‘सिर्फ कैमरे के सामने क्यों गरम होता है आपका..’ -PM मोदी के बयान पर राहुल गांधी का तेज तर्रार तंज

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार बीकानेर पहुंचे पीएम मोदी, जनसभा को संबोधित किया, जिस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और जयराम रमेश ने पूछ डाले कई सवाल

rahul gandhi on modi
rahul gandhi on modi

पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पड़ौसी देश को घुटने टेकने पड़े. भारतीय सेना की जाबाज हौसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार बीकानेर पहुंचे. यहां उन्होंने जमकर भारतीय सेना की हौसला आफजायी की और कहा कि मोदी का दिमाग ठंडा है, ठंडा रहता है, लेकिन मोदी का लहू गर्म है. अब तो मोदी की नसों में लहू नहीं, गर्म सिंदूर बह रहा है. इस बयान पर कांग्रेस ने करारा पलटवार किया है. पार्टी सांसद राहुल गांधी ने कहा कि पीएम का खून सिर्फ कैमरे के सामने क्यों गरम होता है.

राहुल गांधी का ये बयान पीएम मोदी के गुरुवार को राजस्थान के बीकानेर में दिए बयान के बाद आया. राहुल ने अपनी एक पोस्ट में लिखा, ‘मोदी जी खोखले भाषण देना बंद कर दीजिए. सिर्फ इतना बताइए…आपने भारत के सम्मान से समझौता कर लिया.’ यहां राहुल गांधी ने पीएम मोदी से तीन सवालों के जवाब भी पूछे हैं..

1. आतंकवाद पर आपने पाकिस्तान की बात पर भरोसा क्यों किया?
2. ट्रंप के सामने झुककर आपने भारत के हितों की कुर्बानी क्यों दी?
3. आपका खून सिर्फ कैमरों के सामने ही क्यों गरम होता है?

राहुल गांधी ने पूछे सवालों के साथ पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन की वीडियो क्लिप भी अपनी जोड़ी है. इसमें पीएम मोदी कहते सुनाई दे रहे हैं , ‘पाकिस्तान की तरफ से जब ये कहा गया कि उसकी ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाया जाएगा तो भारत ने भी उस पर विचार किया.’

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खोखले फिल्मी डॉयलॉग है पीएम का भाषण

कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने भी पीएम मोदी की बीकानेर की सभा पर तंज कसा है. उन्होंने लिखा, ‘आज बीकानेर में सार्वजनिक रैलियों में भव्य, लेकिन खोखले फिल्मी डॉयलॉग फेंकने के जगह प्रधानमंत्री को उनसे पूछे जा रहे गंभीर सवालों का जवाब देना चाहिए.’

जयराम ने सवाल किया- पहलगाम के क्रूर हत्यारे अभी भी क्यों खुले हैं. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक ये आतंकी बीते 18 महीने में पुंछ, गगनगीर और गुलमर्ग में आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार थे. पीएम मोदी ने किसी भी सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता क्यों नहीं की और विपक्षी दलों को विश्वास में क्यों नहीं लिया? पीएम मोदी ने 22 फरवरी 1994 के सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को दोहराने और इसे अपडेट करने के लिए संसद का विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया, जबकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन-पाकिस्तान के बीच गहरी सांठगांठ स्पष्ट थी? आप पिछले दो हफ्तों में राष्ट्रपति ट्रम्प और अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो के अमेरिकी भूमिका पर बार-बार किए जा रहे दावों पर क्यों चुप रहे?

पीएम ने दिए आतंकवाद से निपटने के तीन सूत्र

पीएम नरेंद्र मोदी ने बीकानेर की जनसभा में आतंकवाद से निपटने के तीन सूत्र तय किए. पहला- भारत पर आतंकी हमला हुआ तो करारा जवाब मिलेगा. समय हमारी सेनाएं तय करेंगी, तरीका भी हमारी सेना तय करेगी और शर्तें भी हमारी होंगी. दूसरा- एटम बम की गीदड़ भभकियों से भारत डरने वाला नहीं है. तीसरा- हम आतंक के आकाओं और आतंक की सरपरस्त सरकार को अलग-अलग नहीं देखेंगे. उन्हें एक ही मानेंगे.

पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान भारत से कभी सीधी लड़ाई नहीं जीत सकता. इसलिए आतंकवाद को भारत के खिलाफ हथियार बनाया है. पाकिस्तान एक बात भूल गया कि अब मां भारती का सेवक मोदी यहां सीना तानकर खड़ा है. मोदी का दिमाग ठंडा है, ठंडा रहता है, लेकिन मोदी का लहू गर्म है. अब तो मोदी की नसों में लहू नहीं, गर्म सिंदूर बह रहा है.

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