Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश भाजपा में चल रही खींचतान की कवायद के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एक बार फिर अपनी जमीन मजबूत करने के लिए इन दिनों हाड़ौती के तूफानी दौरे पर हैं. भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आज अपने गृह जिले झालावाड़ दौरे के तीसरे दिन भी शहर के डाक बंगले में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता से मुलाकात कर उनकी परेशानियों को जाना. भारी बारिश से हाड़ौती में बिगड़े हालात के हाल जानने के लिए वसुंधरा राजे हाड़ौती के तीन दिन के दौरे पर हैं. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए मैडम राजे ने पोस्टर विवाद पर भी खुलकर अपने ‘मन की बात‘ की जो इशारों-इशारों में पार्टी में उनके विरोधियों को दिया गया दो टूक मैसेज है.
‘पोस्टर होर्डिंग में नहीं, दिलों में रहना है’- राजे
पोस्टर विवाद को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि, ‘मैं पोस्टर और होर्डिंग में नहीं, जनता के दिलों में रहना चाहती हूं. मुझे खुशी है कि जनता के दिलों पर राज कर रही हूं. जब मैं मुख्यमंत्री थी तब भी मेरे समर्थक मेरे फोटो लगे पोस्टर लगवा देते थे और तब मैं नगर निगम से कहकर मेरे फ़ोटो लगे पोस्टर हटवाती थी. क्योंकि मैं कागजों में नहीं हूं, जनता के दिलों में हूं‘. मैडम राजे ने अपनी माताजी को याद करते हुए कहा कि, ‘मेरी मां राजमाता सिंधिया ने भी शुरू से मुझे यही सिखाया है कि लोगों के दुख दर्द बांट कर उन्हें अपने गले से लगाओ और उनके दिलों में जगह बनाओ.
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इस दौरान पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने मीडिया से बातचीत मे कहा कि, ‘पिछले दो दिनों में मैंने बाढ़ ग्रस्त इलाकों का सर्वेक्षण किया है. झालावाड़ बारां समेत हाड़ौती अंचल में हालात काफी खराब है. जिले में खेतों मकानों जानवरों का काफी नुकसान हुआ है. मैंने पिछले कई सालों में ऐसे खराब हालात नहीं देखे. ऐसे मे सरकार बाढ़ पीड़ित हर वर्ग को तुरंत राहत प्रदान करे. प्रारंभिक तौर पर सरकार तुरंत 2 माह के बिजली के बिल माफ करें तो वहीं अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में भोजन के पैकेट की भी व्यवस्था करें. इससे पहले वसुंधरा राजे सीएम गहलोत पर जोरदार हमला बोल ही चुकी है. राजे ने कहा था कि- ‘बाढ़ और अतिवृष्टि की मार से परेशान हाड़ौती की जनता खून के आंसू रो रही है. राज्य सरकार जयपुर के सिविल लाइन्स में चैन की नींद सो रही है’.
क्या है पोस्टर विवाद
अब आपको बताते हैं कि क्यों वसुंधरा राजे को यह कहना पड़ा, दरअसल, पार्टी में एकजुटता दर्शाने और 2023 के होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनज़र दिल्ली में बुलाई गई बैठक के बैनर में राजे की तस्वीर नदारद रहना चर्चा का विषय बना हुआ था. इस बैनर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया के चार चेहरों को ही जगह दी गई थी. इस बैनर के कई मायने निकाले गए. वहीं जयपुर में भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय के बाहर लगे बैनर से भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की फोटो कई महीनों पहले ही हटा दी गई थी.
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पूरी तरह से फील्ड में सक्रिय इजर आ रहीं हैं मैडम राजे और समर्थक
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पिछले तीन दिनों से फील्ड में सक्रीय नज़र आई हैं. हाड़ौती संभाग में हुई अतिवृष्टि के बाद राजे ने दो दिन तक बूंदी और झालावाड़ क्षेत्रों के अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का सघन दौरा किया है, इस दौरान मैडम जनता के बीच जा रही हैं और कार्यकर्ताओं से बात कर रही हैं. भाजपा के विपक्ष में आने के बाद से राजे की फील्ड में मौजूदगी चुनिंदा अवसरों पर ही देखी गई है. अभी तक मैडम वसुंधरा राजे संवेदनशील मसलों को वर्चुअल माध्यम से ही उठाती रही हैं. ट्वीट बयानों के माध्यम से उनका गहलोत सरकार को निशाने पर लेने का सिलसिला लगातार जारी रहा है.
आपको बता दें, इससे पहले मैडम राजे पिछले सप्ताह नई दिल्ली में हुई राजस्थान भाजपा सांसदों की बैठक में नज़र आईं थीं. भाजपा हाईकमान की लाख कोशिशों के बावजूद भी प्रदेश भाजपा में अंदरूनी गुटबाज़ी अभी थमी नहीं है. प्रदेश में राजे समर्थक उन्हें वर्ष 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए अगले मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश करने की जी-जान से कोशिश कर रहे हैं. राजे के समर्थकों में से एक और पार्टी से निष्कासित नेता और पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा ने तो इन दिनों ‘वसुंधरा राजे मिशन 2023‘ चलाया हुआ है. वहीं वसुंधरा राजे समर्थन मंच भी लगातार सक्रीय बना हुआ है.