रवाई की मांग की है, जो इस संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं. वहीं इस मामले को लेकर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि ‘दिल्ली में ध्वनि प्रदूषण चरम पर पहुंच गया है. कई राज्यों ने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का निर्णय लिया है और जनता ने इसका स्वागत किया है.’
उत्तर प्रदेश में 25 अप्रैल से सुरु हुए एक अभियान के तहत अब तक धार्मिक स्थलों पर अवैध रूप से लगाए गए करीब 54 हजार लाउडस्पीकर हटाए गए हैं जबकि करीब 60 हजार लाउडस्पीकरों की आवाज धीमी की गई है. उत्तरप्रदेश में योगी सरकार द्वारा किये गए इस काम को आधार बना अब बीजेपी देश की राजधानी दिल्ली में भी लाउडस्पीकरों को हटाने की मांग करने लगी है. इस सन्दर्भ में सूत्रों के अनुसार बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और नगर निगमों को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर उन धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने या आवाज नियंत्रित करने की मांग की है जो की अवैध रूप से लगे हुए हैं और जो उच्चतम न्यायालय के आदेश को उल्लंघन करते हैं.
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प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने पत्र में दावा करते हुए कहा कि, ‘उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार सभी धार्मिक स्थलों पर प्रदर्शित सभी लाउडस्पीकर को या तो हटा दिया जाना चाहिए या आवाज को सीमित कर दिया जाना चाहिए ताकि शांति भंग ना हो और आवाज भवन के अंदर ही सुनाई दे. विशेष रूप से अध्ययनरत बच्चों और गंभीर रूप से बीमार रोगियों तथा आसपास रहने वाले लोगों की शांति ना भंग हो. उच्चतम न्यायालय के आदेश का उत्तर प्रदेश ने ठीक से पालन किया है लेकिन दिल्ली में इसका ठीक से पालन नहीं हो रहा है.’ सांसद वर्मा ने कहा कि, ‘मेरा आपसे अनुरोध है कि इस विषय पर दिल्ली में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए जाएं ताकि लोगों को बिना परेशान हुए शांतिपूर्ण माहौल मिल सके.’
वहीं एक अन्य ट्वीट करते हुए बीजेपी सांसद ने लिखा, ‘धार्मिक स्थलों का ग़लत उपयोग हो रहा है और लाउडस्पीकर का शोर बढ़ता जा रहा है तथा इनकी आड़ में सद्भाव बिगड़ रहा है. दिल्ली सरकार ऐसे लोगों के साथ खड़ी है. इसलिए उत्तर प्रदेश की तरह दिल्ली में भी कार्रवाई अतिशीघ्र किए जाने की ज़रूरत है.’
वहीं दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने भी इस मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि, ‘दिल्ली में ध्वनि प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच गया है. कई राज्यों ने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का निर्णय लिया है और जनता ने भी इसका स्वागत किया है. इससे छात्रों और बीमार लोगों को परेशानी होती है. कल, हमने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का अनुरोध किया. यहां तक कि बॉम्बे हाई कोर्ट भी कहता है कि लाउडस्पीकर किसी धर्म का हिस्सा नहीं है.’
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आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर अवैध रूप से लगाए गए करीब 54 हजार लाउडस्पीकर अब तक हटाए गए हैं जबकि करीब 60 हजार लाउडस्पीकरों की आवाज धीमी की गई है. 25 अप्रैल से पूरे प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर लगाए गए अवैध लाउडस्पीकर हटाने और बाकी लाउडस्पीकर की आवाज को निर्धारित सीमा तक सीमित करने का अभियान चल रहा है. मालूम हो कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा 2017 में दिए गए आदेश में सरकार से पूछा गया था कि प्रदेश में जगह-जगह धार्मिक स्थलों तथा सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए लाउडस्पीकर क्या जिला प्रशासन से लिखित अनुमति लेकर लगाए गए हैं और क्या ध्वनि प्रदूषण अधिनियम का पालन कराया जा रहा है. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक समीक्षा बैठक में कहा था कि हर किसी को अपना धार्मिक रीति-रिवाज मानने की अनुमति है. लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन उसकी आवाज परिसर से बाहर नहीं जानी चाहिए, ताकि किसी को भी कोई परेशानी ना हो.