अभिनेता से राजनेता बने मिथुन चक्रवर्ती इन दिनों पश्चिम बंगाल में हैं और सत्ताधारी ममता बनर्जी की सरकार पर जमकर धावा बोल रहे हैं. हाल में मिथुन चक्रवर्ती केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा ‘दादा साहब फाल्के पुरस्कार’ से सम्मानित होने के बाद खासे चर्चा में चल रहे हैं. पश्चिम बंगाल में साल्ट लेक में बीजेपी के सदस्यता अभियान में शामिल होते हुए मिथुन ने सीएम ममता बनर्जी को चैलेंज देते हुए कहा कि अगर आप हमारे झाड़ का एक फल तोड़ोगे, तो हम आपके झाड़ का 4 फल तोड़ेंगे. ये 28 साल का मिथुन बोल रहा है. हमने खून की राजनीति की है, हमें सब पता है. पूर्व राज्यसभा सांसद मिथुन ने दावा किया है कि अगर हमारे पास 1 करोड़ सदस्य हैं, तो 2026 में हमारी सरकार होगी.
एक करोड़ सदस्यता बनाने का आह्वान करते हुए बीजेपी नेता मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि ये हमको मारेंगे, हिंदू वोटर्स को वोट नहीं देने देंगे. अगर वो हमारे हिंदू वोटर्स को वोट नहीं देने देंगे. तो अगले साल उनके वोटर्स वोट नहीं दे पाएंगे. उन्होंने कहा कि मैं होम मिनिस्टर के सामने बोल रहा हूं. कुछ भी, कुछ भी मतलब कुछ भी. कुछ भी के अंदर बहुत संदेश छुपा है.
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37 दिन गुड़-चीनी खाकर प्रचार किया
मिथुन चक्रवर्ती ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि कई लोगों ने मुझसे कहा, मैं आगे आऊंगा. इससे पहले मैंने 37 दिनों तक चीनी और गुड़ खाकर प्रचार किया था. लेकिन नतीजे से मैं बहुत दुखी हूं. सुकांत दा कहते हैं कि अगर हमें 3 फीसदी वोट मिले तो हम जीत जाएंगे. मुझे एक चाहिए आपसे वादा है..तभी मैं आगे आऊंगा. क्या हम 1 करोड़ सदस्य बना सकते हैं? फिर मैंने वादा किया, 2026 में हमारे पास मकसद होगा और हम इसके लिए सब कुछ कर सकते हैं.
महीने में 20 दिन करेंगे पार्टी का काम
बीजेपी नेता मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि वह नवंबर से महीने के 20 दिन पार्टी के लिए रखेंगे और अपने काम के लिए केवल 10 दिन रखेंगे. उनका दावा है कि अगर वह काम नहीं करेंगे तो उन्हें खाना नहीं मिलेगा. मिथुन ने यह भी कहा कि वह मार्च से राज्य में एक जिले से दूसरे जिले, गांव से गांव तक यात्रा करेंगे.
बंगाली बॉय टीएमसी से सांसद भी रहे
मिथुन चक्रवर्ती का जन्म पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुआ है. फिल्मों में 4 दशकों से ज्यादा से एक्टिव मिथुन टीएमसी की ओर से राज्यसभा के सांसद भी रह चुके हैं. फिलहाल मिथुन भारतीय जनता पार्टी में हैं. इस बार लोकसभा चुनाव में उनके आम चुनाव में खड़े होने की संभावनाएं जताई जा रही थी लेकिन बिमारी की वजह से ऐसा हो न सका. मिथुन चक्रवर्ती ने अपने फिल्मी करियर में 350 से ज्यादा और 8 भाषायी फिल्मों में काम किया है. भारतीय सिनेमा में मिथुन चक्रवर्ती के योगदान के लिए उन्हें 70वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स समारोह के दौरान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.