झारखंड में भारी बहुमत के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में इंडिया ब्लॉक ने सरकार बनाने की कवायत करना शुरू कर दिया है. हेमंत सोरेन ने चुनाव नतीजे आने को लेकर राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. उनका लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनना तय है. झामुमो एक बार फिर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. 81 सीटों वाली झारखंड विधानसभा में इंडिया ब्लॉक को 56 सीटों पर जीत मिली है. इसमें जेएमएम ने 34, कांग्रेस ने 16, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को चार सीटों पर विजयश्री मिली है. दो सीट लेफ्ट के खाते में भी गयी है.
बीजेपी 21 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर है. पिछली बार की तरह कांग्रेस भी इस गठबंधन का महत्वपूर्ण हिस्सा है. डिप्टी सीएम की मांग खारिज होने के बाद अब कांग्रेस 4 मंत्रियों की डिमांड कर रही है. हालांकि इस बार सहमति बनना अभी शेष है.
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इससे पहले कांग्रेस डिप्टी सीएम पद की डिमांड कर रही थी, लेकिन हेमंत सोरेन इसके लिए बिलकुल भी राजी नहीं थे. अब प्रदेश में नंबर तीन पार्टी कांग्रेस ने चार मंत्री पद की डिमांड रही है. कांग्रेस ने इस डिमांड के पीछे 4:1 का फॉर्मूला भी सेट किया है. पिछले विधानसभा चुनावों में चार विधायकों पर एक मंत्री के फॉर्मूले से कांग्रेस को चार मंत्री पद मिल पाए थे. उस समय भी कांग्रेस के 16 ही विधायक थे जबकि झामुमो का संख्या बल 30 था. पार्टी के हिस्से सीएम सहित सात मंत्री पद आए, जबकि एक मंत्री राजद से बना था. इस बार राजद के खाते में चार सीटें आयी हैं. ऐसे में कम से कम एक मंत्री राजद के खेमे से भी बनने निश्चित है.
नई सरकार में 13 मंत्री बनने तय
चार विधायक पर एक मंत्री वाले कांग्रेस के फॉर्मूले को देखा जाए तो इंडिया ब्लॉक के विधायकों की कुल संख्या 56 है. ऐसे में कांग्रेस के फॉर्मूले के तहत झारखंड की नई सरकार में 14 से 15 मंत्री बनाया जाना है. हालांकि ऐसा संभव होते नहीं दिख रहा है. गौरतलब है कि किसी भी राज्य में राज्य सरकार के मंत्रियों की संख्या विधानसभा की कुल सदस्य संख्या के 15 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती है. झारखंड विधानसभा की कुल सदस्य संख्या 81 है. ऐसे में राज्य सरकार में सीएम सहित अधिकतम 12 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं. मंत्रियों की संख्या 13 भी नहीं हो सकती. कांग्रेस के इस फॉर्मूले से देखें तो राजद को भी एक मंत्री पद मिल जाएगा. मगर दो विधायकों वाला लेफ्ट खाली हाथ रह जाएगा. अगर पिछली बार की तरह हेमंत सोरेन अपनी पार्टी के विधायकों को मना पाएं तो झामुमो के 5 मंत्रियों के साथ लेफ्ट के लिए भी मंत्री पद की राह खुल सकती है.