jharkhand politics
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Jharkhand Politics: देश की राजनीति में इस वक्त केवल एक ही नाम है – चंपई सोरेन. जनता के समक्ष तीन विकल्प रखने के बाद अब झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने बीजेपी के साथ न जाते हुए नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है. चंपई के साथ दिल्ली गए तीनों विधायक भी वापिस लौट आए हैं. अब सियासी गलियारों में चर्चा चल रही है कि चंपई के बहाने झारखंड में भारतीय जनता पार्टी ने ऑपरेशन लोट्स चलाने की साजिश तो नहीं रच दी थी, जो फिलहाल फेल हो गया है. कहा ये भी जा रहा है कि चंपई को सीएम पद से हटाते ही इस सीक्रेट प्लान का पता झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चल गया था. अगर यह सच है तो निश्चित तौर पर सोरेन ने बीजेपी का बड़ा प्रयास एक बार फिर असफल कर दिया है.

बताया जा रहा है कि इस पठकथा की रचना कोलकता में रची जा रही थी. झारखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरेन के साथ पार्टी के विधायक समीर मोहंती, दशरथ गगराई, नीरल पूर्ती, चमरा लिंडा, रामदास सोरेन, संजीव सरदार और मंगल कालिंदी के बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं उठने लगी थी. ये सभी विधायक चंपई सोरेन के विश्वस्त रहे हैं. तीन दिन पहले चंपई सोरेन अचानक कोलकाता के दमदम एयरपोर्ट से दिल्ली पहुंचने और बीजेपी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की चर्चाओं ने जोर पकड़ा. उसी दिन उन्होंने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट लिखते हुए कहा कि उन्हें सीएम की कुर्सी से उतार कर अपमानित किया गया है. यहां उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने, बीजेपी के साथ जाने या नया संगठन बनाने की बात कही.

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चंपई सोरेन दिल्ली से कोलकाता के रास्ते सरायकेला भी पहुंचे. सूत्रों की माने तो इस बीच दिल्ली में बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ चंपाई के बेटे डील कर रहे थे. झारखंड में विधायकों को मनाने का काम खुद चंपाई सोरेन कर रहे थे. इस डील को पूरी तरह सीक्रेट रखा गया था. किसी को भनक न लगे, इसके लिए चंपाई सोरेन बीजेपी के बड़े नेताओं से कोलकाता में डील कर रहे थे. हालांकि इस पर किसी भी पार्टी के नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.

सूत्रों की माने तो चंपाई सोरेन की पार्टी के साथ एक डील हुई थी. इसके तहत इन्हें जेएमएम के कुछ विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल होना था. इस डील के तहत इनके साथ आने वाले विधायकों को 2024 विधानसभा चुनाव में टिकट मिलना था. इनके साथ ही चंपाई सोरेन और उनके बेटे को भी सेट करने की बात थी. सीएम हेमंत सोरेन को किसी तरह से इस सीक्रेट प्लान का पता चल गया और उन्होंने चंपई को समझाने की जगह विधायकों को भरोसे में लिया.

डैमेज कंट्रोल के लिए उन्होंने कोल्हान के विधायकों को खुद फोन किया और रांची बुलाया. सभी विधायकों की समस्या सुनी और समाधान का भरोसा देकर वापस भेज दिया. इसका परिणाम ये निकला कि जिन विधायकों को चंपाई सोरेन के साथ बताया जा रहा था, वे अचानक एक-एक कर सीएम हाउस पहुंचे. यहां लगभग 3 घंटे तक इनकी सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात हुई. इसके बाद विधायकों ने कहा कि हम सीएम हेमंत सोरेन के साथ थे, हैं और मजबूती से रहेंगे. झामुमो छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं. बस यहीं से कथित तौर पर बीजेपी का पूरा खेल खराब हो गया.

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इससे पहले 2021 में भी बीजेपी महाराष्ट्र के एक बड़े कांग्रेस के पार्टी विधायकों के साथ रांची में डील करने की खबर सामने आयी थी. इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया था. 2022 में भी कांग्रेस के विधायकों में तोड़फोड़ करने और बंगाल के रास्ते असम जाने की खबर आयी थी. बताया जा रहा था कि वहां इनकी मुलाकात असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरना से होनी थी. हालांकि इस बात की भनक हेमंत सोरेन को लग गयी और उन्होंने बंगाल सीएम ममता बनर्जी के सहयोग से कांग्रेस के तीन विधायकों को गिरफ्तार करा दिया. कुल मिलाकर कहा जा रहा है कि झारखंड सीएम हेमंत सोरेन ने अपनी दूरदर्शिता से एक बार फिर बीजेपी के झारखंड में कमल खिलाने के षडयंत्र को फेल कर दिया. अब इस बात में कितनी सच्चाई है और कितना फसाना, आगामी कुछ समय में ये सामने आ ही जाएगी. फिलहाल तो चंपई सोरेन के अगले कदम का सभी को इंतजार है.

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