भाजपा नेता की नृशंस हत्या के बाद अपनों के निशाने पर बोम्मई सरकार, प्रदेशभर में मचा सियासी बवाल

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में BJP नेता प्रवीण नेट्टार की कुल्हाड़ी से काटकर हुई हत्या के बाद गरमाई प्रदेश की सियासत, कन्हैयालाल की हत्या के विरोध में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के विरोध में हुई हत्या, पुलिस ने अब तक 10 आरोपियों को किया गिरफ्तार तो भाजपा के नेता एवं कार्यकर्ताओं ने नेट्टार की हत्या के विरोध में किया जोरदार प्रदर्शन, यहीं नहीं भाजपा विधायक रेणुकाचार्य ने कड़ी कार्रवाई ना होने पर दिए इस्तीफे के संकेत, तो बीजेपी सांसद की गाड़ी को घेर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उसे झकझोर दिया

नेट्टार की हत्या के बाद अपनों के निशाने पर बोम्मई
नेट्टार की हत्या के बाद अपनों के निशाने पर बोम्मई

Politalks.News/Karnataka. हाल ही में उदयपुर और महाराष्ट्र में साम्प्रदायिकता के नाम पर हुई नृशंस हत्याओं के मामला पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ है कि अब कर्नाटक में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है. कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने मंगलवार रात एक भाजपा युवा कार्यकर्ता प्रवीण नेत्तारू की नृशंस हत्या कर दी. मिली जानकारी के अनुसार प्रवीण का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने उदयपुर हत्याकांड में मारे गए टेलर कन्हैयालाल के समर्थन में कोई पोस्ट की थी. इस हत्याकांड के बाद से कर्नाटक की बसवराज बोम्मई सरकार अपनी ही पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के निशाने पर आ गई है. कई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर एक साथ इस्तीफा देना शुरू कर दिया है. तो वहीं गुस्साई भीड़ ने बुधवार को भाजपा सांसद की गाड़ी को घेर कर जमकर हंगामा किया. वहीं भाजपा विधायक रेणुकाचार्य ने भी चेतावनी देते हुए कहा कि, ‘अगर राज्य सरकार ने हमलावरों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं की तो मैं इस्तीफा दे दूंगा.’

दरअसल, कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में BJP नेता प्रवीण नेट्टार की मंगलवार को कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी गई. प्रवीण भाजपा युवा मोर्चा के जिला सचिव थे. मिली जानकारी के अनुसार प्रवीण ने 29 जून को राजस्थान के उदयपुर में नृशंस हत्याकांड में मारे गए कन्हैयालाल की हत्या के विरोध में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की थी. इसी वजह से कुछ लोगों ने उनकी हत्या कर दी. इस जघन्य हत्याकांड के सामने आने के बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अब तक 10 आरोपियों को हिरासत में लिया गया है जिनसे पूछताछ की जा रही है. मामले में कर्नाटक के गृहमंत्री अरगा जनेंद्रा ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से मुलाकात की है. मुलाकात के बाद सीएम बोम्मई ने कहा कि, ‘दक्षिण कन्नड़ जिले से हमारी पार्टी के कार्यकर्ता प्रवीण नेट्टारू की बर्बर हत्या निंदनीय है. इस तरह के जघन्य कृत्य के अपराधियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा और कानून के तहत दंडित किया जाएगा. प्रवीण की आत्मा को शांति मिले. भगवान उनके परिवार को इस दर्द को सहन करने की शक्ति प्रदान करे, ओम शांति.’

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एक तरफ जहां मुख्यमंत्री मामले में आरोपियों को दंडित करने की बात कह रहे हैं तो वहीं बीजेपी नेता और कार्यकर्ताओं में इसे लेकर आक्रोश व्याप्त है. हत्या के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुत्तूर में उग्र प्रदर्शन किया, जो कल देर रात तक चलता रहा. यहीं नहीं आज भी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने दक्षिण कन्नड़ बंद बुलाया है. आक्रोशित भीड़ को देखते हुए जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है. यही नहीं बुधवार को उग्र भीड़ ने भाजपा सांसद नलिनकुमार कतिल की कार को घेरकर उसे झकझोर दिया. यहीं नहीं प्रदर्शनकारियों ने कार को पलटने की कोशिश भी की. गुस्साई भीड़ ने ‘वी वांट जस्टिस’ के भी जमकर नारे लगाए. तो वहीं कर्नाटक के कई हिस्सों में भाजपा की युवा शाखा के सदस्यों ने बड़े पैमाने पर संगठन से इस्तीफा देना शुरू कर दिया है. उनका आरोप है कि ‘भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पार्टी कार्यकर्ताओं के जीवन की रक्षा करने में विफल रही है.’

वहीं इस मामले को लेकर एक भाजपा विधायक ने तो न्याय ना मिलने पर इस्तीफे की धमकी भी दे डाली. भाजपा विधायक रेणुकाचार्य ने कहा कि, ‘अगर हमारी सरकार हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्याओं के लिए जिम्मेदार बदमाशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करती है, तो मैं विधायक पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं. अगर हमारी सरकार योगी आदित्यनाथ की सरकार के मॉडल पर उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करती है, तो ऐसे बदमाशों को सबक मिलेगा. राज्य में हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्याएं बार-बार बढ़ी हैं. अगर हम अपने हिंदू कार्यकर्ताओं की रक्षा नहीं कर सकते तो सत्ता में रहने का क्या फायदा?’

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रेणुकाचार्य ने आगे कहा कि, ‘हर बार जब कोई हिंदू कार्यकर्ता मारा जाता है, तो सोशल मीडिया पर भावभीनी श्रद्धांजलि के साथ पोस्ट किया जाता है, कड़ी कार्रवाई की मांग की जाती है, अपराधियों को फांसी दी जाती है, और संवेदना व्यक्त की जाती है. लेकिन उनका कोई फायदा नहीं. अगर राज्य सरकार हिंदू कार्यकर्ताओं का विश्वास बहाल करना चाहती है, तो उसे उपद्रवियों को दंडित करना चाहिए. इसलिए अगर हमारी सरकार उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करती है, तो मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के नेताओं और कार्यकर्ताओं से चर्चा करके विधायक पद से इस्तीफा देने की सोच रहा हूं.’

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