Politalks.News/Uttarpradesh. विवादों के बीच ग्रेटर नोएडा के कस्बा दादरी में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया. मगर सीएम के आने से पहले अराजक तत्वों ने शिलापट्ट पर लिखे गुर्जर शब्द पर कालिख पोत दी. राजपूत और क्षत्रियों के बीच सम्राट मिहिर भोज की जाति को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने नोएडा में महाराज मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया. इस दौरान योगी ने निशाना साधते हुए कहा कि, ‘इन योद्धाओं ने किसी जाति के लोगों के लिए नहीं सभी के लिए बलिदान दिया था. हमें महापुरुष के योगदान को जाति से नहीं बांधना चाहिए’. दरअसल मिहिर भोज को लेकर राजपूत और गुर्जर समाज के लोग आमने-सामने हैं. विवाद को देखते हुए दादरी में भारी पुलिस जाब्ता भी तैनात है.
गुर्जर समाज ही नहीं पूरा देश गौरवान्वित- योगी
सीएम योगी ने आगे कहा कि, ‘काबुल में देखिए तालिबान ने कब्जा कर लिया, वहां से लोग जान बचाकर भाग रहे हैं. लोग दुर्घटना के शिकार भी हुए, देश की गुलामी का कारण हमारा बंटना था’. सीएम ने आगे कहा कि, ‘महाराज मिहिर भोज को कोटि कोटि नमन, ये देश बल, बुद्धि और पराक्रम में कभी किसी से कम नहीं था. मुझे ऐसे महान लोगों की जानकारी है, पन्ना धाय ने राजकुमार की रक्षा के लिए अपने बेटे का बलिदान दिया. आप लोग उस महान परंपरा के वंशज हैं, इसके लिए सिर्फ गुर्जर समाज ही नहीं पूरे देश को गौरवान्वित होना चाहिए‘.
इतिहास को भूलने वाले समाज का भूगोल बिगड़ जाता है- सीएम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, ‘नौवीं सदी के महान धर्मरक्षक सम्राट मिहिर भोज की इस प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में आकर गर्वान्वित हूं. जो सन्तति अपने इतिहास को विस्मृत कर देती है, वह अपने भूगोल को भी नहीं बचा पाती है. ऐसा ही हमारे साथ हुआ है. मुझे ऐसे तमाम महापुरुषों की जानकारी है, जिन्हें विस्मृत किया गया. आप पन्नाधाय को याद कीजिए. उदयपुर के राजकुमार की रक्षा के लिए अपने पुत्र का बलिदान दे दिया. उन्होंने महान त्याग की पराकाष्ठा उन्होंने महान त्याग की पराकाष्ठा को पार किया. आप लोगों को गर्व करना चाहिए कि आप उस वंश से हैं. इस पर केवल गुर्जरों को नहीं बल्कि पूरे समाज को गर्व करना चाहिए’.
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गुर्जरों को साधने के लिए बीजेपी का दांव
दादरी में मिहिर भोज के नाम पर बने पीजी कॉलेज में उनकी 12 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया. यह प्रतिमा दो साल पहले ही तैयार हो गई थी लेकिन कोरोना के चलते इसका अनावरण नहीं हो पाया था. सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण को उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पश्चिम यूपी में बड़ी जातियों में से एक गुर्जरों को साधने के लिए बीजेपी का बड़ा दांव बताया जा रहा है.
गुर्जर समाज के राजा माने जाते हैं मिहिर भोज
सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर प्रतिहार वंश का राजा माना जाता है. जिनका साम्राज्य मुल्तान से बंगाल और कश्मीर से उत्तर महाराष्ट्र तक था. गुर्जर समाज राजा मिहिर भोज को अपना पूर्वज मानते हैं और उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखते हैं. जहां उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया है उसके आस-पास मिहिर भोज के नाम पर गुर्जर समुदाय ने छह शैक्षिक संस्थान बनाए हैं.
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क्या है विवाद की जड़
गुर्जर समाज का मानना है कि सम्राट मिहिर भोज गुर्जर शासक थे. वहीं, राजपूत समाज का कहना है कि वो प्रतिहार वंश के शासक थे. रविवार को ठाकुर समाज ने प्यावली गांव में महापंचायत की. उन्होंने विरोध जताते हुए कहा कि इतिहास से छेड़छाड़ की गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
उद्घाटन शिलापट्ट से मिटाया गुर्जर शब्द
अनावरण से पहले अराजक तत्वों ने शिलापट्ट पर लिखे गुर्जर शब्द पर कालिख पोत दी. आठ बजे जब अधिकारियों की नजर शिलापट्ट पर पड़ी तो हड़कंप मच गया. उस समय सुरक्षा में 25 कर्मी तैनात थे. बीजेपी नेता सत्येंद्र अवाना ने स्टीकर लगाकर प्रतिमा के शिलापट्ट पर फिर से गुर्जर लिखा है. मिहिर भोज डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल के अनुसार, ‘अज्ञात युवकों ने सुबह चार बजे ऐसा किया है’.
करणी सेना ने किया दादरी कूच का ऐलान
करणी सेना सहित कई राजपूत संगठनों ने सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर बताने के खिलाफ दादरी कूच करने का ऐलान किया है. पुलिस और प्रशासन के अधिकारी सुबह से इसे लेकर अलर्ट हैं. दादरी के सभी एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर भारी मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात है. जांच पड़ताल के बाद ही वाहनों को अंदर एंट्री दी जा रही है. कार्यक्रम स्थल से करीब 500 मीटर एरिया को बैरिकेड की कई लेयर से कवर किया गया है.
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करणी सेना सहित कई संगठनों ने सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर बताने के खिलाफ 22 सितंबर को दादरी कूच करने का आह्वान है. मंगलवार को सोशल मीडिया पर इसे लेकर अभियान चलाया गया. हालांकि नोएडा सहित आसपास के जिलों की पुलिस ने इन संगठनों के प्रमुख नेताओं को घर में नजरबंद कर लिया है.