आखिर क्यों भड़की ऋचा चड्ढा, ट्विटर पर जाहिर की नाराजगी

सोशल मीडिया पर आज की हलचल

Richa Chadda (ऋचा चड्ढा)
Richa Chadda (ऋचा चड्ढा)

पॉलिटॉक्स न्यूज. कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच बी-टाउन सेलेब्स की प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही हैं. कभी लॉकडाउन में घर पर टाइम पास करते हुए तो कभी किसी खास टॉपिक पर अपना ​गुस्सा जाहिर करते हुए, जिसे यूजर्स जमकर पसंद भी करते हैं. हाल में कंगना सेकुलरिज्म के मुद्दे पर बॉलीवुड पर गर्म हो गई थीं और सेलेब्स की चुप्पी पर जमकर भड़कीं. आज बॉलीवुड एक्ट्रस ऋचा चड्ढा (Richa Chadda) ने डॉक्टर्स की सैलरी को लेकर नाराजगी व्यक्त की और ट्विटर पर अपना गुस्सा जाहिर किया.

कोरोना संकट के बीच देश को बचाने का काम डॉक्टर्स के हवाले है और उन्हें कोरोना वॉरियर्स का दर्जा दिया गया है. इसी बीच दिल्ली के कस्तूरबा अस्पताल में डॉक्टरों ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि उन्हें तीन महीने से अपनी सैलरी नहीं मिली है. रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने एक चिट्ठी के जरिए इस मुद्दे को उठाया भी है और अपने दर्द को बयां भी किया है. डॉक्टरों ने बताया है कि सैलरी न मिलने की वजह से वो रोजमरा के खर्चे भी नहीं कर पा रहे हैं. ये डॉक्टर्स दिल्ली के कस्तूरबा हॉस्पिटल और बाड़ा हिंदू राव हॉस्पिटल के बताए जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें: ‘सेकुलरिज्म का पाठ पढ़ाने वाले अब चुप क्यों हो गए’

ऐसे में अब ऋचा चड्ढा ने भी इन डॉक्टरों की मांग का समर्थन किया है. उन्होंने इस बात पर गुस्सा जाहिर किया है कि अभी तक डॉक्टरों को उनकी सैलरी क्यों नहीं दी गई. ऋचा ने इस पत्र को शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘जब हम सभी सबसे बड़ी महामारी से लड़ रहे हैं, ऐसे समय में डॉक्टरों को उनकी सैलरी क्यों नहीं दी जा रही.’

https://twitter.com/RichaChadha/status/1270931150056218624?s=20

वहीं मामला सामने आने के साथ ही ये दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गया जहां डॉक्टरों को सैलरी न मिलने से जुड़े मामले में हाई कोर्ट ने नगर निगम को कड़ी फटकार लगाई है. हाईकोर्ट इस मामले में स्वत संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि हम रेजिडेंट डॉक्टर्स को लेकर फिक्र बंद है, जिनकी संख्या 300 से ऊपर है. इनकी हर महीने की तनख्वाह 2 करोड़ 10 लाख रुपए बनती है. एमसीडी ने कहा कि फिलहाल हमारे पास 10 करोड़ रुपये है और 17 से 18 करोड़ रुपये डॉक्टरों को तनख्वाह देने के लिए चाहिए.

यह भी पढ़ें: ‘फेयरनेस क्रीम को सपोर्ट करना बंद करेंगे?’

एमसीडी के अधीन आने वाले हिंदू राव हॉस्पिटल और कस्तूरबा हॉस्पिटल के डॉक्टरों को तीन-चार महीने से सैलरी नहीं मिली है. इस वजह से डॉक्टरों के सामने समस्या आ खड़ी हुई है. डॉक्टरों ने 18 जून तक सैलरी न मिलने पर सामूहिक इस्तीफे की धमकी दी थी. इस मामले में हाई कोर्ट में एमसीडी ने कहा कि यह सही है कि पिछले कुछ महीनों से हम डॉक्टरों को तनख्वाह नहीं दे पा रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों को कोरोना के इस वक्त में हड़ताल पर नहीं जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि हम कुछ देर के बाद दोबारा सुनवाई करेंगे. दिल्ली सरकार और आप मिलकर तय करिए कि डॉक्टरों को तुरंत तनख्वाह कैसे दी जा सकती है.

Leave a Reply