Politalks.News/PunjabElection. पंजाब (Punjab) सहित 5 राज्यों में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. लेकिन पंजाब की राजनीति एक अलग ही मोड़ पर खड़ी है. प्रदेश कांग्रेस (Congress) में मचे सियासी घमासान के बाद अब स्थिति थोड़ी धूमिल सी नजर आ रही है कि आगामी चुनाव में किस दल को बढ़त मिलेगी. कांग्रेस पहले ही दो कदम पीछे हो चुकी है तो वहीं किसान आंदोलन (Farmers Protest) के कारण बीजेपी (BJP) और अकाली दल (Akali Dal) पहले से बैकफूट पर हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी के पास अच्छा मौका है, लेकिन AAP में भी अब सबकुछ ठीक नजर नहीं आ रहा. शनिवार को पार्टी की एक सभा में आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को उस वक़्त गुस्सा आ गया जब वो बोलने लगे और सांसद भगवंत मान (Bhagwant Maan) के समर्थन में नारे लगने लगे. इस पर सीएम केजरीवाल ने वहां मौजूद कार्यकर्ताओं से कहा कि ‘MLA की टिकट, CM या मंत्री बनने का चक्कर छोड़ देना या फिर पार्टी छोड़ देना.’
दरअसल, शनिवार को आम आदमी पार्टी के मुख्य संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मोहाली में पार्टी कार्यकर्ताओं की मीटिंग ली. इस दौरान वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने पंजाब में किसी बाहरी को मुख्यमंत्री बनाये जाने के विरोध में मोर्चा खोल दिया. मीटिंग के दौरान वहां मौजूद कार्यकर्ताओं में से एक बुजुर्ग कार्यकर्ता ने कहा कि पिछली बार 2017 विधानसभा चुनाव में भी हमें नुकसान हुआ. इसलिए इस बार किसी पंजाबी को CM चेहरा बनाएं. उसमें भगवंत मान, अमन अरोड़ा, हरपाल चीमा या किसी और का भी नाम हो सकता है. तो वहीं एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि वह 20 हजार रुपए महीना कमाता है लेकिन 2 लाख रुपए आम आदमी पार्टी पर खर्च कर दिए, इसके बावजूद किसी ने उसकी सुध नहीं ली.
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इसके बाद जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने संबोधन के लिए पहुंचे तो वहां कार्यकर्ताओं को देख वह स्तब्ध रह गए. केजरीवाल का बस इतना कहना था कि ‘दो प्रश्न उठे हैं, पहला यह कि पार्टी का चेहरा पंजाब से होना चाहिए, बाहर से नहीं, तो मैं वादा करता हूं कि AAP का CM चेहरा पंजाब का ही होगा.’ इसके तुरंत बाद वहां ‘भगवंत मान जिंदाबाद’ के नारे लगने लगे. ये नारे इतने तेज थे कि मुख्यमंत्री केजरीवाल कुछ समय के लिए बिल्कुल चुप हो गए. इस दौरान खुद भगवंत मान ने माइक लिया और वहां मौजूद कार्यकर्ताओं से कहा कि, ‘अरविंद केजरीवाल हमारे नेशनल कन्वीनर हैं और वह बहुत दूर से आए हैं. वह कोई अनाउंसमेंट करने वाले हैं, उन्हें ध्यान से सुन लो, अगर आप पंजाब और पार्टी को प्यार करते हो तो सुन लो.’
हालांकि सांसद भगवंत मान की गुजारिश के बाद वहां शांति हो गई, लेकिन अचानक हुए इस घटनाक्रम से मुख्यमंत्री केजरीवाल थोड़े उखड़े उखड़े नजर आये. केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं से दो टूक अंदाज में कहा कि, ‘MLA की टिकट, मुख्यमंत्री या मंत्री बनने का चक्कर छोड़ देना चाहिए और अगर किसी को पार्टी गलत लगती है तो वह AAP छोड़ दे.’ केजरीवाल ने आगे कहा कि ‘हम पंजाब सुधारने आए हैं या किसी को कुछ बनाने आए हैं? आम आदमी पार्टी में खुद कुछ बनने या किसी के लिए टिकट, मंत्री, विधायक बनाने नहीं आते.’
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सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी आवाज को थोड़ा तल्ख करते हुए वहां मौजूद कार्यकर्ताओं से कहा कि ‘आज पंजाब के लोग आम आदमी पार्टी की तरफ इसलिए नहीं देख रहे कि कौन मुख्यमंत्री, मंत्री या कौन विधायक बनेगा. लोग सिर्फ यह देख रहे हैं कि जो दिल्ली में काम हुआ है वो काम यहां भी होगा. मुद्दे किसी एक की पूंछ पकड़ने से हल नहीं होंगे. मुद्दों के लिए लड़ो, न कि किसी पार्टी के लिए. अगर आम आदमी पार्टी गलत लगे तो उसे भी छोड़ दो, लेकिन इसकी या उसकी टिकट के चक्कर में मत पड़ो.’
ऐसे में माना जा रहा है कि पंजाब में चुनाव से पहले कांग्रेस और अन्य दलों में जारी खींचतान की तरह आम आदमी पार्टी में शुरू हुई बयानबाजी कोई नई नहीं है. मुख्यमंत्री पद को लेकर संगरूर से लोकसभा सांसद और आप नेता भगवंत मान पहले ही अपना दावा ठोक चुके हैं. सूत्र तो ये भी बताते हैं कि पार्टी आलाकमान द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री का दावेदार ना घोषित किये जाने पर वो कुछ दिन के लिए नाराज भी हो गए थे लेकिन अब वो केजरीवाल के साथ नजर आ रहे हैं. आपको बता दें, हाल ही में आप का साथ छोड़ कांग्रेस में शामिल हुई बठिंडा रूरल की विधायक रूपिंदर रूबी ने कांग्रेस जॉइन करते हुए कहा था कि ‘आम आदमी पार्टी दिल्ली से कंट्रोल हो रही है. भगवंत मान ने इतनी मेहनत की लेकिन पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं कर रही, पार्टी वर्कर्स में भी इस बात को लेकर नाराजगी है.’