पॉलिटॉक्स न्यूज/देश-दुनिया. लद्दाख की गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए भारतीय सैनिकों की शहादत का बदला लेने की बात कही है. सोमवार रात दोनों ओर से सैनिकों की आपस में झड़प हो गई जिसमें एक अफसर सहित तीन भारतीय जवानों की मौत हो गई. हालांकि चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, झड़प में 11 चीनी जवान घायल हुए हैं और 5 की मौत हुई है. दोनों ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई है लेकिन हाथापाई के दौरान ये घटना घटित हुई. दोनों ओर की सेनाओं ने एक दूसरे पर सीमा उल्लंघन के आरोप लगाए हैं. वहीं चीन ने भारत से एक तरफा कार्रवाई न करने की बात कहते हुए बातचीत से मामला सुलझाने की सलाह दी है. बता दें, लद्दाख इलाके में 1962 के बाद बीते 58 सालों में भारतीय सैनिक की इस तरह मौत का ये पहला मामला है. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन ने चीन मसले पर एक बार फिर से केन्द्र सरकार को घेरा है.
जैसा कि पहले भी कहा जा चुका है कि दोनों ओर से कोई गोलीबारी नहीं हुई लेकिन आपसी हाथापाई में जवानों की जान गई. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्टर वांग वेनवेन ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि बीते दिन भारत-चीन सीमा पर हुए टकराव में चीन के पांच सैनिक मारे गए हैं और 11 सैनिक घायल हुए हैं.’ ट्वीट में दोनों देशों के सैनिकों के बीच गोलीबारी न होने और झड़प के दौरान हाथापाई होने की बात भी कही गई है.
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इधर चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत पर सीमा उल्लंघन का आरोप लगाया है. चीन ने घुसपैठ का आरोप जड़ते हुए कहा कि भारतीय सैनिक LAC पार कर रहे थे. जब उन्हें पीछे धकेला गया तो आपसी झड़प हुई जिसमें दोनों तरफ के सैनिक हताहत हुए हैं. चीन ने भारत को एक तरफा कार्रवाई न करने या तनाव बढ़ाने से बचने की सलाह देते हुए कहा कि मसले को आपसी बातचीत से हल किया जा सकता है.
दूसरी ओर, भारतीय सेना ने चीन पर भारतीय क्षेत्र में घुसने का आरोप लगाया. रिपोर्ट के अनुसार, चीनी सैनिक पीछे नहीं हट रहे और लगातार आगे बढ़ रहे हैं. जब सेना के जवानों ने उन्हें रोकने और पीछे धकेलने की कोशिश की तो दोनों ओर से हाथापायी शुरु हो गई. चीनी सैनिक भारत की ओर से उसकी सीमाओं में बनाई जाने वाली सड़कों का विरोध कर रहे हैं. इससे दोनों देशों के बीच भारी तनाव के हालात बन गए हैं. इसी दौरान तीन भारतीय जवानों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि चीन के 5 जवानों की मौत हुई है और 11 घायल हुए हैं.
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इधर, केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हाई लेवल मीटिंग की है. बैठक में चीन सीमा पर मौजूदा स्थिति को लेकर चर्चा की गई है. रक्षामंत्री जल्द ही पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे. सीमा पर हिंसक झड़प के बाद सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे ने अपना पठानकोट का दौरा रद्द कर दिया है. बता दें, बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने खड़े थे. इससे पहले भी दोनों ओर से हाथापाई की खबरें मिली थी लेकिन हताहत होने की कोई खबर नहीं आई थी.
‘हिंसक टकराव’ के बाद कांग्रेस ने सरकार ने कहा ‘हमको चाहिए बदला’
लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ ‘हिंसक टकराव’ और तीन जवानों की मौत के बाद सांसद अधीर रंजन चौधरी ने एक बार फिर सेनाध्यक्ष और मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि सेना को भारतीय जवानों की शहादत का बदला लेना चाहिए. अधीर रंजन ने कहा कि चीन को हमारे जवान को इस तरह मार देना का कोई अधिकार नहीं है. चीन के फौज का इस तरह का व्यवहार हमें बर्दाश्त नहीं होगा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से हमारी गुजारिश है कि भारत चीन से बदला लें, ताकि चीन की दोबारा हम पर हमला करने की हिम्मत न हो.. हम बदला चाहते हैं.
Our Army Jawans including Colonel have been fallen victims to unscrupulous Chinese aggression. @PMOIndia we need befitting retaliation, retaliation, retaliation!
I pay my homage to the brave souls who have laid down their precious lives for the sake of Our Motherland
— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) June 16, 2020
इससे पहले भी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने सेनाध्यक्ष एमएम नरवणे के बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि चीन से बातचीत का क्या मतलब है?
Indian Army is well capable to resist any foreign intrusion including China, but there is no place of complacency while dealing with China.
(1/3)— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) June 15, 2020
चौधरी ने ये कथन सेनाध्यक्ष के उस बयान पर कहा जिसमें आर्मी चीफ ने लद्दाख में चल रहे सीमा विवाद पर कहा था कि चीन के साथ बातचीत चल रही है और हम बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने में सक्षम हैं. देहरादून में आईएमए की पासिंग आउट परेड के दौरान 13 जून को एमएम नरवणे ने कहा था कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति नियंत्रण में है और दोनों सेनाओं के बीच बातचीत सकारात्मक रही.
Army Chief is appeared to be highly satisfied when he commented that military talks between India & China is "very fruitful", what does it mean by 'very fruitful' when large chunk of our claimed territory has been brazenly encroached upon by China,
(2/3)— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) June 15, 2020
…this kind of exuberance from Army Chief is not desirable , let the status quo ante is restored, thereafter Army Chief may express his "very fruitful" remark, our brave army is our pride, entire country stand by our valiant army,
(3/3)— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) June 15, 2020
इधर, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि यह हैरान करने वाला, अविश्वसनीय और अस्वीकार्य है. क्या रक्षा मंत्री इसकी पुष्टि करेंगे?
Shocking,
Unbelievable
&
Unacceptable!Will the Raksha Mantri confirm? https://t.co/kAtNuHxZVV
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 16, 2020