Politalks.News/Uttarpardesh. देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव की तैयारियों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल्द ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने वाले हैं. पॉलिटॉक्स के पास मंत्री बनने वाले नेताओं के नाम हैं. बड़ी खबर है कि जितिन प्रसाद और संजय निषाद को मंत्री बनाया जा सकता है.
बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि, ‘अगले 5 दिनों के भीतर उत्तरप्रदेश में योगी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 अगस्त को राष्ट्रपति अयोध्या में राम मंदिर दर्शन करने जाएंगे और उसके बाद वह दिल्ली रवाना हो जाएंगे. इसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख़ तय हो जाएगी, सूत्रों के मुताबिक़ 30, 31 अगस्त या फिर 1 सितम्बर को विस्तार हो सकता है.
ब्राह्मण, निषाद पर खास फोकस
जितिन प्रसाद यूपी के क़द्दावर ब्राह्मण परिवार से आते हैं. ब्राह्मणों की नाराज़गी दूर करने के लिए जितिन प्रसाद को उत्तर प्रदेश में मंत्री बनाया जा सकता है. दूसरा नाम संजय निषाद का है, जिन्हें यूपी विधान परिषद में भेजा जा सकता है. संजय निषाद, निषाद पार्टी के संस्थापक हैं और बीजेपी के सामने दबाव बना रहे हैं कि उन्हें उपमुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करके चुनाव मैदान में उतारा जाए.
योगी मंत्रिमंडल के संभावित मंत्रियों की लिस्ट देखिए-
जितिन प्रसाद- ब्राह्मण चेहरा
संजय निषाद- निषाद समुदाय
संगीता बलवंत विंद- निषाद समुदाय
सोमेंद्र गुर्जर- गुर्जर समुदाय
तेजपाल नागर- गुर्जर समुदाय
एमपी सेंथवार- पटेल समाज
आशीष पटेल- पटेल समाज
संजय गोंड- गोंड समुदाय
राहुल कौल- ब्राहम्ण चेहरा
मंजू सिवाच- जाट समुदाय
सहेंद्र रमाला- जाट समुदाय
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हर तबके पर साधने की कोशिश
इस मंत्रिमंडल विस्तार में 6 नए मंत्री बनाए जाएंगे. मंत्रिमंडल विस्तार में हर तबके, समुदाय और हर क्षेत्र को साधने की कोशिश होगी. जितिन प्रसाद को मंत्री के अलावा एमएलसी भी बनाया जाएगा. जानकारी यह भी मिल रही है कि यूपी में 150 से ज़्यादा राजनीतिक नियुक्तियां की जाएंगी. चुनाव से पहले पूर्व ज़िलाध्यक्ष से लेकर ज़िले के बड़े नेताओं को सरकार में समायोजित किया जाएगा. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद पूरे प्रदेश में वरिष्ठ नेताओं को सरकार के बोर्ड, निगमों में नियुक्त किया जाएगा.
योगी मंत्रिमंडल की वर्तमान स्थिति
फिलहाल योगी मंत्रिमंडल में 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 22 राज्यमंत्री हैं. यानी मंत्रियों की संख्या कुल 54 है. नियमों के मुताबिक, अभी 6 मंत्री पद खाली हैं. ऐसे में योगी जल्द से जल्द मंत्रिमंडल विस्तार करेंगे. इसमें ओबीसी, ब्राह्रण के साथ ही अन्य जातियों को साधने की कोशिश हो सकती है.
दूसरी बार मंत्रिमंडल का विस्तार
प्रदेश सरकार के 19 मार्च 2017 को गठन के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार का 22 अगस्त 2019 को मंत्रिमंडल विस्तार किया गया था. उस दौरान मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे. कोरोना संक्रमण से तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है. पहले मंत्रिमंडल विस्तार में छह स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को कैबिनेट की शपथ दिलाई गई थी, इसमें तीन नए चेहरे भी थे.
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सीधा चुनावों पर पड़ेगा असर
उत्तर प्रदेश का राजनितिक कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री समेत केंद्र सरकार के कई मंत्री यूपी से ही ताल्लुक रखते हैं. देश की सियासत में ये भी कहा जाता है की दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर गुजरता है. उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव कुछ महीने बाद ही होने वाले हैं, ऐसे में मंत्रिमंडल करते समय योगी आदित्यनाथ सरकार को समझदारी से काम लेना होगा. क्योंकि इस मंत्रिमंडल विस्तार का सीधा असर चुनावों पर पड़ेगा.