Acharya Pramod Krishnam’s taunt on Congress. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के बाद अब बहुजन समाज पार्टी ने भी कांग्रेस से गठबंधन नहीं करने का फैसला किया है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को अपने जन्मदिन पर लखनऊ में मीडिया के समक्ष लोकसभा और उसके बाद विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ एक मंच पर आने से इनकार कर दिया है. इससे पहले समाजवादी पार्टी ने भी यूपी में कांग्रेस के साथ आने से मना कर दिया था. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तो भारत जोड़ो यात्रा में भी आने से इनकार कर दिया था. यही नहीं बल्कि दोनों पार्टियों के बीच जुबानी जंग भी तेज हो चली है. ऐसे में राहुल गांधी द्वारा भारत जोड़ो यात्रा के जरिए विपक्ष को अपने साथ लाने की मुहिम को अन्य राज्यों के साथ यूपी में तगड़ा झटका लगा है. इसी बीच बीते रोज प्रियंका गांधी करीबी सलाहकार और कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने जहां अपनी ही पार्टी को बूढ़ा कहते हुए तंज कसा तो सपा नेता ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को बिना राजनीतिक समझ वाले भाई बहिन कहकर निशाना साधा.
दरअसल, पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव और फिर बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा आगामी यूपी विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का साथ न लेकर अकेले मैदान में उतरने के फैसले पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपनी ही कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं पर तंज कसा है. प्रमोद कृष्णम ने लिखा कि, ‘सपा के बाद अब बसपा ने भी समझौता करने से साफ मना कर दिया. लगता है हमारी पार्टी के सीनियर मैनेजर अब बूढ़े होने के साथ-साथ अप्रासंगिक भी हो गये हैं.’
वहीं सपा और बसपा के इस फैसले के सीधे मायने यह हैं कि यूपी में बसपा और सपा दोनों पार्टियां फिर से अपना जनाधार वहां अकेले मजबूत करना चाह रही हैं. मुलायम सिंह की विरासत को अखिलेश यादव अब फिर से वापिस पाना चाह रहे हैं और ऐसा अखिलेश बिना किसी की सहायता के करना चाहते हैं. वहीं बसपा कांग्रेस और सपा दोनों से गठबंधन करके देख चुकी है. यहां बसपा को फायदा कम नुकसान ही ज्यादा हुआ है. ऐसे में बसपा ने भी यूपी सहित अन्य राज्यों में भी विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनाव बिना किसी गठबंधन के लड़ने का फैसला लिया है.
वहीं कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम के बयान के के साथ साथ सपा नेता आईपी सिंह ने भी कांग्रेस पार्टी के खेवनहार राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर जोरदार निशाना साधा है. आईपी सिंह ने आचार्य प्रमोद कृष्णम के ट्वीट पर कहा कि इसमें मैनेजरों का क्या दोष जब दोनों भाई-बहन में राजनीतिक समझ ही नहीं है और न कभी विपक्ष की अहमियत जान पाये. आपसी एकता के लिए निरंतर विचार-विमर्श बृहत्तर बैठकों के माध्यम से यदि होता रहा होता तो आज आपसी एकता पर सवाल नहीं होते. भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस की निजी यात्रा है तो नफा नुकसान उसका निजी ही है.
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अब बात भारत जोड़ो यात्रा की हो रही है तो बता दें कि भारत के विपक्षी दलों को एक सूत्र में पिरोने के उद्देश्य से ही राहुल गांधी ने इस यात्रा की शुरूआत की थी. करीब 3500 किमी. की इस यात्रा का सीधा मकसद 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में विपक्ष को पूरी तरह एकजुट कर सत्ताधारी केंद्र की मोदी सरकार को कमजोर बनाना है. हालांकि कई मायनों में यह यात्रा अपने राजनीतिक मकसद में कामयाब नहीं हो पाई है. सपा, बसपा सहित कई अन्य राज्यों के विपक्षी दलों ने भी राहुल गांधी की इस यात्रा में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
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आपको बता दें कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस वजह से बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता की काफी चर्चा हो रही थी. हालांकि ये बिखरती हुई नजर आ रही है. इसी कड़ी में मायावती ने मीडिया से कहा कि 2023 में कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव में बसपा किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी, बल्कि अपने बलबूते पर यह सभी चुनाव लड़ेगी. मायावती ने ये भी कहा कि कांग्रेस और कुछ अन्य दल षड्यंत्र के तहत बसपा से गठबंधन की बात जानबूझकर फैलाकर भ्रम पैदा कर रहे हैं.