पॉलिटॉक्स ब्यूरो. आज प्रेम का पर्व यानि ‘वैलेंटाइन डे’ है. देशभर में मनाए जा रहे इस युवा पर्व की इस कड़ी में दिल्ली के शाहीन बाग में भी ‘वैलेंटाइन डे’ (Valentine Day) मनाया जा रहा है. खास बात ये है कि यहां पीएम नरेंद्र मोदी को प्यार जताने के लिए उनके लिए मंच पर गिफ्ट के तौर पर एक बड़ा टेडी बियर भी रखा गया है. यहां ‘मोदी तुम कब ओओगे‘ का तराना भी लगातार गूंज रहा है. युवाओं की ओर से पीएम मोदी के लिए यह मंच और ‘वैलेंटाइन डे’ की ये तैयारियां की गई है. नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में शाहीन बाग में सैंकड़ों लोग दो महीने से धरने पर बैठे हैं.
शाहीन बाग में युवाओं के एक ग्रुप की सदस्य ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी को यहां बुलाने के लिए इतनी सारी तैयारियां की गई है. ये तैयारियां वैलेंटाइन (Valentine Day) थीम पर की गई हैं. डेडी बियर के साथ पोस्टर्स भी वैलेंटाइन डे के लगाए गए हैं. यहां ‘मोदी तुम कब आओगे’ के बैनर और स्टिकर भी सभी जगह लगाए गए हैं. युवा बिग्रेड का कहना है कि पीएम मोदी यहां आएं और अपना तोहफा कबूल करें. साथ ही लोगों से बात करें. युवा बिग्रेड का कहना है कि शाहीन बाग में गाना होगा, बजाना होगा बस वैलेंटाइन नहीं होगा.
धरना प्रदर्शन कर रहे युवा सदस्यों ने इन तैयारियों को ‘प्यार के दिवस पर नफरत का प्रेम से दिया गया जवाब’ (Valentine Day) बताया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को यहां आकर धरने पर बैठी मां-बहनों से बात करनी चाहिए. सदस्यों ने ये भी बताया कि पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां पूरे दिनभर माइक बंद रखा जाएगा. उनके मुताबिक, पुलवामा में शहीद हुए जवानों के परिजनों को भी आज के दिन शाहीन बाग बुलाया गया है.
वैलेंटाइन डे (Valentine Day) से एक दिन पहले से ही ये तराना शाहीन बाग में गूंज रहा है…
सर्दी आकर चली गई,
गर्मी ज्यादा दूर नहीं।
मोदी तुम कब ओओगे,
महिलाओं का नारा है।
भारत वर्ष हमारा है,
ये काला कानून हटाओ।।
बता दें, सीएए और एनआरसी के विरोध में स्थानीय दुकान और बड़ी संख्या में महिलाएं 15 दिसम्बर से शाहीन बाग में धरना प्रदर्शन कर रही हैं. कड़कड़ाती ठंड और खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन कर रहे सैंकड़ों लोगों के सामने रोजी रोटी की समस्या भी खड़ी है लेकिन इसके बावजूद वे डटे हुए हैं. यहां सरकार की ओर से किसी प्रतिनिधि मंडल के आने का इंतजार किया जा रहा है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच गया है और कई बार धरना वापस लेने की भी अपील की गई लेकिन लोग पीछे हटने को तैयार नहीं.
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पिछले महीने यहां ठंड से एक दूधमुही बच्ची की मौत भी हो गई थी लेकिन उसकी मां फिर भी यहां धरने पर डटी रही. चूंकि अब दिल्ली विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुका है, ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि ये आंदोलन जल्दी समाप्त होगा.