पॉलिटॉक्स ब्यूरो. हैदराबाद में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म कर हत्या (Murder After the Rape) कर देने का मामला सामने आने के 2 दिन बाद ही राजस्थान के टोंक जिले के अलीगढ में पहली कक्षा में पढने वाली 6 साल की मासूम लडकी के साथ दुष्कर्म के बाद गला दबा कर हत्या कर दी गई. मासूम की उसी की स्कूल ड्रेस की बेल्ट से गला घोटकर हत्या इतनी बर्बरता के साथ कि गई की उसकी दोनों आंखे निकल कर बाहर आ गई. इस घटना ने राजस्थान पुलिस के स्लोगन आमजन में विश्वास, अपराधियों में डर को एक बार फिर उलट कर दिया है कि राजस्थान में है अपराधियों में विश्वास, आमजन में डर. प्रदेश में हुई इस दिल और दिमाग को झकझोंर कर रख देने वाली घटना से आमजन डरा हुआ है.
रविवार को हुए इस घटनाक्रम (Murder After the Rape) के बाद राजनेताओं का पीडित परिवार को ढांढस बंधानें का सिलसिला जारी हुआ. सबसे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोेक गहलोत ने ट्वीट करते हुए घटना पर गहरा दुख जताया और दोषियों के बख्शा नहीं जाने की बजाय कही. उसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ढांढस बंधानें मासूम के परिवार के पास उसके गांव पहुंची. इस दौरान मंत्री भूपेश ने पीडित परिवार को राज्य सरकार की ओर से 5 लाख रूपये की आर्थिक सहायता का चेक भी सौंपा. लेकिन बडा सवाल यह है कि आखिर कब तक इस तरह की घटनाऐं होती रहेगी कब हम घटनाओं के बाद पीडित परिवास को ढांढस बंधाते रहेगें और कब तक ढांढस के नाम पर सरकार आर्थिक मदद करती रहेगी. क्या जरूरत नहीं है एक ठोस कानून बनाने की?
हैदराबाद में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म कर हत्या और टोंक जिले में मासूम के साथ हुई इस घटना पर सोमवार सुबह लोकसभा में भी हंगामा हुआ. इन घटनाओं पर लोकसभा स्पीकर ओम बिडला ने गहरा दुख जताते हुए कहा कि सभी दल के सदस्यों ने मुझे अपनी भावनाओं से अवगत कराया है. ऐसी घटनाएं (Murder After the Rape) और अपराध हमें चिंतित और आहत करते हैं. दोनों राज्यों में ऐसी घटनाओं पर कठोर कार्रवाई से अवगत करवाया गया है.
वहीं हर बडे घटनाक्रम की तरह इन घटनाओं के बाद भी राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया. इस घटनाक्रम (Murder After the Rape) पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने टवीट करते हुए कहा कि ‘यह घटना बेहद निंदनीय और शर्मनाक है,’इस जघन्य अपराध के लिए दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा’ वहीं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि टोंक में मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म एवं हत्या का मामला भयावह और अस्वीकार्य है. इस मामले की गंभीरतापूर्वक जाँच और इस घिनोने अपराध को अंजाम देने वाले को पकड़ने के लिए मैंने पुलिस एवं प्रशासन के उच्च अधिकारियों को निर्देशित किया है. इस प्रकार के कृत्य पर सख़्ती से कार्यवाही होगी.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि टोंक के अलीगढ की यह घटना चिंताजनक है. प्रदेश की बेटियों के सुरक्षा के दावे पर राजस्थान के मुखिया कटघरे में है. इस मामले पर मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए. इस घटना से राजस्थान शर्मशार हुआ है. राज्य सरकार को महिला सुरक्षा के लिए एक विशेष अभियान की जरूरत है. वहीं इस तरह के घटनाक्रम करने वालों को सरेआम फांसी देने की बात भी पूनियां ने कही.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने टवीट कर कहा कि राजस्थान में महिला अत्याचार की घटनाओं का ग्राफ निरन्तर बढ़ता जा रहा है, जो शर्मनाक है. कानून व्यवस्था पर भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ध्यान देना चाहिए. कब तक सीएम गहलोत आंखे मूंद कर प्रदेश की जनता के साथ अन्याय देखते रहेंगे. आगे चौधरी ने कहा कि हैवानियत के हदें पार करती यह घटना राजस्थान प्रदेश को कलंकित करने वाली है. अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर मासूम को न्याय मिलें एवं महिला सुरक्षा सुनिश्चित हो.
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने टवीट कर कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी एवं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट जी आपके शासन में प्रदेश की हमारी बेटियां घर से बाहर निकलने में भी डरने लगी हैं. आप जल्द ही ऐसे जघन्य अपराधों पर रोक लगाएं अन्यथा विपक्ष के साथ आम-आवाम को मजबूरन सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरना पड़ेगा. टोंक के अलीगढ में मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या (Murder After the Rape) की घटना बेहद निंदनीय एवं मानवता को शर्मसार करने वाली है. खेलने-कूदने की उम्र में ही अबोध बालिकाओं के साथ हैवानियत की हदें पार करती ये घटनाएं चिंताजनक हैं. राज्य सरकार इन घटनाओं को रोकने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाएं.
राजस्थान सरकार में कैबीनेट मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि संस्कारों की कमी के कारण इस तरह की घटनाऐ (Murder After the Rape) हो रही है. मोबाइल, इंटरनेट पर गलत सामग्री देखने से बच्चे बिगड़ रहे हैं. बच्चों को मोबाइल से दूर रखना चाहिए. केंद्र सरकार को इंटरनेट पर गलत सामग्री से रोक लगानी चाहिए. सिनेमा में गलत चित्रण भी दुष्कर्म की घटनाओं के लिए जिम्मेदार है. सिनेमा को भी अच्छी तरह से सेंसर करने की जरूरत है. बच्चों को ऐसे संस्कार दिए जाएं कि पराई स्त्री को माँ और बहन समझें, हमें भी बचपन में ऐसे ही संस्कार दिए गए थे.
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को टवीट करते हुए कहा कि क़ानून व्यवस्था के नाम पर ना सही नैतिकता के नाम पर ज़िम्मेदारी तय कीजिए.