AAP party’s big attack on Modi government: देश की राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर पहलवानों व दिल्ली पुलिस की झड़प के बाद से देश की सियासत की सियासत गर्मा गई है. बीते 13 दिन से धरना दे रहे पहलवानों के समर्थन में अब विपक्षी दलों के नेता खुलकर सामने आ रहे है. इस घटना को लेकर आम आदमी पार्टी के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष नवीन पालीवाल ने आज पत्रकारों से रूबरू होकर इस घटना की निंदा करते हुए केंद्र सरकार व दिल्ली पुलिस पर जमकर निशाना साधा.
आप के प्रदेश अध्यक्ष नवीन पालीवाल ने प्रदेश आम आदमी पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि कल रात की घटना के बाद से तो ऐसा लगने लगा है कि अब राजधानी दिल्ली में शांतिपूर्ण धरना करना भी मुश्किल हो गया है, जहां धरना देने वाले लोग भी सुरक्षित नहीं है. देश के लिए मेडल जीतने वाले पहलवान आरोप लगा रहे हैं कि उनके साथ पुलिसकर्मियों ने भी मारपीट की है. इस घटना पर केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे पुलिसकर्मियों पर तत्काल कार्रवाई करें.
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नवीन पालीवाल ने आगे कहा कि पहलवानों पर हुए हमले को लेकर जब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल पहलवानों से मिलने जाती हैं, तो पुलिस ने उनको भी हिरासत में ले लिया गया. पालीवाल ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि क्या आज देश इस स्थिति में आ गया है कि संकट के वक्त कोई जनप्रतिनिधि देश के लिए मेडल जीतने वाले पहलवानों से नहीं मिल सकता है. अगर बात कानून व्यवस्था की है कि स्वाति मालीवाल के वहां जाने से कानून व्यवस्था का इश्यू हो जाता, तो केंद्र सरकार बताए कि स्वाति मालीवाल या फिर अन्य नेताओं के जंतर मंतर पर जाने से आपको कानून व्यवस्था की चिंता सताने लगी, लेकिन जब पहलवानों पर हमला हो रहा था तो उन पहलवानों की चिंता आपको क्यों नहीं सताई ?
नवीन पालीवाल ने कहा कि ये जो पूरा बवाल है ये सिर्फ केंद्र की बीजेपी सरकार की हठधर्मिता के कारण उपजा है. बीजेपी देश के लिए मेडल जीतने वाले पहलवानों की बात नहीं मान रही है. सिर्फ और सिर्फ अपने सांसद बृज भूषण शरण सिंह को बचाने की कोशिश में लगी हुई है. केंद्र सरकार चाहती तो पहलवानों को अपनी मांगों को लेकर धरने पर नहीं बैठना पड़ता.
पालीवाल ने आगे कहा कि बीजेपी अपने उस नेता को बचाने की कोशिश कर रही है, जिसका विवादों से पुराना नाता रहा है. वर्ष 2021 में भी सुशील कुमार और अन्य खिलाड़ियों ने टोक्यो ओलंपिक की चयन प्रक्रिया को लेकर भी बृजभूषण शरण सिंह पर सवाल उठाए थे, उस दौरान उनके द्वारा खिलाड़ियों के ट्रायल सही तरीके से कंडक्ट नहीं कराए जाने के आरोप लगे थे, इतना ही नहीं 2019 में सीबीआई ने बृजभूषण के खिलाफ करप्शन का केस रजिस्टर किया था जो अभी भी चल रहा है. ऐसे विवादित छवि वाले नेता पर बीजेपी कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है, क्या ऐसी मजबूरी है जो बीजेपी और केंद्र सरकार को बृजभूषण शरण सिंह पर कार्रवाई करने से रोक रही.