Arvind Kejriwal & Bhagwat Maan in Jaipur. राजस्थान में विधानसभा चुनावों को 8 महीनों से भी कम समय बचा है. पंजाब, गोवा और गुजरात विधानसभा में मिली सफलता के बाद अब आम आदमी पार्टी (AAP) राजस्थान में अब सियासी जमीन तलाश रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर आप इस बार पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है. चुनावी तैयारियों के चलते आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आज यानी सोमवार को जयपुर आ रहे हैं. दोनों यहां पहली बार शक्ति प्रदर्शन करने वाले हैं और उसके बाद जनसभा को संबोधित करेंगे. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी जयपुर में तिरंगा यात्रा निकालने जा रही है.
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तिरंगा यात्रा के जरिए अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान राजस्थान में चुनावी तैयारियों का आगाज करेंगे. तिरंगा यात्रा सांगानेरी गेट से होते हुए अजमेरी गेट तक जाएगी. यात्रा में राजस्थान के कई जिलों से आप के कार्यकर्ता जयपुर आएंगे. इसके लिए प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार किया गया है.
आप के राजस्थान प्रभारी विनय मिश्रा के अनुसार, पार्टी ने केवल 15 दिन में संगठन नहीं होते हुए भी 4.50 लाख नए मेंबर बनाए हैं. जनता के रिस्पॉन्स को देखते हुए तिरंगा यात्रा का कार्यक्रम रखा गया है. केजरीवाल के आने के साथ साथ ये संभावना भी जताई जा रही है कि इस जनसभा के बाद केजरीवाल राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष की घोषणा कर सकते हैं. वर्तमान में राजस्थान में आप की कार्यकारिणी नहीं है. ऐसे में प्रदेश कार्यकारिणी के अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी नियुक्ति की घोषणा की जा सकती है.
हालांकि राजस्थान की सियासी जमीन आम आदमी पार्टी के लिए नयी नहीं है. 2018 विधानसभा चुनावों में पार्टी ने प्रदेश में सियासी जमीन तलाशने की कोशिश की थी, लेकिन आप को नोटा से भी कम वोट मिले थे. राजस्थान विस चुनावों में नोटा को 1.4 फीसदी यानी 422542 वोट मिले थे जबकि आम आदमी पार्टी को केवल 0.4 फीसदी यानी 120778 वोट मिले थे. दूसरी ओर, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 और पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में भारी बहुमत की सरकार बनाने के बाद पड़ोसी राज्य राजस्थान में आप को सियासी भविष्य दिख रहा है.
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गुजरात में भी 2017 विस चुनावों में खाली हाथ रही आप को पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में 5 सीटों पर जीत मिली थी. इस सफलता के बाद राजस्थान में आप पूरी ताकत के साथ उतरने जा रही है. आम आदमी पार्टी प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने पर विचार कर रही है.
वैसे देखा जाए तो राजस्थान में आम आदमी पार्टी का कोई जनाधार नहीं है लेकिन पिछले कुछ महीनों में पार्टी के कार्यकर्ता जिस तरह साइलेंट प्रचार कर रहे है और घर घर जाकर दिल्ली और पंजाब मॉडल का उदाहरण आमजन के सामने रख रहे है, उससे पार्टी की उपस्थिति धीरे धीरे बढ़ रही है. वैसे तो राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस सहित आधा दर्जन से अधिक राजनीतिक पार्टियां हैं जिनकी विधानसभा में उपस्थिति है. ऐसे में आम आदमी पार्टी का मैदान में उतरना बीजेपी और कांग्रेस के लिए वोट कटवा साबित होने वाला है. गौरतलब है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी के 32 उम्मीदवार बीजेपी के बाद नंबर दो पर रहे थे. ऐसे में आप की राजस्थान विस चुनावों में उपस्थिति बीजेपी और कांग्रेस दोनों को परेशान करेगी, यह पक्का है.