ये क्या बोल गए संजय राउत, औरंगजेब से कर दी डिप्टी सीएम फडणवीस की तुलना

वारकरी और पुलिस के बीच झड़प एवं लाठीचार्ज का वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष के निशाने पर शिंदे सरकार, लाठीचार्ज की घटना को झुठलाना भारी पड़ा फडणवीस को, एनसीपी कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रीया सूले और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने की कार्रवाई की मांग, संजय राउत ने बताया 'हिंदुत्ववादी सरकार का ढोंग'

sanjay raut
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Sanjay Raut Big Statement: महाविकास अघाड़ी गठबंधन बनाने में महती भूमिका निभाने वाले ​ठाकरे समर्थित शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत शिंदे सरकार और बीजेपी पर पिछले कुछ सालों से मुखर रहे हैं. इस बार उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की तुलना औरंगजेब से कर रही. वहीं बीजेपी पर भी जमकर जुबानी तीर छोड़े. पुणे के आलंदी में रविवार को भगवान विट्‌ठल के भक्तों (वारकरी समुदाय) पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज पर उन्होंने फडणवीस और बीजेपी पर जमकर हमला बोला. वहीं एनसीपी की नव नियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष सप्रीया सूले और कांग्रेस ने घटना पर कार्यवाही की मांग की है. इधर, पुलिस ने लाठी चार्ज की घटना से स्पष्ट इनकार किया है.

दरअसल महाराष्ट्र के पुणे जिले में पुलिस और वारकरी (भगवान विट्ठल के भक्त) के बीच जुलूस को लेकर बहस हुई. यह घटना उस समय हुई जब पुणे शहर से 22 किमी. दूर अलांदी ​कस्बे में स्थित संत ज्ञानेश्वर महाराज समाधि मंदिर में कथित तौर पर भक्तों ने घुसने की कोशिश की. पंढरपुर के लिए वार्षित अषाढी एकादशी यात्रा को शुरू करने के अवसर पर ये जुलूस निकाला जा रहा था. जब भक्त श्रीक्षेत्र मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश कर रहे थे, इसी दौरान विवाद हो गया और पुलिस ने लाठी बरसा दी. हालांकि पुलिस ने लाठीचार्ज से इनकार किया है लेकिन घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके बाद संजय राउत सहित अन्य पार्टियों के नेताओं ने बीजेपी और शिंदे सरकार को आड़े हाथ लिया है.

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घटना का वीडियो सामने आने के बाद शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने कहा कि हिंदुत्ववादी सरकार का ढोंग उजागर हो गया. नकाब उतर गया है. इधर, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने लाठीचार्ज के आरोप का खंडन किया और सिर्फ धक्का-मुक्की होने की बात कही. इस पर संजय राउत ने कहा कि ये लोग औरंगजेब से अलग नहीं हैं. सरकार उन पर हमले कर रही है. मुगलों का महाराष्ट्र में पुनर्जन्म हुआ है.

वहीं शिवसेना के मुखपत्र सामना ने घटना को लेकर महाराष्ट्र सरकार की निंदा की गई है. सामना ने लिखा, ‘दंगों की घटनाओं से महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था पहले ही चरमरा चुकी है, वहीं कंधे पर भगवा झंडा लिए भक्तों को पीटती पुलिस का वीडियो सामने आया है. इस घटना से हर तरफ गुस्से की लहर है. वारकरों पर यह हमला महाराष्ट्र की अस्मिता पर ही हमला है.’

इधर, एनसीपी की नव नियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष एवं लोकसभा सदस्य सुप्रीया सूले ने कहा, ‘मैं वरकरियों पर लाठीचार्ज करने की घटना को लेकर राज्य सरकार की निंदा करती हूं. गत कई वर्षों से ऐसा कभी नहीं हुआ था. तीर्थयात्रा की गत कई सदियों से परंपरा रही है. प्रशासन के कुप्रबंधन ने वार्षिक आयोजन पर धब्बा लगा दिया है. वरकरी समुदाय पर लाठीचार्ज से आक्रोश है.’

सूले के साथ साथ कांग्रेस ने भी खामियों के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है. महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज में संलिप्त पुलिस कर्मियों को निलंबित किया जाना चाहिए.

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