Politalks.News/WHOReport/Corona/Politics. ये भारत है जनाब यहां हर चीज में राजनीति होती है. कोरोना के उस भयावह रूप से कौन वाकिफ नहीं है जब शमशान घाटों और कब्रिस्तानों के बाहर लगी लाइनों, गंगा में बहती लाशों ने पुरे देश को झकझोर कर रख दिया था. लेकिन अब कोरोना के वक़्त हुई मौतों को लेकर भी सियासत होने लगी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि भारत में कोरोना के दौरान हुई मौतों का वास्तविक आंकड़ा 47 लाख है. WHO द्वारा पेश किये गए इन आंकड़ों को अब देश में सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जहां WHO की रिपोर्ट का सहारा लेते हुए कहा कि, ‘विज्ञान झूठ नहीं बोलता, लेकिन मोदी बोलता है, उन परिवारों का सम्मान करें जिन्होंने अपनों को खोया है.’ वहीं संबित पात्रा (Sambit Patra) ने पलटवार करते हुए कहा कि, ‘WHO का डेटा और कांग्रेस का बेटा दोनों गलत है.’
डब्ल्यूएचओ के तहत वैज्ञानिकों को जनवरी 2020 और पिछले साल के अंत तक मौत की वास्तविक संख्या का आकलन करने की जिम्मेदारी दी गई थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक 1.33 करोड़ से लेकर 1.66 करोड़ लोगों की मौत या तो कोरोना वायरस या स्वास्थ्य सेवा पर पड़े इसके प्रभाव के कारण हुई. WHO ने गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से 47 लाख लोगों की मौत हुई है. यह संख्या भारत के आधिकारिक आंकड़ों से करीब 10 गुना ज्यादा है. WHO की इस रिपोर्ट पर भारत सरकार ने सवाल उठाए हैं. भारत ने कोविड-19 से हुई मौतों के आकलन की पद्धति को लेकर सवाल उठाया है. भारत सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में कोरोना से मौत को लेकर नए आंकड़े जारी किए हैं. इस काल में भारत में आधिकारिक मौतों का आंकड़ा 5.2 लाख मौत का है. वहीं इस पुरे मुद्दे को लेकर सियासत गरमा गई है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं वायनाड सांसद राहुल गांधी ने WHO की एक रिपोर्ट को शेयर करते हुए ट्वीट किया कि, ’47 लाख भारतीय नागरिकों की मौत कोविड-19 महामारी से हुई, जबकि सराकर की ओर से 4.8 लाख लोगों की मौत का दावा किया गया है. विज्ञान झूठ नहीं बोलता, लेकिन मोदी बोलते हैं. उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए आगे लिखा कि ‘उन परिवारों का सम्मान करें जिन्होंने अपनों को खोया है. ऐसे हर परिवार को 4 लाख रुपये की मदद दी जाए.’ राहुल गांधी के इस बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी के तेज तर्रार नेता एवं प्रवक्ता संबित पात्रा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी आंकड़ों को लेकर पूरे विश्व में हिन्दुस्तान के बारे में एक भ्रामक स्थिति फैलाने की कोशिश की गई है.’
संबित पात्रा ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से जारी डेटा (आंकड़े) और कांग्रेस का बेटा, दोनों गलत हैं. भारत में कोरोना वायरस महामारी से हुई मौतों के बारे में WHO द्वारा जारी किए गए आंकड़े गलत हैं और भारत सरकार ने इस संबंध में डब्ल्यूएचओ के समक्ष अपनी आपत्तियां भी दर्ज कराई हैं.’ राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए संबित पात्रा ने आगे कहा कि, ‘राहुल गांधी लगातार भारत को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. समय-समय पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर आक्रमण करते हुए भारत को नीचा दिखाया है, ये दुखद है. भाजपा शासित राज्यों और गैर-भाजपा शासित राज्यों में मृत्यु का विश्लेषण नहीं करना चाहिए. मौत और जन्म संबंधी आंकड़ों के पंजीकरण के लिए भारत के पास एक सुदृढ़ तंत्र है.’
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संबित पात्रा ने WHO की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि, ‘4 महत्वपूर्ण ऐसे कदम हैं जिसके आधार पर हमें लगता है कि WHO का डेटा गलत है. पहला ये कि, पूरी प्रक्रिया में WHO ने जिस प्रकार के तरीकों को अपनाया है, वो गलत है. दूसरा ये कि डेटा के स्रोत में एक्यूरेसी होनी चाहिए, जबकि WHO ने माना है कि स्रोत वैरिफाइड नहीं हैं. तीसरा ये कि, किन मानदंड के आधार पर भारत को टियर-2 देश में रखा गया है, ये भी सटीक रूप से पता नहीं चलता. वहीं चौथा ये कि, काल्पनिक तरीके से डेटा का मंथन करना, भारत को टियर-2 देशों में रखना, इन सब विषयों पर भारत ने समय-समय पर WHO से वार्तालाप किया है.’
पात्रा ने आगे कहा कि, ‘पूरा विश्व मानता है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने जिस तरह कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ी, वह अद्भुत और अद्वितीय होने के साथ-साथ समूची दुनिया के लिए मिसाल थी. ऐसे में मृत्यु के आंकड़ों पर राजनीति करना दुखद है.’ संबित पात्रा ने कहा कि, ‘देश की जनसंख्या और भौगोलिक स्थिति को देखते हुए भारत ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जो लड़ाई लड़ी, वह कई विकसित देशों से भी बेहतर थी तथा कोविड-रोधी टीकाकरण के मामले में भारत आज एक इतिहास रचता हुआ नजर आ रहा है.