प0बंगाल चुनाव: तेज हुई स्थानीय बनाम बाहरी की जंग, टीएमसी बोली- ‘बंगाल को चाहिए अपनी बेटी’

तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बंगाल की बेटी बताते हुए शनिवार को 'बांग्ला नीजेर मेय के ई चाए' का नया नारा दिया, इस नारे का मतलब है 'बंगाल को चाहिए अपनी बेटी', इसके साथ ही टीएमसी ने राज्य में 'स्थानीय बनाम बाहरी' की बहस को भी तेज कर दिया है

टीएमसी बोली- 'बंगाल को चाहिए अपनी बेटी'
टीएमसी बोली- 'बंगाल को चाहिए अपनी बेटी'

Politalks.News/WestBengalAssembly. पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच नारों को लेकर सियासत तेज हो गई है. जय श्री राम के नारे को लेकर राज्‍य में चढ़ रही राजनीतिक सरगर्मी के बीच आज तृणमूल कांग्रेस ने अपना नया चुनावी स्‍लोगन जारी कर दिया है. तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बंगाल की बेटी बताते हुए शनिवार को ‘बांग्ला नीजेर मेय के ई चाए‘ का नया नारा दिया है. इस नारे का मतलब है ‘बंगाल को चाहिए अपनी बेटी’. इसके साथ ही टीएमसी ने राज्य में ‘स्थानीय बनाम बाहरी‘ की बहस को भी तेज कर दिया है.

चुनावी सरगर्मी के बीच टीएमसी नेता सुब्रत बख्शी, पार्थ चटर्जी, डेरेक ओ ब्रायन, शुखेंदु शेखृ रॉय, काकोली घोष दस्तीदार और सुब्रत मुखर्जी ने टीएमसी के इस नए नारे की ईएम बाईपास के पास स्थित अपने मुख्यालय से आधिकारिक रूप से शुरुआत की. इस नारे के साथ बनर्जी की फोटो वाले होर्डिंग पूरे कोलकाता में लगा दिए गए हैं.

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दरअसल, तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि उनका ये स्‍लोगन सीधे तौर पर मतदाताओं को टीएमसी की ओर आकर्षित करेगा और पश्चिम बंगाल में एक बार फिर ममता बनर्जी सत्‍ता में वापसी करेंगी. इस मौके पर टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि, ”राज्य के लोग अपनी बेटी चाहते हैं जो पिछले कई साल से मुख्यमंत्री के रूप में उनके साथ हैं, हम बंगाल में किसी बाहरी को नहीं लाना चाहते हैं.”

आपको बता दें, तृणमूल कांग्रेस की भाजपा के साथ तल्ख राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता चल रही है और वह भाजपा के नेताओं को बाहरी कहती है, जो राज्य में चुनावी सैर-सपाटे के लिए आए हैं. इससे पहले भी ममत बनर्जी ने भाजपा नेताओं खासकर अमित शाह पर जमकर हमला बोला था. टीएमसी प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि बीजेपी नेता कहते हैं कि, ‘बंगाल में सरस्वती पूजा नहीं होने देंगे, उन्हें मां दुर्गा और काली के बारे में कुछ पता नहीं है और बंगाल में राजनीति करना चाहते हैं.’ इस दौरान उन्होंने बीजेपी नेताओं को सरस्वती मंत्र बोलने की चुनौती भी दे दी थी. अपने भाषण में ममता ने कई देवी-देवताओं के नाम भी गिनाए थे और कहा था कि वह भाजपा को हिन्दू धर्म का पाठ सिखाएंगी.

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पश्चिम बंगाल में ममता सरकार अब विधानसभा चुनाव में अपने इस नए नारे ‘बंगाल को चाहिए अपनी बेटी’ के सहारे बीजेपी समेत कांग्रेस-लेफ्ट की चुनौती का मुकाबला करेगी. आपको बता दें, पिछले विधानसभा चुनाव में भी तृणमूल कांग्रेस ने मां, माटी मानुष का नारा बुलंद किया था. एक तरह से देखा जाए तो टीएमसी का यह चुनावी नारा बीजेपी को बाहरी बताने वाले अपने स्टैंड को ही पुख्ता करता है. यानी बाहरी ताकतों से निपटारे के लिए सूबे को उसकी अपनी बेटी की ही दरकार है. अब देखना यह होगा कि बीजेपी के ‘जय श्रीराम‘ के नारे की टक्कर में ममता का यह नया नारा कितना कमाल करेगा.

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