4 घण्टे की दूरी 10 दिन में पूरी कर कोटा जेके लोन अस्पताल पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और प्रभारी मंत्री खाचरियावास

आलाकमान की नाराजगी के बाद बच्चों की सुध लेने पहुंचे मंत्री, अस्पताल प्रशासन ने रातों-रात किया अस्पताल का कायाकल्प, मंत्री जी के स्वागत में बिछाया ग्रीन कार्पेट तो भड़के परिजन, गहलोत ने दौरे को ही बताया बेतुका

स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा
स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को हुई 2 और बच्चों की मौत के बाद अस्पताल में पिछले 34 दिनों में अब तक 106 बच्चों की मौत हो चुकी है. सरकार की संवेदनशीलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोटा अस्पताल में हुई बच्चों की मौत पर पिछले लगभग 10 दिनों से मचे बवाल के बाद जयपुर से मात्र 4 घंटे की दूरी तय कर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और कोटा प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास आज शुक्रवार को कोटा पहुंचे. वहीं प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वास्थ्य मंत्री के कोटा जाने को ही बेतुका बता दिया. सीएम गहलोत ने कहा कि, “स्वास्थ्य मंत्री के कोटा जाने का तुक भी नहीं है, आज जा रहे हैं तो अच्छी बात है, चिकित्सा मंत्री वहां जाकर ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करेंगे.”

स्वास्थ्य मंत्री के कोटा अस्पताल पहुंचने की ख़बर पर प्रशासन ने रातों-रात जेके लोन अस्पताल का कायाकल्प कर दिया. आनन-फानन में अस्पताल की सफाई-पुताई करवाई गई, नई टाइल्स लगवा दीं गईं, आवारा पशुओं, जो सुवर और कुत्ते पूरे अस्पताल परिसर में इतने दिनों से कल तक घूम रहे थे, उनको वहां से हटा दिया गया सभी वार्डों के सभी पलंगों पर नई चादरें बिछा दी गईं, यहां तक की कुछ चापलूस अधिकारियों ने इतने संवेदनशील मुददे पर अस्पताल आ रहे मंत्री जी के स्वागत में ग्रीन कारपेट भी बिछा दिया. लेकिन जब पूरा मामला मीडिया में छाया तो उसे तत्काल वहां से हटा दिया गया.

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वहीं जब स्वास्थ्य मंत्री जी का दौरा हो तो डॉक्टर व पूरे नर्सिग स्टाफ का समय से पहले आना भी लाजमी था, लिहाजा सभी डॉक्टर सुबह 8 बजे ही अपने कमरों में पहुंच गए. वहीं मंत्री जी के स्वागत में बिछाये गये ग्रीन कारपेट पर कुछ मरीजों के परिजनों ने आपत्ति जताई, उनका कहना था कि मंत्री जी किसी उद्धघाटन समारोह में आ रहे हैं या अस्पताल की समस्याएं दूर करने…मंत्री के लिए ग्रीन कारपेट बिछाने से क्या बीत रही, हमसे पूछें. बता दें, जेके लोन कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र का सबसे बड़ा छोटे बच्चों का सरकारी अस्पताल है. लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला भी इसी क्षेत्र से सांसद हैं.

स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा व कोटा जिला प्रभारी मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के अस्पताल पहुंचने से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं ने यहां जमकर हंगामा किया. भाजपा के कुछ कार्यकर्ता यहां मंत्री रघु शर्मा के दौरे का विरोध करने पहुंचे थे. कांग्रेस के भी बडी संख्या में कार्यकर्ता मंत्री का स्वागत करने अस्पताल पहुंचे. भाजपा व कांग्रेस कार्यकर्ताओं में किसी भी तरह की टकराव की स्थिति ना बने इसलिए पुलिस ने मंत्री के पहुंचने से पहले ही विरोध कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद पुलिस ने अस्पताल परिसर में सुरक्षा को और बढा दिया.

अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद मंत्री रघु शर्मा व प्रतापसिंह खाचरियावास पत्रकारों से रूबरू हुए. कोटा इतनी देरी से आने के सवाल पर मंत्री रघु शर्मा ने कहा मैं जयपुर से ही लगातार नजर बनाये हुए था. लगातार सिस्टम में सुधार हो उस पर चर्चा कर रहा हूं. इससे पहले उच्च प्रशासनिक विशेषज्ञों की टीम ने अस्पताल का निरीक्षण किया था. उनकी रिपोर्ट को मैंने ठीक से समझा और जहां-जहां आवश्यक काम करने की जरूरत है उसको हमने समझा है. आज पूरी स्थिती को समझने के बाद यहां आया हूं और जहां काम कराने की जरूरत है उसके लिए आज अधिकारियों को निर्देश दे दिये हैं.

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आगे मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि 2012 में जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी तब इस अस्पताल के लिए 120 बेड के लिए पांच करोड़ रुपए दिए गए थे. लेकिन उसमें से सिर्फ 1.7 करोड़ रुपए ही खर्च किए गए. उस समय सरकार ने 120 में से 60 बेड नवजात बच्चों से संबंधित विभाग के लिए दिए थे. इसके साथ ही मंत्री शर्मा ने पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे इस बात का आश्चर्य हो रहा है कि एक बेड पर दो बच्चों को लेकर आज जो लोग सवाल उठा रहे हैं वे प्रदेश में पांच वर्षों तक सत्ता में रहे, 2012 में बच्चों के लिए 60 बेड की मंजूरी दी गई थी, वे बेड कहां गए? इसका जवाब कौन देगा?

इसके साथ ही मंत्री शर्मा ने कहा कि ये एक अति संवेदनशील मामला है. इस पर किसी भी तरह की राजनीति नहीं करनी चाहिए, एक भी बच्चे की मौत होना हमारे लिए बडे दुःख की बात है. आगामी 15 जनवरी तक अस्पताल में सभी उपकरण उपलब्ध हो जायेंगे. अस्पताल में संसाधनों की जो भी कमी है उसके लिए सरकार ने 1 करोड रूपये जारी किए हैं. वहीं जिला प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी बच्चों की मौत पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि बच्चों के इलाज में कोई समझौता नहीं किया गया है. सरकार की नीयत, सोच व योजनाओं में कोई कमी नहीं है, अगले 24 घंटे में सब कुछ ठीक किया जायेगा.

गौरतलब है कि पिछले लगभग एक महीने से जेके लोन अस्पताल में बच्चे लगातार दम तोड रहे हैं. विपक्ष लगातार इस मामले पर गहलोत सरकार को घेरे हुए है. सीएम गहलोत और महकमे के मंत्री रघु शर्मा के बेतुके बयानों की वजह से यह पूरा मामला पिछले कुछ दिनों से मीडिया की सुर्खियों में भी है. लेकिन जयपुर से मात्र 4 घंटे की दूरी तय करने में महकमे के मंत्री को इतने दिन लग गये, और तो और इतने दिनों बाद गए मंत्री जी के दौरे पर मुख्यमंत्री जी का यह कहना की उनके जाने का कोई तुक नहीं है, ये बात जरा समझ से परे है. इतने दिनों से मंत्री रघु शर्मा खुद कोटा जाने की बजाए राजधानी जयपुर में ही बयानबाजी कर पिछली भाजपा सरकार के वक्त बच्चों की मौतों का आंकड़ा बताते रहे. यहां तक की एकाएक जब मौतों का आंकड़ा अचानक बढ़ने लगा तो भी उन्होंने सिर्फ एक जांच कमेटी को कोटा भेजकर इतिश्री कर ली. कांग्रेस आलाकमान ने गुरूवार को इस मामले पर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे को अपने निवास पर तलब किया था और गहरी नाराजगी व्यक्त की थी. उसके बाद शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और जिला प्रभारी मंत्री खाचरियावास अस्पताल का निरीक्षण करने कोटा पहुंचे.

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आपको बता दें कि सीएम गहलोत ने इस मामले पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन से गुरूवार को वार्ता की थी और कोटा जेके लोन अस्पताल आने के लिए कहा था, जिस पर सक्रियता दिखाते हुए केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को विशेषज्ञों की एक टीम कोटा भेजी. इतना ही नहीं, केन्द्र सरकार ने ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए राजस्थान सरकार को अतिरिक्त मदद देने का आश्वासन भी दिया है.

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