Politalks.News/UttarPradesh. विवादित या अमर्यादित बोल राजनीति का अभिन्न हिस्सा रहे हैं और आजकल तो इस तरह के बोल बचन पॉलिटिक्स में स्टेटस सिंबल माने जाते हैं. दूसरी तरफ उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के चलते सभी पार्टियां फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं कि कहीं कोई गलती न हो. लेकिन ऐसे माहौल में भी जनता के एक सेवक धार्मिक स्थल पर अपना आपा खो बैठे. इसके बाद इस जनसेवक ने न केवल खुद की ‘फजीहत’ कराई बल्कि अपनी पार्टी और हाईकमान की भी ‘किरकिरी’ करा दी. मामला उत्तरप्रदेश के एक भाजपा सांसद से जुड़ा हुआ है. चलिए आपका सस्पेंस खत्म करते हैं और आपको सिलसिलेवार घटनाक्रम से अवगत कराते हैं.
सांसद ने खोया आपा, जागेश्वर धाम के पुजारियों को दीं गालियां
दरअसल, उत्तर प्रदेश के बरेली के पास की संसदीय सीट ‘आंवला‘ से बीजेपी सांसद धर्मेंद्र कश्यप शनिवार को देवभूमि उत्तराखंड के अल्मोड़ा स्थित जागेश्वर धाम में अपने दोस्तों के साथ दर्शन करने गए थे. दर्शन करने के दौरान वहां के पुजारियों और उनका किसी बात को लेकर विवाद हो गया. इस दौरान धर्मेंद्र कश्यप और उनके दोस्तों ने वहां मौजूद पुजारियों बहुत ज्यादा गंदी-गंदी गालियां दीं और अभद्र भाषा का प्रयोग किया. इसी दौरान किसी ने सांसद धर्मेंद्र कश्यप को गाली गलौज करते हुए का वीडियो भी बना लिया. अब जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ कुमाऊं मंडल में ‘आक्रोश‘ फैल गया. बीजेपी सांसद के खिलाफ हजारों लोग एकजुट हो गए और कार्रवाई की मांग करने लगे.
कांग्रेस ने हाथों-हाथ मामले को लिया ‘हाथ’ में और कर दिया ‘राजनीतिक उपवास’
जागेश्वर धाम के स्थानीय लोग क्षेत्रीय कांग्रेस के विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल सांसद धर्मेंद्र कश्यप के विरोध में रविवार को मंदिर परिसर में ‘राजनीतिक उपवास‘ पर बैठ गए. कुंजवाल ने कहा कि, ‘सांसद ने धार्मिक स्थल पर अभद्र भाषा का प्रयोग कर उसकी मर्यादा और गरिमा के विपरीत आचरण किया है. इसके लिए उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए’. लोगों के बढ़ते दबाव के आगे आखिरकार प्रशासन भी बैकफुट पर आ गया. जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट ने बताया कि, ‘घटना के बारे में उन्होंने अल्मोड़ा के जिलाधिकारी को अपनी शिकायत दी थी और उनके आदेश पर राजस्व क्षेत्र में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है’.
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मंदिर प्रबंधन ने दिया था कोरोना गाइडलाइन का हवाला
भगवान भट्ट ने बताया कि, शनिवार शाम सांसद धर्मेंद्र कश्यप अपने कुछ सहयोगियों के साथ पूजा-अर्चना के लिए जागेश्वर मंदिर पहुंचे थे. सांसद कश्यप की पूजा समाप्त होने के बाद मंदिर प्रबंधन ने उन्हें मंदिर के शाम 6 बजे बंद होने की जानकारी देते हुए उनसे वहां से बाहर जाने का आग्रह किया’. आरोप है कि ‘प्रबंधन समिति द्वारा सांसद को कोविड-19 के कारण वक्त पर मंदिर बंद होने की बात कही गई, तो उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया’.
सांसद के आरोप पर मंदिर वाले बोले खाओ ‘भोले बाबा की कसम’
वहीं, सांसद वीडियो में आरोप लगाते हुए नजर आ रहे हैं कि, ‘दर्शन और मत्था टेकने के हजार रुपए मांगे जा रहे हैं’. लेकिन फिर प्रबंधन समिति के द्वारा वीडियो में कहा जा रहा है कि, ‘अगर हमने हजार रुपए मांगे तो आप मंदिर में चल कर हाथ रख कर बोल दीजिए और भगवान भोलेनाथ की कसम खाकर सच बोलिए’. हालांकि यह ड्रामा फिर भी समाप्त नहीं हुआ, काफी देर तक हाई वोल्टेज ड्रामा मंदिर परिसर के अंदर चलता रहा. सैकड़ों लोग मंदिर परिसर में इकट्ठा हो गए. जिसके बाद सांसद साहब को वहां के लोगों ने घेर लिया जिसका बीच बचाव करने के लिए स्थानीय पुलिस और सांसद साहब के पुलिसकर्मी मौजूद रहे.
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सांसद साहब का गालियां देते हुए का वीडियो वायरल
बस फिर क्या था, इस बात पर सांसद महोदय भड़क गए और उन्होंने गाली-गलौज की, दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ने पर सांसद वहां से चले गए. इस मामले में अल्मोड़ा एसडीएम मोनिका ने बताया कि, ‘उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जागेश्वर धाम के पुजारियों के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करने के आरोप में आंवला, उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसद धर्मेंद्र कश्यप और उनके दोस्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई’. इस घटना के बाद उत्तरप्रदेश में कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सांसद के बर्ताव की निंदा की है. वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा है कि, ‘किसी को भी धार्मिक स्थल पर ऐसी अमर्यादित भाषा शोभा नहीं देती है’.
फिर बोले हो गई थी गलतफहमी !
उत्तराखंड के जागेश्वर धाम में हुए गाली गलौज मामले में सांसद धर्मेन्द्र कश्यप का कहना है कि, ‘कोई बहुत ज्यादा विवाद नहीं हुआ था. लगातार 20 वर्षो से जागेश्वर धाम जा रहे हैं. सावन का महीना चल रहा है इसलिए वहां गए थे. करीब 2 बजे वहां पहुच गए थे, 3 बजे हमारी पूजा शुरू हुई. हवन हो गया, तब तक कहीं कोई बात नहीं हुई. लेकिन, जो वहां का प्रबंधक भगवान भक्त है उसका रवैया ठीक नहीं है. कुछ लोगों का कहना था कि ये गर्भगृह में दर्शन कराने के एक हजार रुपये लेता है. वहां के कुछ लोग आ गए और हमसे कहने लगे यहां से निकलो. जिसके बाद कहासुनी हो गई, बाद में सब ठीक हो गया. बस थोड़ी गलतफहमी हो गई थी’. लेकिन आपको बता दें, सांसद कश्यप के इस आचरण ने उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक भाजपा हाईकमान की किरकिरी करवा दी है.
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पॉलिटॉक्स का मानना है कि माननीयों की धार्मिक या अन्य स्थलों पर अमर्यादित भाषा की सराहना कदापि नहीं की जा सकती है. संविधान के अनुसार आपका पद और दायित्व ‘गरिमा‘ के खिलाफ जाने की इजाजत नहीं देते हैं. अब वह दौर नहीं रहा कि आप पब्लिक प्लेस पर कुछ भी बोल कर चले जाओगे. यह सोशल मीडिया का दौर है. यानी हर चीज ‘वायरल’ हो रही है.