Politalks.News/HanumanBeniwal. राजस्थान के साथ-साथ देशभर में धर्म और आस्था का सबसे बड़ा केंद्र बनते जा रहे बाबा श्याम की नगरी खाटूधाम में सावन मास के चौथे सोमवार को अलसुबह हुई दर्दनाक घटना ने सभी को भाव विभोर कर दिया है. सीकर जिले में स्थित खाटूश्यामजी मंदिर में सोमवार को एकादशी के मौके पर आयोजित मासिक मेले में अचानक हुई भगदड़ ने तीन महिलाओं की जिंदगी लील ली. इस दर्दनाक हादसे में 4 लोगों के घायल होने की खबर भी सामने आई है. वहीं अब इस दुखान्तिका को लेकर स्थानीय प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है. प्रशासन पर आरोप लगा है कि एकादशी के मौके पर भारी भीड़ के आने की आशंका के बावजूद पुलिस अमला पहले से तैयार नहीं था. इसी बीच नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल ने इस घटना पर दुःख जताते हुए हादसे के लिए मंदिर प्रबंधन समिति के साथ पुलिस व स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले की संभागीय आयुक्त को जांच सौंप दी है.
आपको बता दें, कलियुग के अवतार के रूप में मशहूर हो चुके बाबा श्याम की नगरी खाटूश्यामजी में हर एकादशी के मौके पर मासिक मेले का आयोजन होता है. हर महीने की एकादशी और द्वादशी पर प्रदेश के साथ-साथ देशभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन करने खाटु पहुंचते हैं. ठीक ऐसा ही नजारा सोमवार को भी देखने को मिला लेकिन सुबह 4 बजे जब दर्शन के लिए पट खुले तो वहां मौजूद भीड़ दर्शन करने के लिए आगे की तरफ धक्का देने लगी. इसी बीच एक महिला वहां बेहोश होकर गिर पड़ी. इसके चलते पीछे आ रहे लोग भी गिरने लगे और भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में 3 महिलाओं की मौत हो गई तो वहीं करीब 4 लोग घायल हो गए. इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई दिग्गजों ने अपनी अपनी संवेदना प्रकट की. तो वहीं इस भगदड़ को लेकर अब प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं. लोगों का कहना है कि हर महीने की तरह ही यहां इतनी भीड़ एकत्रित हुई थी लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल तैनात नहीं था. आरोपों के बीच सीएम गहलोत ने इस घटना की जांच संभागायुक्त विकास सीताराम भाले को सौंप दी.
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वहीं नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल ने जहां घटना को लेकर अत्यंत दुःख जताया तो वहीं पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर सवाल भी उठाए. सांसद हनुमान बेनीवाल ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘खाटूश्यामजी मंदिर जन-जन की आस्था का केंद्र है. ऐसे में कल से वहां भारी भीड़ होने के बावजूद मंदिर प्रबंधन समिति ने स्थिति का कोई जायजा नहीं लिया. सुरक्षा व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों तथा वहां कार्यरत निजी सुरक्षा एजेंसी के जिम्मेदारों की बड़ी चूक के कारण आज वहां हादसा हो गया. इस हादसे में दर्शन के लिए आए कुछ भक्त काल कवलित हो गए.’ सांसद बेनीवाल ने मंदिर प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि, ‘मंदिर में वीआईपी दर्शन के नाम पर बड़ी लूट की जाती है और पैसे से दर्शन करवाने की व्यवस्था के कारण भी आम जन को वहां दर्शन करने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.’
इस दौरान सांसद बेनीवाल में सालों पहले जोधपुर के मेहरानगढ़ फोर्ट में स्थित मंदिर में मची भगदड़ का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘पूर्व में जोधपुर स्थित मेहरानगढ़ फोर्ट में स्थित मंदिर में हुए बड़े हादसे के बाद सरकार को सबक लेने की जरूरत थी. मगर मेहरानगढ़ हादसे के बाद ऐसे बड़े मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के स्थान पर मेहरानगढ़ हादसे की रिपोर्ट दबा दी गई और कई लोगो को बचाया गया. अतः मेरी सरकार से मांग है कि इस हादसे में दिवगंत हुए लोगों के आश्रितों को 25 -25 लाख रूपये की आर्थिक सहायता व आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए. साथ ही सीकर कलक्टर व एसपी को निलंबित किया जाए.’ सांसद बेनीवाल ने आगे कहा कि, ‘जिले में इंटेलिजेंस का दायित्व देखने वाले जिम्मेदारों को भी तत्काल वहां से हटाया जाएं एवम मंदिर प्रबंधन समिति के विरुद्ध गैर इरादतन आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएं.’
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वहीं सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस पुरे मामले की न्यायिक जांच की भी मांग की है. हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘इस दर्दनाक घटना की तत्काल न्यायिक जांच करवाई जाए. ऐसी घटनाओं की पुनरावृति भविष्य में नहीं हो उसकी सुनिश्चिता करते हुए मंदिर की तमाम व्यवस्थाओं का दायित्व सरकार के देवस्थान विभाग के अधीन ले लेना चाहिए. मैंने घटना संज्ञान में आने के बाद तत्काल मौके पर सीकर से पार्टी के जिला अध्यक्ष श्री महेंद्र डोरवाल व अन्य सदस्यो को भेजा है. मेरी संवेदनाएं उक्त हादसे में दिवगंत हुए लोगो के परिजनों के साथ है.