पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष एवं पार्टी सांसद राहुल गांधी दिल्ली में विपक्षी गठबंधन की जनसभा में बयान देकर एक बार फिर से फंस गए हैं. राजनीति हलकों में चर्चा है कि इस बार राहुल गांधी लोकसभा चुनाव लड़ने से भी जा सकते हैं. वजह है कि भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी की शिकायत निर्वाचन आयोग में की है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी की टिप्पणी आपत्तिजनक है और यह न केवल आचार संहिता का उल्लंघन है बल्कि इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं. ऐसे में अगर आरोप साबित होता है और निर्वाचन आयोग एक्शन लेता है तो राहुल गांधी को चुनाव के लिए अयोग्य साबित किया जा सकता है.
दरअसल, दिल्ली के रामलीला मैदान में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मैच फिक्सिंग वाली टिप्पणी की थी. बीजेपी के अनुसार, राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव फिक्स है. इसे लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने चुनाव आयोग में अधिकारियों से इसकी शिकायत की. बीजेपी के कहे अनुसार, ‘राहुल गांधी ने रैली में केंद्र सरकार ने निर्वाचन आयोग में अपने लोगों को तैनात करने और ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए चुनाव के बाद संविधान बदलने की बात कही है.’ बीजेपी ने राहुल गांधी, कांग्रेस नेताओं के साथ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.
रैली में राहुल गांधी ने पीएम पर क्या बोला
रविवार को रामलीला मैदान में विपक्षी गठबंधन की रैली में राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इस लोकसभा चुनाव में मैच फिक्सिंग की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि भारी बहुमत से चुनाव जीतकर संविधान खत्म किया जा सके. उन्होंने लोगों का अपील की कि वे इस मैच फिक्सिंग को रोकने के लिए पूरी ताकत से मतदान करें, क्योंकि यह संविधान और लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है.
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इसके बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कांग्रेस के वायनाड सांसद राहुल गांधी पर बार-बार ऐसे बयान देने का आरोप लगाया. पुरी ने कहा कि निर्वाचन आयोग को लोकसभा चुनावों के दौरान उनको बोलने से रोकने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस नेता ऐसी टिप्पणियां करना बंद नहीं करेंगे. मालूम हो कि गुजरात चुनाव में पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गयी थी. हालांकि कोर्ट में इसे चुनौती देते हुए राहुल गांधी को फिर से सदन में बहाल किया गया था. सार्वजनिक तौर पर इस तरह के बयान देकर राहुल गांधी खुद के साथ कांग्रेस के लिए मुश्किलें पैदा कर रहे हैं. अगर इस बार भी चुनाव आयोग उनके खिलाफ कोई एक्शन लेता है तो एक स्टार प्रचारक होने के चलते कांग्रेस और गठबंधन को फिर से मुंह की खानी पड़ सकती है.