Politalks.News/Rjaasthan. राजस्थान की राजनीति कुछ दिनों पहले मचे सियासी संग्राम के बाद से एक अजीब सा सन्नाटा छाया हुआ है. मुख्यमंत्री परिवर्तन की अटकलों के बीच 25 सितंबर को हुए सियासी ड्रामे और उसके बाद कांग्रेस आलाकमान के आदेश के बाद से दो खेमों में बंटे विधायकों की तरफ से किसी भी तरह की कोई बड़ी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. दोनों ही खेमे बिलकुल शांति के साथ आगे की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सियासी जानकारों की मानें तो ये तूफ़ान से पहले आने वाली शांति है. लेकिन इस शांति में कुछ सुगबुगाहट जरूर है. खुद को किसी भी खेमे से बाहर रखने वाली ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा लगातार ट्वीटर के माध्यम से बयानों की बौछार कर रही है. दिव्या मदेरणा ने गुरुवार को महेश जोशी के एक बयान का जवाब दिया है. दिव्या ने कांग्रेस अध्यक्ष पद प्रत्याशी मल्ल्किकार्जुन खड़गे के बुधवार को दिए बयान को आधार बना तंज कसा. दिव्या ने कहा कि, ‘बकरीद में बचेंगे तो मोहर्रम में नाचेंगे’, मल्लिकार्जुन खड़गे का यह बयान महेश जोशी के झूठ और विद्रोह पर बिलकुल सटीक बैठता है.
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव को लेकर पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम सबसे आगे चल रहा था. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत की पालना करते हुए प्रदेश में मुख्यमंत्री परिवर्तन करना चाहता था. सीएम फेस की रेस में पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं टोंक विधायक सचिन पायलट का नाम सबसे आगे था लेकिन ये गहलोत खेमे को नागवार गुजरा. 25 सितंबर को पार्टी आलाकमान के आदेश पर मल्लिकार्जुन खड़गे एवं प्रभारी अजय माकन विधायक दल की बैठक के लिए जयपुर पहुंचे. लेकिन गहलोत खेमे ने इस बैठक के समांनातर संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के आवास पर एक अन्य बैठक बुला ली. इस बैठक में करीब 72 विधायक मौजूद रहे और सभी ने कांग्रेस आलाकमान के विरोध में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया. जिसके बाद आलाकमान ने शांति धारीवाल, धर्मेंद्र राठौड़ और महेश जोशी को कारन बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांग.
तीनों नेताओं ने अपना अपना जवाब दे दिया है लेकिन अब तक इस पर कोई फैसला नहीं आया है. वहीं इस सियासी घटनाक्रम के बाद आलाकमान ने आदेश जारी कर विधायकों को बेफिजूल की बयानबाजी से बचने का आदेश दिया था. लेकिन गाहे-बगाहे विधायकों के मन की बात उनकी जुबान पर आ ही जाती है. ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा शुरुआत से ही विधायक दल की बैठक के समानांतर बैठक बुलाये जाने का विरोध कर रही थी. यही नहीं उक्त तीनों नेताओं जिन्हें नोटिस मिला है उनके खिलाफ भी मदेरणा अपने ही अंदाज में बयानबाजी कर रही है. इसी कड़ी में बुधवार को एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए दिव्या मदेरणा ने महेश जोशी पर निशाना साधा.
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दिव्या मदेरणा ने जिस ट्वीट को रीट्वीट किया था उसमें लिखा था कि, ‘सूत्रों के अनुसार महेश जोशी ने आलाकमान को अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि, विधायक खुद आए थे, मैंने किसी को यूडीएच मंत्री के घर आने के लिए फोन नहीं किया.’ इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए दिव्या मदेरणा ने लिखा कि, ‘लेकिन फिर स्वयं क्यों नहीं गए मुख्यमंत्री निवास विधायक दल की मीटिंग में ? खुद इस्तीफ़ा देने क्यों गए विधानसभा अध्यक्ष के निवास ? वो स्वयं अगर मीटिंग में जाते तो अन्य विधायक भी प्रेरणा लेते उनसे आख़िरकार मुख्य सचेतक है पार्टी के?’ वहीं एक अन्य ट्वीट में दिव्या मदेरणा ने कांग्रेस अध्यक्ष पद प्रत्याशी मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान को आधार बनाकर महेश जोशी पर तंज कसा.
लेकिन फिर स्वयं क्यों नहीं गए मुख्यमंत्री निवास विधायक दल की मीटिंग में ? खुद इस्तीफ़ा देने क्यों गए विधानसभा अध्यक्ष के निवास ? वो स्वयं अगर मीटिंग में जाते तो अन्य विधायक भी प्रेरणा लेते उनसे आख़िरकार मुख्य सचेतक है पार्टी के ? https://t.co/yjwYnS1R9t
— Divya Mahipal Maderna (@DivyaMaderna) October 12, 2022
दिव्या मदेरणा ने एक अन्य ट्वीट जिसमे लिखा था कि ‘महेश जोशी ने अनुशासन कमेटी को भेजे गए जवाब में विधायकों को उकसाने के आरोपों को गलत बताया है, साथ ही किसी भी तरह की पार्टी विरोधी गतिविधि और अनुशासनहीनता वाला काम करने से साफ इनकार किया है,’ को रीट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘बकरीद में बचेंगे तो मोहर्रम में नाचेंगे’, -(मल्लिकार्जुन खड़गे )- यह इनके झूठ/विद्रोह पर सटीक बैठता है .’
‘बकरीद में बचेंगे तो मोहर्रम में नाचेंगे’, -(मल्लिकार्जुन खड़गे )- यह इनके झूठ/विद्रोह पर सटीक बैठता है । https://t.co/0CwDCWcmhn
— Divya Mahipal Maderna (@DivyaMaderna) October 12, 2022
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बता दें मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को भोपाल में एक पत्रकार वार्ता में जब उनसे सवाल पुछा गया कि, ‘आने वाले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा कौन होगा?’ तो इस पर जवाब देते हुए खड़गे ने कहा कि, ‘पहले यह वाला (कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव) आंतरिक चुनाव तो निपट जाए. इसके बाद वह बोले कि हमारे यहां एक कहावत है- बकरीद में बचेंगे तो मोहर्रम में नाचेंगे.’