राफेल डील पर आर-पार! कांग्रेस बोली- सबसे बड़ा रक्षा घोटाला, भाजपा ने INC को बताया I Need Commission

राफेल पर फिर खींची आरोपों की तलवारें! फ्रांस मीडिया ने किया 65 करोड़ कमीशन दिए जाने का खुलासा, कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर, तो भाजपा ने भी खोला मोर्चा, लेकिन अब भी बड़ा सवाल 65 करोड़ का कमीशन की कब होगी जांच ?

राफेल डील पर आर-पार!
राफेल डील पर आर-पार!

Politalks.News/RafelDeal. लंबे समय बाद देश की राजनीति को गर्माने के लिए एक बार फिर ‘राफेल का जिन्न’ निकलकर बाहर आ गया है. भारत और फ्रांस के बीच राफेल लड़ाकू विमान हुए सौदे को लेकर फ्रांस की मीडिया ने बड़ा खुलासा किया है. फ्रांस के ‘मीडियापार्ट’ ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि ‘फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने 36 एयरक्राफ्ट की डील के बिचोलिये को 7.5 मिलियन यूरो (करीब 65 करोड़) का कमीशन दिया था’. फ्रांस के मीडियापार्ट के खुलासे के बाद देश की राजनीति में भूचाल आना तय है. कांग्रेस और बीजेपी के बीच इस पूरे मामले को लेकर आरोप प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है. एक ओर जहां कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार द्वारा राफेल डील में भ्रष्टाचार को दफनाने के लिए ऑपरेशन कवर अप चल रहा है. तो वहीं बीजेपी ने भी INC की नई परिभाषा दी है, भाजपा ने कांग्रेस को I Need Commission बताया. तो वहीं राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि भ्रष्ट केंद्र के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी.

राफेल डील को लेकर मीडियापार्ट के खुलासे को लेकर बीजेपी अब कांग्रेस पर हमलवार हो गई है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि, ‘कांग्रेस के काल में हमने लड़ाकू विमान खरीद के समझौते को पूरा होते तो देखा नहीं, लेकिन अब कमीशन लिए जाने का समझौता देख रहे हैं’. पात्रा ने कहा कि, ‘आज ये कहने में अतिश्योक्ति नहीं होगी कि, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे. अरे भाई इस खुलासे ने तो साफ़ कर दिया है कि INC का मतलब है ‘आई नीड कमीशन’ है. बिना कमीशन के ये कुछ नहीं करते. जब से कांग्रेस से है, तब से घोटाला हो रहा है. यूपीए के काल में हर डील के अंदर एक डील था’.

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संबित पात्रा ने कहा कि ‘राहुल गांधी को अवश्य इस पर जवाब देना चाहिए. संबित पात्रा ने कहा कि, ‘कांग्रेस कभी भी बिना कमीशन के कुछ काम नहीं करती. कांग्रेस ने तो कमीशन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए’. संबित पात्रा ने आगे कहा कि ‘कुछ महीने पहले फ्रांस की एक मीडिया कंपनी मीडिया पार्टी ने यह खुलासा किया कि राफेल में भ्रष्टाचार हुआ था. जैसे ही यह खुलासा हुआ कांग्रेस पार्टी ने आव देखा ना ताव और देश के प्रधानमंत्री पर हमला बोला था. उस समय बीजेपी ने कहा था कि इंतजार करिए, समय आएगा तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा’.

प्रेसवार्ता के दौरान संबित पात्रा ने कहा कि, ‘आज जब मीडिया पार्ट ने आर्टिकल के माध्यम से सच्चाई को सामने रखा है तो दिल दहल जाता है’. पात्रा ने कहा कि, ‘कांग्रेस की सरकार में ही पार्टी ने 2007 से 2012 के बीच राफेल में जमकर कमीशनखोरी की. इस डील में एक बिचौलिए का नाम भी सामने आया है और सुशेन गुप्ता को 65 करोड़ रुपये दिये गये थे’. संबित पात्रा ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘कांग्रेस में पुराने समय से घुसखोरी चरम पर रही है और जीप घोटाले से लेकर कई तरह के घोटाले कांग्रेस पार्टी ने किये हैं’. संबित पात्रा ने सुशेन गुप्ता के कांग्रेस से रिश्ते की जांच की भी मांग उठाई है.

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वहीं कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पवन खेड़ा ने कहा कि, ‘राफेल देश का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है, और इस पूरे मामले में रिश्वतखोरी को दफनाने की कोशिश की गई है’. खेड़ा ने आगे कहा कि, ‘मोदी सरकार द्वारा राफेल डील में भ्रष्टाचार को दफनाने के लिए ऑपरेशन कवर अप चल रहा है. पिछले 5 सालों में जो आरोप है वो देश की सत्ता में बैठे उच्चतम लोगों तक जा रहा है’.

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि, ‘4 अक्टूबर 2018 को बीजेपी के पूर्व मंत्री और एक वरिष्ठ वकील ने तत्कालीन CBI के निदेशक को इस सौदे से जुड़े दस्तावेज सौंपे और इस मामले को लेकर 11 अक्टूबर 2018 को मॉरीशस सरकार ने भी CBI को अपने दस्तावेज सौंपे थे’. पवन खेड़ा ने आगे कहा कि, ‘इस पूरे मामले में आज 2 साल बीत चुके हैं और इसमें कोई भी जांच शुरू नहीं हुई. इस दौरान बीजेपी ने आधी रात को आलोक वर्मा CBI निदेशक के पद से दिया गया और अपने चहेते नागेश्वर राव को निदेशक बना दिया. कांग्रेस पार्टी ये जानना चाहती है कि आखिर 36 महीनों में अब तक किसी ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? ये कोई 60-65 करोड़ घोटाले का मामला नहीं है ये देश की सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है’.

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वहीं इससे पहले राहुल गांधी ने मीडियापार्ट के खुलासे की एक रिपोर्ट ट्वीटर पर साझा करते हुए कहा कि, ‘जब पग-पग पर सत्य साथ है, तो फ़िक्र की क्या बात है? मेरे कांग्रेस साथियों- भ्रष्ट केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ ऐसे ही लड़ते रहो. रुको मत, थको मत, डरो मत!’. राहुल द्वारा साझा की गई रिपोर्ट के अनुसार राफेल डील में बिचौलिये को कमीशन दिलाने के लिए नकली इनवॉइस भी बनाये गए थे.

दरअसल फ्रांस के पोर्टल मीडियापार्ट की रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांसीसी विमान निर्माता डसॉल्ट ने भारत को 36 राफेल लड़ाकू विमानों की बिक्री को सुरक्षित करने के लिए एक बिचौलिए को 7.5 मिलियन यूरो (65 करोड़ रुपए) का कमीशन दिया. इसके साथ ही मीडियापार्ट की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि,’केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सहयोगियों के पास अक्टूबर 2018 से सबूत हैं कि दसॉल्ट ने बिचौलिए सुशेन गुप्ता को कम से कम 65 करोड़ का सीक्रेट कमीशन भुगतान किया है. तो वहीं, भारतीय एजेंसियों ने ​इस मामले से सम्बंधित सभी डॉक्युमेंट्स होने के बावजूद भी इसकी जांच शुरू नहीं की.

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