Politalks.News/Rajasthan. केन्द्र द्वारा बनाए गए नए कृषि कानूनों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर मोदी सरकार पर किसानों में भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इन कानूनों पर संविधान के तहत विचार कर किसानों के हित में फैसला लेंगे. मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार को बिरला सभागार में आयोजित प्रदेश कांग्रेस के राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत की. सीएम ने कहा कि कानूनों का परीक्षण कराकर किस तरह संविधान के तहत राज्य को जो अधिकार दिए गए हैं उसका क्या तरीका हो सकता हैं उस पर विचार किया जाएगा.
किसान सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार कानून बन चुके इन विधेयकों के बारे में परीक्षण करवा रही है कि संविधान के तहत राज्यों को कानून बनाने के जो अधिकार दिए गए हैं उसके तहत क्या किया जा सकता है. इस बारे में जल्द ही फैसला कर लिया जाएगा. विधानसभा का विशेष सत्र बुलवाकर किसानों के हित में जो भी होगा उसमें कमी नहीं आने देंगे और जल्द ही सरकार के फैसले से आप अवगत होंगे. सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार हमेशा किसानों के संग खड़ी मिलेगी, हमने किसानों के हित में हमेशा वही कदम उठाए हैं जिससे किसानों बड़े पूंजीपतियों, बड़ी कंपनियों से बचाया जा सके.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों की आय दुगनी करने का वादा तो करती हैं लेकिन वह यह वादा निभा नहीं पाएगी, क्योंकि उसकी नीयत में खोट है. केंद्र सरकार को किसी की परवाह नहीं की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों को भ्रमित करने के लिए विवादित कानून बना दिया और बाद में कह दिया जाएगा कि वह किसानों को दुगनी आय और उसके हित में पूरे कदम उठाए, लेकिन लोग सड़कों पर आ गए और कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों ने इसमें दखल डाल दी.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि भ्रम पैदा करने के लिए ये कृषि कानून बनाए गए हैं. सीएम ने कहा कि केन्द्र सरकार को नया कानून बनाकर किसानों को भ्रमित करने की बजाय उसे मंडियों और किसानों के हित में जो कमियां हैं उनमें सुधार करना चाहिए था. सीएम ने कहा कि कोरोना ने विश्व को हिलाकर रख दिया हैं ऐसे समय में तीन काले कानून लाने की क्या जरुरत थी और क्या आपात स्थिति थी कि इस वक्त ये कानून लाए गए.
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मालूम हैं कि कोरोना लम्बा चलने वाला है, इस बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता कि वह कब खत्म होगा, क्योंकि अभी इसकी वैक्सीन नहीं आई हैं. ऐसे वक्त में बिना राष्ट्रीय बहस तथा कानून से संबंधित मंडियों एवं राज्य सरकार से बिना पूछे कानून लाए गए. सीएम गहलोत ने कहा कि मोदी जब मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने केन्द्र सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का कानून में प्रावधान करने की मांग की जबकि अब वह खुद केन्द्र की सत्ता में हैं तब नए कानूनों में इसका कोई जिक्र नहीं किया गया है.
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सीएम ने कहा कि इन कानूनों से किसानों का खेती करना मुश्किल हो जाएगा. इन कानूनों के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा के किसान सड़कों पर उतर आए और पूरे देश में किसानों के आग लगी हुई है. मुख्यमंत्री गहलोत ने पीएम मोदी पर अपना जुबानी हमला जारी रखते हुए कहा कि चीन हमारी सीमा में घुस गया, हालात चुनौतियों की तरफ हैं, उस पर ध्यान नहीं है. सीएम ने कहा कि कांग्रेस पहले से किसानों की हतैषी रही हैं और पहले कभी ऐसे कानून नहीं बने थे.
मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना के चलते इतने बड़े सभागार में लोगों को मास्क लगाकर जिस सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठाया गया और कोरोना के नियमों की पालना के लिए जीवन बचाने के लिए कामयाब व्यवस्था की गई है, इससे प्रदेश में एक अच्छा संदेश जाएगा. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा बिना जनआंदोलन से कोरोना का बचाव मुश्किल है.
वहीं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन कानूनों के जरिए किसानों को समाप्त किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से भागने के लिए ये कानून लाई हैं. वह कोरोना को खत्म करने की बजाए किसानों को समाप्त कर रही है, लेकिन कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है.