तमिलनाडु के करूर में भगदड़ मामले में राज्य पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें अभिनेता-राजनेता विजय थलपति की तमिलगा वेत्री कषगम (TVK) के जिला सचिव वीपी माथिय्यालगन और पदाधिकारी पौनराज और एक पत्रकार शामिल है. कोर्ट ने पौनराज और माथिय्यालगन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पौनराज पर भगदड़ केस के मुख्य आरोपी माथिय्यालगन को शरण देने का आरोप है जबकि यूट्यूबर पत्रकार फेलिक्स गेराल्ड अफवाहें फैलाने का आरोप है. हादसे के दो दिन बाद विजय ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया है.
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विजय ने कहा, ‘क्या CM स्टालिन बदला लेने की कोशिश कर रहे हैं. हमने कुछ गलत नहीं किया. अगर बदला लेना है तो मेरे पास आओ. मैं घर में मिलूंगा या ऑफिस में. मेरी पार्टी के पदाधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मैं CM से अपील करता हूं कि कृपया मेरी पार्टी के पदाधिकारियों को नुकसान न पहुंचाएं.’ उन्होंने आगे कहा कि जल्द ही हर सच्चाई सामने आ जाएगी. मुझे इस घटना पर खेद है. हम राजनीतिक यात्रा पर हैं. इस पर हम मजबूती और हिम्मत से आगे बढ़ेंगे.
27 को रैली में हुई 41 लोगों की मौत
याद दिला दें कि तमिल एक्टर विजय की पॉलिटिकल पार्टी TVK की चुनावी रैली में 27 सितंबर का शाम भगदड़ मची थी. इसमें 41 लोग मारे गए और 51 लोग ICU में भर्ती हैं. आरोप लगाया जा रहा है कि विजय तय समय से 6 घंटे देरी से पहुंचे और वहां 10 हजार के मुकाबले 50 हजार की भीड़ जमा हो गयी. संकरी सड़क से बस में राजनीतिक रैली निकाली गयी जहां विजय द्वारा एक गुम हुई बच्ची को खोजने की अपील ने भगदड़ मचा दी, जिसमें 41 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा. स्टालिन सरकार ने एक वीडियो जारी कर विजय की पार्टी पर रैली के दौरान नियम तोड़ने सहित अन्य आरोप जड़े हैं.
विजय पर कई आरोप, लेकिन केस नहीं
इस मामले में एक FIR दर्ज की गई है. विजय पर आरोप हैं कि वे जानबूझकर रैली में देर से पहुंचे, ताकि ज्यादा भीड़ इकट्ठा हो. इसके अलावा उन्होंने बिना अनुमति के रोड शो किया. FIR में कहा गया है कि विजय शाम करीब 4:45 बजे करूर में थे, लेकिन उनका काफिला शाम 7 बजे रैली स्थल पर पहुंचा, तब तक भीड़ बेकाबू हो चुकी थी. पुलिस ने रैली के आयोजक और विजय के करीबियों को स्थिति बिगड़ने की चेतावनी दी थी, लेकिन उन्होंने नजरअंदाज किया. पुलिस ने FIR में विजय पर आरोप लगाए हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया है. जबकि उनके तीन करीबियों पर केस किया है.
इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 (हत्या का प्रयास), 110 (हत्या का प्रयास करने का प्रयास), 125 (अन्य की जान को खतरे में डालना) और 223 (आदेश की अवहेलना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. साथ ही, तमिलनाडु सार्वजनिक संपत्ति (नुकसान और क्षति रोकथाम) अधिनियम, 1992 की धारा 3 के तहत भी कार्रवाई की गई है. करूर भगदड़ की जांच रिटायर्ड हाईकोर्ट जस्टिस अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता वाली कमेटी को सौंपी गई है.



























