Politalks.News/Bharat. उत्तर प्रदेश से लेकर केंद्र तक मंत्रिमंडल विस्तार करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच ‘पहले-आप, पहले-आप‘ की तर्ज पर ‘असमंजस‘ की स्थिति बनी हुई थी. योगी सरकार पहले यह सोच रही थी कि केंद्र में मंत्रिमंडल विस्तार हो उसके बाद यूपी में फेरबदल हो. लेकिन पीएम मोदी और भाजपा हाईकमान ने अब फैसला किया है कि पहले यूपी मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जाएगा. इसी को लेकर राजधानी लखनऊ में तैयारियां शुरू हो गई हैं. आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के लिए यह महीना बहुत ही अहम माना जा रहा है. योगी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार का अमलीजामा पहनाने के बाद अब मोदी सरकार ने भी अपने कैबिनेट में फेरबदल के लिए तैयारी शुरू कर दी हैं.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार भी अपना मंत्रिमंडल विस्तार करने में काफी समय जुटी हुई थी लेकिन पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव, कोरोना का संकटकाल के बाद योगी सरकार में फेरबदल में लगातार देर होने से केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार भी नहीं हो सका. इसका कारण यह है कि भाजपा हाईकमान चाहता है कि उत्तर प्रदेश में पहले मंत्रिमंडल विस्तार हो फिर वहां से कुछ सांसदों को केंद्र में मंत्री बनाया जा सके. क्योंकि अब प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है.
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बता दें कि मोदी सरकार में कई महत्वपूर्ण विभाग खाली भी चल रहे हैं. केंद्रीय मंत्रियों के निधन या फिर एनडीए से अलग होने वाले दलों के द्वारा मंत्री पद छोड़ने से उनके पद भी खाली हैं, जिसकी वजह से मौजूदा समय में चार मंत्रियों के पास मंत्रालयों का अतिरिक्त प्रभार है. मोदी सरकार में फिलहाल 22 कैबिनेट, 9 स्वतंत्र प्रभार और 29 राज्य मंत्री हैं. इस तरह के फिलहाल मंत्रियों की संख्या 60 हो रही है जबकि केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री सहित अधिकतम 82 मंत्री बनाए जा सकते हैं. इस तरह से मोदी कैबिनेट में अभी भी 22 मंत्री पद खाली है. बीजेपी के अगुवाई वाली एनडीए के 2019 से तीन सहयोगियों, शिवसेना, अकाली दल और एलजेडी ने साथ छोड़ दिया है.
आपको बता दें कि केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को एलजेपी नेता रामविलास पासवान के निधन के बाद उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत के केंद्रीय मंत्री पद छोड़ने के बाद केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के पास पर्यावरण के अलावा भारी उद्योगों मंत्रालय का प्रभार भी है. वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पास पहले से ही तीन मंत्रालयों, कृषि, ग्रामीण विकास और पंचायती राज है. बता दें कि अकाली दल ने कृषि कानूनों को लेकर हरसिमरत कौर बादल ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था और बाद एनडीए से नाता तोड़ लिया था. पिछले साल सितंबर में कोरोना के चलते सुरेश अंगड़ी का निधन हो गया था, जिसके बाद से रेल राज्य मंत्री का पद भी खाली पड़ा है.
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केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर संघ, भाजपा हाईकमान के बीच तैयार हुई रूपरेखा
उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के अध्यक्ष है जेपी नड्डा ने संघ के नेताओं से लंबी चर्चा के बाद रूपरेखा तैयार कर ली गई है. इसी को लेकर संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय हसबोले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत का संदेश लेकर दिल्ली में कई दिनों से डटे हैं. इस दौरान हसबोले ने भाजपा हाईकमान सेेेे कई बार मुलाकात की. पहले कयास लगाए जा रहे थे कि महामारी की पहली लहर के बाद मोदी कैबिनेट में फेरबदल हो सकता है, लेकिन अब दूसरी लहर खत्म होने के बाद इसी महीने मंत्रिमंडल विस्तार तय है.
बता दें कि मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल के मंत्रिमंडल में कुल 80 मंत्री बने थे, लेकिन इस बार यह आंकड़ा अभी 70 भी पार नहीं कर सका है. मार्च, साल 2020 में कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में आने वाले राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया भी केंद्र में मंत्री बनने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिराने में ज्योतिरादित्य सिंधिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी. इसके बाद भाजपा ने उन्हें मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद बनाया था. अब सिंधिया केंद्र में मोदी की कैबिनेट का हिस्सा बनने जा रहे हैं. इसी प्रकार बात करें राजस्थान की तो यहां से लोकप्रिय नेता और राज्यसभा सांसद डॉ किरोडी लाल मीणा का केन्द्र में मंत्री बनना तय माना जा रहा है. वहीं सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी के पिछले कार्यकाल में राज्य मंत्री रहे कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को भी दुबारा मंत्री बनाया जा सकता है. वहीं कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी की मोदी मंत्रिमंडल से छुट्टी होना तय माना जा रहा है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिपरिषद में वर्तमान में 22 कैबिनेट मंत्री हैं. स्वतंत्र प्रभार वाले नौ राज्य मंत्री हैं, इनमें राजकुमार सिंह, मनसुख मांडविया, जितेंद्र सिंह, रिजिजू, हरदीप पुरी और नाइक भी अतिरिक्त मंत्रालयों के साथ राज्य मंत्री हैं. यूपी और उत्तराखंड में अगल साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मोदी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार महत्वपूर्ण माना जा रहा है. शिवसेना, अकाली दल के एनडीए छोड़ने के बाद इनके कोटे से खाली हुए मंत्री पद को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ नए साथी दलों को भी अपनी कैबिनेट में मिला सकते हैं. इस बार एनडीए के साथ नीतीश कुमार की जेडीयू भी शामिल है. सबसे दिलचस्प यह है कि लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान के निधन के बाद क्या पीएम मोदी उनके पुत्र और लोकसभा सांसद चिराग पासवान को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करेंगे ? वहीं चिराग को केंद्र में मंत्री के रूप में एनडीए की सहयोगी जेडीयू कभी नहीं चाहेगी, क्योंकि पिछले वर्ष बिहार में हुए विधानसभा चुनाव के बाद जेडीयू और एलजीपी केेेे बीच सियासी लड़ाई खुलकर सामने आ गई थी.