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महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों काफी उथल पुथल मची हुई है. संभावनाओं का ज्वार भी प्रदेश की राजनीति के भंवर में लगातार उठ रहा है. हालांकि एक मुद्दे पर राज्य की भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना और एनसीपी एक हो चली हैं. इसमें विपक्ष भी शामिल है. कम ही देखा गया है कि किसी मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष एक मत होकर एक ही जाजम पर खड़े हों. इतना ही नहीं, पार्टियों के प्रमुख नेताओं ने मुद्दे पर प्रदेश की जनता से माफी भी मांगी है. यहां तक कि मौन विरोध भी जताया है.

दरअसल मामला मुंबई से लगभग 480 किमी दूर सिंधुदुर्ग जिले के मालवन स्थित राजकोट किले में 35 फुट की छत्रपति शिवाजी महाराज की 8 महीने पुरानी प्रतिमा गिरने से जुड़ा है. घटनाक्रम पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार ने जनता से माफी मांगी है. साथ ही जल्द एक बड़ी मूर्ति बनवाने का भी ऐलान किया. इस मूर्ति का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर, 2023 को नेवी डे पर किया था.

स्टैच्यू गिरने की वजह पर एकमत राय नहीं

प्रदेश के मुखिया एकनाथ शिंदे ने शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने की वजह तेज हवाओं को बताया है. उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही थी, जिससे प्रतिमा गिर गई. नेवी ने शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा की डिजाइनिंग और कंस्ट्रक्शन कराई थी. हम इसे दुबारा मजबूत तरीके से बनाएंगे. वहीं पुलिस ने मामले में कॉन्ट्रेक्टर जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ FIR दर्ज की है. इंडियन नेवी ने कहा था कि घटना के जांच के आदेश दिए गए हैं. स्टैच्यू गिरने के कारण का जल्द ही पता लगेगा. मूर्ति की मरम्मत और फिर से स्थापना के लिए एक टीम बनाई गई है.

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वहीं महाराष्ट्र सरकार में PWD मंत्री और बीजेपी नेता रवींद्र चव्हाण ने प्रतिमा में इस्तेमाल किए गए स्टील में जंग लगने को इसकी वजह बताया है. विभाग ने नेवी के अधिकारियों को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी थी और उनसे ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए थे.

महाविकास अघाड़ी (MVA) ने सरकार को घेरा

NCP (SCP) प्रमुख शरद पवार ने शिवाजी की मूर्ति गिरने पर कहा कि मूर्ति राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है. राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती. वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि खुद पीएम मोदी, रक्षामंत्री और सीएम सिंधुदुर्ग में प्रतिमा का अनावरण करने आए थे. ये शिवद्रोही लोग है. DG रश्मि शुक्ला बीजेपी और आरएसएस का एजेंडा चला रही हैं. इधर, पूर्व सीएम और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्भव ठाकरे ने स्मारक निर्माण में सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप जड़ा है.

ठाकरे ने कहा, ‘राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी समुद्र किनारे राजभवन में रहते थे. उनकी टोपी तक कभी नहीं उड़ी तो फिर शिवाजी महाराज की मूर्ति हवा से कैसे गिर गई. राज्य में भ्रष्टाचार से लिप्त सरकार चल रही है. स्मारक के काम में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है. इसे फिर से बनाने के नाम पर करोड़ों का भ्रष्टाचार होगा. कामकाज में कीड़े लग गए हैं. मैं इन्हें शिवद्रोही कहूंगा.’

शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने कहा कि सरकार ने एफआईआर दर्ज की है. सरकार ये मान रही है कि अपराध हुआ है. क्या नेवी को यह जानकारी नहीं कि ऐसे समुद्र किनारे पुतले कैसे टिकते हैं. 25 साल के मूर्ति निर्माता को इतने बड़े मूर्ति का अनुभव नहीं था. ये गंभीर मामला है.

जहां एक ओर सीएम एकनाथ शिंदे तेज हवा को मूर्ति गिरने की वजह बता रहे हैं. वहीं पुलिस ने कॉन्ट्रेक्टर और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट के खिलाफ लापरवाही मामले में एफआईआर दर्ज की है. इससे लगता है कि सरकार ने आम चुनाव में वाहवाही लूटने के चक्कर में आनन फानन में स्मारक का उद्घाटन पीएम मोदी से करा दिया. अब इस गलती को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है. अब देखना होगा कि सरकार किस तरह से अपनी गलतियों पर पर्दा डालने की कोशिश करती है.

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