Politalks.News/Rajasthan. पांच में से चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को राजस्थान में गहलोत सरकार (Gehlot Sarkar) को घेरने का एक और बड़ा मुद्दा मिल गया है. दरअसल, महाराष्ट्र के नासिक में अदालत के आदेश पर वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) सहित 15 अन्य लोगों पर राजस्थान में ई-टायलेट बनाने का टेंडर दिलाने के नाम पर बड़ी साठगांठ ठगी करने का मामला दर्ज हुआ है. पूरे मामले में छह करोड़ के भ्रष्टाचार (Corruption of six crores) की बात सामने आई है. हालांकि पुलिस सूत्रों की मानें तो अभी नासिक पुलिस इस बात की जांच में जुटी है की ये वैभव गहलोत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र ही हैं या कोई और वैभव गहलोत के नाम से मामला दर्ज हुआ है. वहीं वैभव का नाम सामने आते ही सियासत गरमा गई है और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां (BJP State President Satish Poonia) ने एक ट्वीट कर सीएम गहलोत और उनके बेटे वैभव गहलोत पर निशाना साधा और मुख्यमंत्री गहलोत से मामले में स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है.
वैभव गहलोत समेत 15 लोगों के नाम शामिल
प्राथमिक जानकारी के अनुसार कथित भ्रष्टाचार के इस मामले को लेकर महाराष्ट्र के नासिक के गंगापुर पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज हुआ है. इस मामले में वैभव गहलोत समेत 15 लोग शामिल हैं. CRPC 156 के तहत यह मामला दर्ज हुआ है. इस मामले में जोधपुर-अहमदाबाद के लोगों के शामिल होने के संबंध में जानकारी मिली है. वहीं घटना के खुलासे के बाद महाराष्ट्र से लेकर राजस्थान की सियासत में भूचाल आ गया है.
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पूनियां का तंज- माननीय मुख्यमंत्री जी को स्थिति करनी चाहिए स्पष्ट
इस मामले में वैभव गहलोत का नाम सामने आने के बाद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने ट्वीट कर निशाना साधा है. पूनियां ने अपने ट्वीट में सीएम गहलोत को घेरते हुए लिखा है कि, ‘मुख्यमंत्री जी के सुपुत्र का नाम इन मराठी ख़बरों में सुनाई दे रहा है, माननीय मुख्यमंत्री जी को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, राजस्थान की जनता सिर्फ़ सच्चाई जानना चाह रही है‘. सियासी जानकारों का कहना है कि सोमवार को विधानसभा के बजट सत्र में भाजपा इस मामले को लेकर कांग्रेस सरकार को जमकर घेरेगी.
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जानें क्या है मामला
आपको बता दें, नासिक के एक व्यापारी सुशील पाटिल के साथ ठगी हुई है. इस संबंध में गंगापुर रोड क्षेत्र के सुशील पाटिल की शिकायत पर गंगापुर रोड थाने में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने गुजरात में संदिग्धों की जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने बताया है कि सुशील भालचंद्र पाटिल गुजरात और जोधपुर के कुछ लोगों के संपर्क में आए. इसमें सचिन भाई पुरुषोत्तम भाई वेलेरा, वैभव गहलोत, किशन कोंटेलिया, सरदार सिंह चौहान, प्रवीण सिंह चौहान, सुहास सुरेंद्रभाई मकवाल, नीरवभाई, महेशभाई, प्रज्ञेश कुमार विनोदचंद्र प्रकाश, संजय कुमार देसाई, सवनुकमार पारनेर, रिशिता शाह और कई अन्य लोगों ने पाटिल को काफी मुनाफा दिलाने का झांसा दिया. राजस्थान सरकार में ई-टॉयलेट और पर्यटन विभाग के विज्ञापन से जुड़ा ये पूरा मामला बताया जा रहा है. लालच यह था कि इसमें निवेश करने से भारी मुनाफा होगा. पाटिल इसी मुनाफे के जाल में फंस गए और उन्हें शिकार बना लिया गया. इस बीच पता चला है कि आरोपियों में वैभव गहलोत और राजस्थान के मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगी शामिल हैं. हालांकि पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि वैभव गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे हैं या किसी और व्यक्ति का नाम है.