उत्तराखंड राज्य में विपक्ष में बैठी कांग्रेस में गैरसैंण मुद्दे को लेकर पार्टी तीन गुटों में बंटी हुई दिख रही है. मुद्दा उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने को लेकर है जिसमें कांग्रेस के बड़े नेता, जिनमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष करण माहरा भी शामिल हैं, सहित अलग अलग धड़े बन गए हैं. इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने चुटकी लेते हुए कांग्रेस के नेताओं पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है.
दरअसल, राज्य के पूर्व सीएम हरीश रावत सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट कर 2027 में गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की बात कर रहे हैं. फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर करते हुए रावत लिखते हैं, ‘कांग्रेस ने गैरसैंण को बसाया, संवारा और अब वही 2027 में इसे स्थायी राजधानी बनाएगी.’ इसके अलावा भी उनके कई पोस्ट ऐसे हैं जो उन्होंने हाल ही में पोस्ट किए हैं और इनमें वह लोगों से वादा कर रहे हैं कि 2027 में अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो वो इसे स्थायी राजधानी बनाएगी.
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वहीं किच्छा से कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ गैरसैंण नहीं, बल्कि देहरादून को स्थायी राजधानी के पक्ष में हैं. बेहड़ का कहना है, ‘गैरसैंण पहले से ग्रीष्मकालीन राजधानी है. इसे स्थायी राजधानी नहीं बनाया जा सकता. देहरादून ही स्थायी राजधानी होनी चाहिए.’ इतना ही नहीं, उन्होंंने विधानसभा की बिल्डिंग को भी देहरादून से बाहर बनाए जाने की वकालत की है. उनका मानना है कि विधानसभा को शहर के अंदर के जाम से बाहर निकालकर बाहर की तरफ बनाना चाहिए क्योंकि देहरादून के चारों तरफ बहुत जमीन है.
वहीं पीसीसी चीफ करण माहरा इन दोनों के ही बयानों को निजी राय बताकर गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने से पहले वहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की वकालत कर रहे हैं. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में माहरा ने दोनों ही नेताओं के बयानों से अपना पल्ला झाड़ लिया और कहा, ‘तिलक राज बेहड़ और हरीश रावत जी, दोनों की ये व्यक्तिगत टिप्पणी हैं. ये निजी राय है, न कि कांग्रेस की. गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने से पहले वहां अस्पताल, स्कूल, सड़कें, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास जरूरी है.’
हालांकि तीनों ने आपस में एक दूसरे के बयान की काट नहीं की है लेकिन तीनों के बयान अलग अलग दिशा में जा रहे हैं, जिसे लेकर पार्टी में फूट पड़ने के आसार हैं.
बीजेपी के नेता ले रहे चुटकी
वहीं, अब इन तीनों नेताओं के अलग अलग बयानों पर भाजपा चुटकी ले रही है. इस संबंध में धर्मपुर से बीजेपी विधायक विनोद चमोली ने कहा, ‘गैरसैंण को लेकर कांग्रेस की कोई तय लाइन नहीं है. एक तरफ हरीश रावत गैरसैंण को स्थायी राजधानी का वादा करते हैं, दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक विधानसभा में देहरादून को राजधानी बनाने की वकालत करते हैं. इनके नेता सिर्फ जनता को गुमराह कर रहे हैं.’
बता दें कि उत्तराखंड के गठन के समय से ही गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग उठना शुरू हो गई थी, जिसके बाद 8 जून 2020 को गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया गया. अब इसे स्थायी राजधानी बनाने की मांग भी जोर पकड़ने लगी है जिसमें अलग अलग मत सामने आ रहे हैं. अब देखना है कि इस मुद्दे पर बढ़ती बयानबाजी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाती है या उनकी मांग पर सरकार द्वारा अमल किया जाता है.



























