Vishvaraj Singh Mewar Latest News – राजस्थान के उदयपुर में महान प्रतापी सम्राट महाराणा प्रताप के वंशज रहते है. महाराणा प्रताप की वीरता और त्याग पढ़कर हर सच्चे सनातनी की आंखे भर जाती है. लेकिन दुर्भाग्य से इस समय उनके वंशज में आपसी विवाद के कारण राज परिवार चर्चा का बिषय बन गया है. विवाद वसीयत को लेकर है. यह विवाद महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद से अधिक गर्माया है. जबकि यह विवाद तीन दशक से भी पुराना है. महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके एकलौते बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ चित्तौड़गढ़ दुर्ग में राजतिलक हुआ. इस अवसर पर 21 तोपों की सलामी के साथ सलूंबर रावत देवव्रत सिंह ने तलवार से अपना अंगूठा काटकर अपने खून से तिलक लगाया और विश्वराज सिंह को गद्दी पर बैठाया. वही राजतिलक के बाद जब वे अपने समर्थको के साथ सिटी पैलेस स्थित धूणी माता और एकलिंग नाथ के दर्शन के लिए जब सिटी पैलेस पहुंचे तो गेट बंद थे वहां पुलिस की ओर से बैरिकेड्स लगाए गए थे. यही से विवाद बढ़ा है. हालांकि विश्वराज सिंह फिर भी एकलिंग नाथ जी के 77वें दीवान बने रहेंगे. इस लेख में हम आपको विश्वराज सिंह मेवाड़ की जीवनी (Vishvaraj Singh Mewar Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
विश्वराज सिंह मेवाड़ की जीवनी (Vishvaraj Singh Mewar Biography in Hindi)
पूरा नाम | विश्वराज सिंह मेवाड़ |
उम्र | 55 साल |
जन्म तारीख | 18 मई 1967 |
जन्म स्थान | मुम्बई |
शिक्षा | स्नातक |
कॉलेज | मुंबई |
वर्तमान पद | नाथद्वारा (राजसमन्द) विधायक |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ, व्यापार |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पिता का नाम | श्री महेंद्र सिंह मेवाड़ |
माता का नाम | श्रीमती निरुपमा कुमारी मेवाड़ |
पत्नी का नाम | श्रीमती महिमा कुमारी सिंह |
बच्चे | एक बेटा और एक बेटी |
बेटें का नाम | भंवर देवजादित्य |
बेटी का नाम | बाईसा जयति कुमारी |
स्थाई पता | समोरबाग, तह. गिर्वा, जिला-उदयपुर 313001 |
वर्तमान पता | ए-4/501, विधायक आवास, ज्योति नगर, जयपुर |
फोन नंबर | 9820912254, 02942523413 |
ईमेल | vishvaraj_singh[at]hotmail[dot]com |
विश्वराज सिंह मेवाड़ का जन्म और परिवार (Vishvaraj Singh Mewar Birth & Family)
विश्वराज सिंह का जन्म 18 मई 1967 को हुआ था. विश्वराज सिंह मेवाड़ महाराणा प्रताप के वंशज हैं. उनके पिता का नाम महेंद्र सिंह मेवाड़ और माता का नाम निरुपमा कुमारी है. उनकी माता टिहरी गढ़वाल की राजकुमारी है. वह टिहरी गढ़वाल के राजा लेफ्टिनेंट कर्नल महाराजा मानवेंद्र शाह की पुत्री है.
लेफ्टिनेंट कर्नल महाराजा मानवेंद्र शाह सक्रिय राजनीति में थे वह आरंभ में कांग्रेस में थे जबकि बाद में जब जनसंघ का निर्माण हुआ तब वह जनसंघ का सदस्य बन गए. जनसंघ भारतीय जनता पार्टी का ही पुराना नाम है. भारतीय जनता पार्टी पहले जनसंघ पार्टी के नाम से जानी जाती थी. जनसंघ के बाद वह भारतीय जनता पार्टी का सदस्य बन गए. वह भारत की दूसरी, तीसरी, चौथी, दसवीं, ग्यारहवी, बारहवी, 13वी और 14वी लोकसभा के सदस्य थे. उन्होंने लंबे समय तक उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल निर्वाचन क्षेत्र प्रतिनिधित्व किया.
विश्वराज सिंह मेवाड़ के पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ भी बीजेपी से सांसद रह चुके थे. वर्ष 1989 में वह राजस्थान के चित्तौड़गढ़ लोक सभा चुनाव बीजेपी के टिकट पर ही जीता था पर बाद में वह कांग्रेस में चले गए और फिर लगातार दो लोक सभा चुनाव हार गए. 1991 में वह कांग्रेस के टिकट पर चित्तौड़गढ़ लोक सभा चुनाव लड़ा था जबकि 1996 में वह भीलवाड़ा से चुनाव लड़ा था. उन्हें बीजेपी नेता जसवंत सिंह ने हराया था.
विश्वराज सिंह का विवाह महिमा कुमारी के साथ हुआ. महिमा कुमारी पंचकोटे राजपरिवार से आती है. दोनों से दो संतान हुए. एक बेटी और एक बेटा. बेटी का नाम बाईसा जयति कुमारी है और बेटे का नाम भंवर देवजादित्य है. विश्वराज सिंह मेवाड़ हिन्दू है और जाति से राजपूत है.
विश्वराज सिंह मेवाड़ की शिक्षा (Vishvaraj Singh Mewar Education)
विश्वराज सिंह मेवाड़ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर से की बाद में वह मेयो कॉलेज, अजमेर से पढाई की. उसके बाद वह आगे की कॉलेज की पढाई के लिए मुंबई चले गए और वही जाकर मेवाड़ हॉउस में बस गए.
विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजनीतिक करियर (Vishvaraj Singh Mewar Political Career)
विश्वराज सिंह मेवाड़ राजस्थान बीजेपी के नेता है और वर्तमान में पार्टी के प्रदेश के नाथद्वारा विधान सभा से विधायक है. भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें 2023 में राजस्थान के नाथद्वारा विधान सभा से उन्हें टिकट दिया. उस चुनाव में उनका मुकाबला राज्य कांग्रेस के बड़े नेता और तत्कालीन विधान सभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी से था. उस चुनाव में उनकी जीत हुई और वह पहली बार विधायक चुनकर जयपुर विधान सभा पहुंचे.
क्या है राजघराने का संपत्ति विवाद?
राजघराने का सम्पत्ति सम्बन्धी यह विवाद 1984 से ही चला आ रहा है. यह विवाद तब आरम्भ हुआ जब विश्वराज सिंह मेवाड़ के पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ अपने पिता भगवंत सिंह विरुद्ध केस कर दिया. जब राजघराने का सम्मान कोर्ट तक जा पहुंचा तब इस बात से नाराज होकर भगवंत सिंह मेवाड़ ने अपने बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ को अपनी सारी संपत्ति से बेदखल कर दिया और अपनी वसीयत में अपने छोटे बेटे अरविन्द सिंह मेवाड़ को एग्जीक्यूटर बना दिया. बस यही से इस परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद छिड़ गया.
विश्वराज सिंह मेवाड़ के दादा भगवंत सिंह थे. भगवंत सिंह के दो बेटे हुए. बड़े का नाम महेंद्र सिंह मेवाड़ है जबकि छोटे का नाम अरविन्द सिंह मेवाड़ है. विश्वराज सिंह मेवाड़ महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे है और वह पढाई के दौरान वही जाकर बस गए थे जबकि विश्वराज सिंह मेवाड़ के चाचा अरविन्द सिंह मेवाड़ अपने बेटे लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के साथ यही राजस्थान में सिटी पैलेस में बने महल में रहने लगे.
अब हुआ यह कि विश्वराज सिंह मेवाड़ के पिता और मेवाड़ घराने के बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ का 10 नवंबर, 2024 को देहांत हो गया. इसके बाद 25 नवंबर को उनके एकलौते बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ का पगड़ी दस्तूर का कार्यक्रम हुआ और चित्तौड़गढ़ दुर्ग में उनका राजतिलक हुआ. इस तिलक की परम्परा के अनुसार यह तभी पूर्ण मानी जाती है जब उदयपुर स्थित सिटी पैलेस में धूणी और एकलिंगजी मंदिर का भी दर्शन हो. राजपरिवार की मान्यता के अनुसार शासन करने करने के लिए एकलिंगजी मंदिर जाकर आशीर्वाद लेना आवश्यक है अन्यथा वह राजतिलक पूर्ण नहीं मानी जाती है. विवाद तब हुआ जब विश्वराज सिंह मेवाड़ को इन दोनों ही स्थानों पर प्रवेश करने से रोक दिया गया. इन दोनों स्थानों की देख रेख करने वाले ट्रस्ट ने एक विज्ञप्ति जारी करके किसी भी प्रकार के अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. अब इसी के बाद राजपरिवार का विवाद एक बार फिर से चर्चा का बिषय बन गया है.
विश्वराज सिंह मेवाड़ की संपत्ति (Vishvaraj Singh Mewar Net Worth)
2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव के समय उनके द्वारा दिए गए हलफनामे के अनुसार विश्वराज सिंह मेवाड़ की कुल संपत्ति 1 करोड़ है जबकि उनपर शून्य करोड़ का कर्ज भी है.
इस लेख में हमने विश्वराज सिंह मेवाड़ की जीवनी (Vishvaraj Singh Mewar Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.