लंबी चुप्पी के बाद बोले शरद पवार- बिलकिस बानो के दोषियों को छोड़ने का फैसला गलत और बेहद शर्मनाक

बिलकिस बानो से गैंगरेप करने वालों को रिहा करना न सिर्फ गलत फैसला है, बल्कि बीते कुछ वक्त में यह सबसे बड़ी चिंता वाली है बात, इन लोगों की रिहाई और फिर सम्मान किया जाना, खुद पीएम नरेंद्र मोदी के स्टैंड से अलग- शरद पवार, तीस्ता सीतलवाड़ के मामले में भी अपनी प्रतिक्रिया दी तो वहीं भाजपा पर साधा जमकर निशाना

'भाजपा की कथनी और करनी में है बड़ा फर्क'
'भाजपा की कथनी और करनी में है बड़ा फर्क'

Politalks.News/BilkisBano/SharedPanwar. देशभर की सियासत में चर्चित बिलकिस बानो रेपकांड के आरोपियों की रिहाई के मामले में राजनीति गरमाई हुई है. लम्बे समय से मीडिया से दूरी बनाए बैठे एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने बिलकिस बानो से गैंगरेप के दोषियों को जेल से रिहा किए जाने पर पहली बार सवाल उठाया है. पवार ने कहा कि बिलकिस बानो से गैंगरेप करने वालों को रिहा करना न सिर्फ गलत फैसला है, बल्कि बीते कुछ वक्त में यह सबसे बड़ी चिंता वाली बात है. यही नहीं NCP सुप्रीमो पवार ने यह भी कहा कि इन लोगों की रिहाई और फिर सम्मान किया जाना, खुद पीएम नरेंद्र मोदी के स्टैंड से अलग है. बिलकिस बानो मामले के साथ ही शरद पवार ने बहुचर्चित तीस्ता सीतलवाड़ के मामले में भी अपनी प्रतिक्रिया दी तो वहीं भाजपा पर भी जमकर निशाना साधा.

आपको बता दें कि गुजरात में हुए गोधरा कांड के दौरान 2002 में बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा पाए सभी 11 दोषीयों को 15 अगस्त को गोधरा उप कारागार से रिहा कर दिया गया है. गुजरात सरकार ने अपनी क्षमा नीति के तहत सभी दोषियों की रिहाई को मंजूरी दे दी. मुंबई में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को 21 जनवरी 2008 को बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और बिलकिस के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. यही नहीं जेल से बाहर आने के बाद विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों द्वारा इन गुनहगारों का स्वागत-सम्मान किया गया और मिठाई खिलाई गई, जिसका सोशल मीडिया पर एक फोटो भी जमकर वायरल हुआ था. वहीं गैंगरेप के इन आरोपियों की रिहाई के बाद पूरे देश में आलोचनात्मक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई थीं.

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लंबी चुप्पी के बाद बिलकिस बानो मामले में बोलते हुए शरद रवार ने कहा कि, ‘हर कोई जानता है कि बिलकिस बानो केस में गुजरात में क्या हुआ था? यह मामला शर्मनाक और जघन्य था. इसीलिए दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई थी, लेकिन गुजरात की सरकार ने उन्हें रिहा करने का फैसला लिया. यही नहीं जेल से निकलने पर दोषियों को सम्मानित भी किया गया. जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने लालकिले से कहा था कि महिलाओं का सम्मान होना चाहिए, लेकिन उनसे ताल्लुक रखने वाले गुजरात में ही ऐसे दोषियों को रिहा करने का फैसला लिया गया. वहां भाजपा की ही सरकार है, यह फैसला बेहद शर्मनाक है.’

इसके साथ ही एनसीपी मुखिया शरद पवार ने आगे कहा कि भाजपा जो कहती है और जमीन पर जो करती है, उसके बीच हमेशा बड़ा अंतर रहता है. यही नहीं पवार ने तीस्ता सीतलवाड़ को जेल में रखने पर भी हमला बोला. पवार ने कहा कि यह तो अन्याय करने जैसा है. शरद पवार ने कहा, ‘लोकतंत्र में सभी को अपने मन की बात कहने का अधिकार है. तीस्ता सीतलवाड़ ने कई साल पहले जो बातें कही थीं, उसके आधार पर उसे परेशान किया जा रहा है और जेल में रखा गया है. इसके अलावा सरकार यह कोशिश भी कर रही है कि वह जेल से बाहर न आने पाए.’

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वहीं भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए मराठा के दिग्गज नेता शरद पवार ने कहा कि भाजपा के पास जिन राज्यों में जनाधार नहीं होता है, वहां भी वह सत्ता में बने रहना चाहती है. कर्नाटक, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में उन्होंने ऐसा ही किया. दूसरे दलों में फूट डाली और फिर अपनी सरकार बना ली. ऐसा तब हुआ, जब जनता की ओर से उन्हें जनादेश ही नहीं मिला था.

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