प्रवासी राजस्थानियों पर की गई हिंसा को लेकर ममता बनर्जी से जवाब क्यों नहीं मांगते CM गहलोत- पूनियां

गृहविभाग की गाइडलाइन का हुआ खुला उल्लंघन, पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं पर हिंसा के विरोध में सतीश पूनियां के नेतृत्व में प्रदेशभर में किये गये धरने प्रदर्शन, ममता बनर्जी पर साधा निशाना- घमंड तो रावण का भी टूटा और हिटलर का भी सर्वनाश हुआ, हिंसा पर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत मौन क्यों हैं, ट्विटर पर पार्ट टाइम पॉलिटिक्स करते हैं क्या- पूनियां

हिंसा को लेकर ममता बनर्जी से जवाब क्यों नहीं मांगते CM गहलोत- पूनियां
हिंसा को लेकर ममता बनर्जी से जवाब क्यों नहीं मांगते CM गहलोत- पूनियां

Politalks.News/Rajasthan. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की मतगणना के बाद से हो रही हिंसा पर पूरे देश में भाजपा की सियासत गर्माई हुई है. जिसके तहत गृह विभाग की गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए भाजपा ने आज बंगाल की हिंसा के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत जयपुर में प्रदेश भाजपा मुख्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया. पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा के विरोध में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आव्हान पर राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां के नेतृत्व में प्रदेशभर के सभी मंडलों पर धरना प्रदर्शन किए गए. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ भी मौजूद रहे. भाजपा नेताओं ने बंगाल हिंसा के लिए सीएम ममता बनर्जी और TMC को जिम्मेदार ठहराया और जमकर नारेबाजी की. भाजपा ने आज सभी जिला दफ्तरों पर प्रदर्शन किया है. लेकिन भाजपा का यह प्रदर्शन ऐसे समय पर किया गया जब कोरोना के कारण गृह विभाग ने किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा रखी है . इसके बावजूद भाजपा नेताओं ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने का दावा करते हुए यह प्रदर्शन किया.

प्रदर्शन के दौरान अपने सम्बोधन में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा की, ‘बंगाल की घटनाएं लोकतंत्र को कलंकित करने वाली हैं. इस देश में चुनाव और चुनावी हिंसा पहले भी हुई हैं, लेकिन जिस तरह की घटनाएं बंगाल में हो रही हैं, वह बहुत वीभत्स हैं और सोचने को मजबूर करती हैं. चुनावी जीत के बाद और पहले TMC के गुंडों ने भाजपा के 140 कार्यकर्ताओं की हत्याएं कीं और अबलाओं की इज्जत पर हाथ डाला, गरीबों के घर जला दिए. आजाद भारत के इतिहास में बंगाल की घटनाएं कलंक हैं.

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इस दौरान राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अशोक गहलोत सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओं पर निशाना साधते हुये सतीश पूनियां ने कहा कि, #जो लोग बंगाल की हिंसा पर मौन हैं, देश उनसे जवाब मांगता है, कहां गया आपका लोकतंत्र, छोटी-छोटी बातों पर ट्विटर पर पार्ट टाइम पॉलिटिक्स करने वाले अब मौन क्यों हैं?’ पूनियां ने कहा कि, लोकतंत्र में कोई बात दबाई नहीं जा सकती है, जब वह बात सड़कों पर आती है तो उसके बड़े दूरगामी परिणाम होते हैं.’
सतीश पूनियां ने आगे कहा- ‘बंगाल नतीजों के बाद भाजपा के दर्जनों कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है. 700 गांवों में आगजनी और लूटपाट हुई है. तांडव अभी चल रहा है. उस पर ममता बनर्जी मौन हैं. वह मौन क्यों न हों, सब उनकी सरपरस्ती में हो रहा है. जिस सरकार का मुखिया ही गुंडों की अगुवाई करता हो उससे क्या उम्मीद की जाए? लोकतंत्र की दुहाई देने वाले राहुल गांधी, प्रियंका गांधी नृशंस हत्याओं पर मौन हैं. गांधीवाद की बात करने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बंगाल की हिंसा पर मौन हैं? वामपंथी, कांग्रेस सब मौन हैं, क्या उनके लिए लोकतंत्र की परिभाषा अलग है.’

वहीं सतीश पूनियां ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, ममता बनर्जी और उनके गुंडों ने पूरे पश्चिम बंगाल में गुंडाराज का माहौल बना दिया है, जिसके विरोध में हम तब तक विरोध करते रहेंगे जब तक कि ममता बनर्जी हिंसा पर पूरी तरह रोक ना लगा दें. पूनियां ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुये कहा कि, मुझे लगता है जब लोकतंत्र में इस तरीके के हिटलर पैदा हुए हैं, वह इसी तरीके के जन आक्रोश का शिकार होकर भस्म हुए हैं. उन्होंने कहा कि, घमंड तो रावण का भी टूटा और हिटलर का भी सर्वनाश हुआ है, इसलिए ममता बनर्जी को इस तरीके की हठधर्मिता, बर्बरतापूर्ण तानाशाही का अंजाम तो भुगतना ही पड़ेगा, जनता इसका जवाब देगी.

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इसके साथ ही सतीश पूनियां ने कहा कि, प्रवासी राजस्थानियों पर जिस तरह से बंगाल में टारगेट कर हिंसा की गई, राजस्थान के मुख्यमंत्री में गैरत होती तो शायद वो बंगाल की मुख्यमंत्री से जवाब मांगते कि निर्दोष राजस्थानियों एवं बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला क्यों हुआ? कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में मर्यादा के भीतर भाजपा कार्यकर्ता अपनी आवाज को बुलंद कर रहे हैं और आवाज की बुलंदी जब तक रहेगी, तब तक कि बंगाल की हिंसा नहीं रुकेगी.

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गृह विभाग द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन की अनदेखी
गृह विभाग की गाइडलाइन में रोक के बावजूद प्रदेश भाजपा ने धरना-प्रदर्शन किया. इसके लिए बाकायदा टेंट तक लगाया गया. गृह विभाग ने कोरोना को देखते हुए किसी भी तरह के राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक कार्यक्रम करने पर रोक लगा रखा है. भाजपा ने इस रोक के बावजूद प्रदेश मुख्यालय के गेट के बाहर टेंट लगाकर धरना प्रदर्शन किया. हालांकि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए सीमित नेताओं के साथ प्रदर्शन करने की बात कही. प्रदेश भाजपा मुख्यालय के बाहर किए गए इस प्रदर्शन में प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर,नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा, जयपुर शहर जिला अध्यक्ष राघव शर्मा सहित चुनिंदा पदाधिकारी शामिल रहे.

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