BJP worker Vijay singh death: बिहार की राजधानी पटना के डाकबंगला चौराहे पर लाठीचार्ज पर बीती शाम पुलिस ने बीजेपी के विधानसभा मार्च पर जमकर लाठीचार्ज किया. इसमें काफी कार्यकर्ताओं और नेताओं को चोटें आई हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के नेतृत्व में निकाले जा रहे इस मार्च पर हुए लाठीचार्ज में जहानाबाद के एक बीजेपी नेता की मौत हो गई है. साथ ही साथ बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा समेत कई अन्य नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर भी पुलिस ने जमकर लाठियां चटकाई हैं. पुलिस लाठीचार्ज से बीजेपी नेता की मौत के आरोपों पर बिहार की राजनीति में बवाल मच गया है. इसको लेकर बीजेपी नीतीश सरकार बदले की भावना से कार्रवाई का आरोप लगा रही है.
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया कि बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज से जहानाबाद के बीजेपी जिला महामंत्री विजय कुमार सिंह की मौत हुई है. वहीं, पटना मेडिकल कालेज अस्पताल अधीक्षक आईएस ठाकुर ने कहा कि विजय सिंह को अचेत अवस्था में उनके अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया था. उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस लाठीचार्ज को बिहार के सीएम नीतीश कुमार एवं गठबंधन सरकार के भ्रष्ट्राचार के किले को बचाने के लिए लोकतंत्र पर हमला बताया है. वहीं प्रदेश के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सरकार का बचाव किया है.
बदले की कार्रवाई नहीं, केवल हुड़दंगियों को सबक सिखाया – तेजस्वी
बीजेपी द्वारा सरकार पर बदले की भावना से कार्रवाई के आरोपों पर प्रदेश के डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव ने जवाब देते हुए कहा कि कोई बदला नहीं लिया गया है. शिक्षक के मामले पर सभी लोगों को बुलाकर चर्चा करने की बात सीएम नीतीश कुमार ने कही थी. तेजस्वी यादव ने कहा कि सारे शिक्षक संगठनों से बात हुई है. बीजेपी के प्रदर्शन में तो कोई शिक्षक संगठन शामिल भी नहीं था. ये लोग बेकार के हुड़दंग कर रहे हैं.
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तेजस्वी ने बीजेपी पर पलटवार में कहा कि कौन सा ऐसा राज्य है जहां तीन लाख से ज्यादा वैकेंसी निकालकर नौकरियां दी जा रही हैं? आगे डिप्टी सीएम ने कहा कि हम अपने शासनकाल में 10 लाख नौकरियां का आंकड़ा पूरा कर लेंगे, लेकिन बीजेपी दो करोड़ नौकरियां और मंहगाई पर जवाब दे. 18 साल से सत्ता में कौन लोग थे? डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद यह वैकेंसी निकाली गई है. इसके बाद ही शिक्षकों को राजकीय दर्जा दिया जा रहा है. इसको लेकर और कोई छोटी-मोटी शिकायत होगी. इस पर संवाद कर रहे हैं. इस मुद्दे पर सभी की शिकायतों को सुनेंगे.
इधर, जदयू के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि लाठीचार्ज, वाटर कैनन, आंसू गैस से बीजेपी डर गई. आरएसएस में तो लाठीचार्ज की ट्रेनिंग दी जाती है. प्रतिबंधित क्षेत्र में बीजेपी के नेता, कार्यकर्ता मार्च निकालेंगे, प्रदर्शन करेंगे तो यह तो होगा ही. वहीं राजद एमएलसी सुनील सिंह ने कहा कि ये भी तो हो सकता है चुनाव में उनका टिकट कटने वाला होगा. टिकट कंफर्म करने के लिए जानबूझकर पिटवाए होंगे.
प्रदेश की राजनीति गर्मायी, निशाने पर नीतीश सरकार
इस घटना के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है. विपक्ष के निशाने पर नीतीश सरकार आ गई है. बीजेपी के नेताओं ने नीतीश सरकार के इस कृत्य की निंदा की है. इस पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पटना में हुआ लाठीचार्ज राज्य सरकार की विफलता और बौखलाहट का नतीजा है. महागठबंधन की सरकार भ्रष्टाचार के किले को बचाने के लिए लोकतंत्र पर हमला कर रही है. जिस व्यक्ति पर चार्जशीट हुई है, उसको बचाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री अपनी नैतिकता तक भूल गए हैं.
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि हमारे एक कार्यकर्ता की हत्या हुई है. जहानाबाद के कार्यकर्ता की शहादत हुई है. कई कार्यकर्ताओं के सिर फट गए हैं. हमलोग न झुके हैं न झुकेंगे. पूरी लड़ाई लड़ेंगे. जानबूझकर आदेश था कि भाजपा वालों को मार के भूत बना देना है. शाहनवाज ने कहा कि ये सरकार का आदेश था. कार्यकर्ताओं को पीटा गया है. सबको चोट लगी है. कई सांसद और विधायकों को भी पीटा गया है. सभी घायल हुए हैं. सरकार रोजगार दे नहीं रही बल्कि छीन रही है.
वहीं आरएलजेडी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर महागठबंधन सरकार पर हमला बोला. उन्होंने लिखा कि इतिहास गवाह है. ऐसा कृत्य करने वाली सरकार को जनता उखाड़ फेंकती है.
इधर, एनडीए से अलग हुए लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि सत्ता के अहंकार में चूर मुख्यमंत्री की पुलिस ने बिहारियों के हक और अधिकार के लिए लड़ रहे बीजेपी के निहत्थे कार्यकर्ता की जान ले ली. नीतीश कुमार बताएं कि इन कार्यकर्ताओं का क्या कसूर है? यह बिहार में अघोषित आपातकाल नहीं है तो और क्या है.
तेजस्वी को बर्खास्त करने सहित मांगों को लेकर विधानसभा मार्च निकाल रहे थी बीजेपी
दरअसल, भ्रष्ट्राचार के आरोपों में शामिल बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को बर्खास्त करने सहित अन्य मांगों को लेकर निकाले जा रहे इस मार्च की शुरूआत शहर के गांधी मैदान से हुई. बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ सैंकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं की भीड़ थी. बीजेपी शिक्षक बहाली की नई नियमावली को वापस लिए जाने, 10 लाख रोजगार के मुद्दे पर जवाब और तेजस्वी यादव के इस्तीफे या सीएम नीतीश कुमार द्वारा बर्खास्त किए जाने की मांगों को लेकर विधानसभा मार्च निकाल रहे थे.
बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता डाकबंगला चौराहा पहुंचे तो यहां पुलिस ने रोक दिया और आगे बढ़ने के प्रयास करने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. इस लाठीचार्ज में मार्च में शामिल होने आए जहानाबाद के कल्पा के विजय सिंह की मौत हो गई.