उप्र में भाजपा की योगी सरकार (Yogi Adityanath Government) समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रह है. एक तरफ जहां आजम खान (Azam Khan) के खिलाफ कई मामले दर्ज करने के बाद तेजी से कार्रवाई हो रही है, वहीं सपा नेताओं को उस संपत्ति से बेदखल करने का सिलसिला शुरू हो चुका है, जो सरकार के नियंत्रण में है. इसी के तहत उप्र सरकार के राज्य संपत्ति विभाग ने विक्रमादित्य मार्ग स्थित लोहिया ट्रस्ट (Lohia Trust) का बंगला शुक्रवार को खाली करवा लिया. यह बंगला लंबे समय से सपा के कब्जे में था.

लोहिया ट्रस्ट (Lohia Trust) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) हैं और शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) ट्रस्ट के सचिव हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) सहित अन्य समाजवादी नेता इस ट्रस्ट के सदस्य हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य संपत्ति विभाग ने लोहिया ट्रस्ट के नाम आबंटित विक्रमादित्य मार्ग स्थित बंगले को खाली कराने का नोटिस दिया था. इसके बाद कई नोटिस और दिए गए. फिर भी बंगला खाली नहीं किया गया था. इस पर लोहिया ट्रस्ट का कब्जा बना हुआ था. शुक्रवार को ट्रस्ट ने इस बंगले में रखा सामान हटा लिया था. इस बंगले को लेकर लोक प्रहरी की ओर से रिटायर्ड आईएएस एसएन शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि लोहिया ट्रस्ट सहित कई बंगले नियम विरुद्ध आबंटित किए गए हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने लोहिया ट्रस्ट के बंगले सहित अन्य अनिधिकृत बंगलों को चार माह में खाली करने का आदेश जारी कर दिया था.

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विक्रमादित्य मार्ग पर लोहिया ट्रस्ट के लिए बंगले का आबंटन एक जनवरी 2017 को एक नए अधिनियम के तहत किया गया था. नए अधिनियम में लोहिया ट्रस्ट को बंगले के आबंटन की मियाद पांच साल से बढ़ाकर दस साल कर दी गई थी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ही उप्र में पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले खाली करा लिए गए थे. लोहिया ट्रस्ट ने बंगला खाली करने के लिए राज्य संपत्ति विभाग से मोहलत मांगी थी. आबंटन रद्द होने के बाद ट्रस्ट बाजार दर के मुताबिक प्रतिमाह 70 हजार रुपए बंगले का किराया दे रहा था.

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