प्रदेश में उजागर हो रहे गहलोत सरकार व खनन माफियाओं के बेजोड़ गठबंधन: राजेंद्र राठौड़

पुलिस और कानून व्यवस्था पर खड़ा किया सवालिया निशान, सरकार की नीति और नियत को बताया गलत, बजरी के वैध खनन शुरु न करने का आरोप, बढ़ते अपराधिक आंकड़ों पर जताई चिंता

Rajendra Rathore Vs Ashok Gehlot
Rajendra Rathore Vs Ashok Gehlot

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर खनन माफिया से गठजोड़ का गंभीर आरोप लगाया है. इसके साथ ही पुलिस पर जानलेवा हमलों पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश की पुलिस व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं. एक बयान जारी करते हुए राजेंद्र राठौड़ ने इसी माह सितंबर में प्रदेश में बेखौफ खनन माफिया द्वारा पुलिस पर एक के बाद एक 8 बार जानलेवा हमले पर चिंता व्यक्त की. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में खनन माफियाओं का सिंडीकेट अब इतना प्रभावी व बेखौफ हो गया है कि पुलिस भी उनके सामने लाचार और भयभीत हो गई है. खनन माफिया के इशारे पर नहीं नाचने वाले पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी पर सरेआम हमले होना अब आम बात हो गई है.

राठौड़ ने दावा किया कि उच्च पदस्थ अधिकारियों के खुले संरक्षण के कारण राजधानी जयपुर में प्रतिदिन टोंक व सवाई माधोपुर से 800 ट्रकों से 1200 तक अवैध बजरी व चेजा पत्थर के ओवरलोड ट्रक-ट्रोले दर्जनों पुलिस स्टेशन के सामने से प्रतिदिन सरेआम गुजरकर जयपुर महानगर में लगातार 22 महीने से आ रहे हैं, जो राज्य सरकार व खनन माफियाओं के बेजोड़ गठबंधन का उजागर करते हैं.

उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दुर्भाग्य है विगत सरकार पर अवैध बजरी के खनन का आरोप लगाने वाली कांग्रेस सरकार ने 22 महीने में बजरी के वैध खनन प्रारंभ करने के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की. पिछले बजट में विधानसभा में की गई घोषणा के अनुसार बजरी के विकल्प के लिए एमसैण्ड बनाने के लिए नीति लाने पर भी सरकार ने कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की है.

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राठौड़ ने कहा कि खनन बजरी माफियाओं पर अंकुश लगाने में असफल रही सरकार के कार्यकाल में जहां एक और बनास नदी से लेकर हरियाणा व पाक-बॉर्डर तक सरेआम अवैध खनन हो रहा है. वहीं राज्य सरकार द्वारा हाल ही में आम उपभोक्ता के भवन निर्माण में काम आने वाली बजरी, सैंडस्टोन, मार्बल, मेसेनरी स्टोन सहित विभिन्न खनिजों पर 20 से लेकर 60 फीसदी रॉयल्टी दरों को बढ़ाने की सैद्धांतिक सहमति देकर आम व्यक्ति के मकान बनाने के सपने को दूरदर्शित करने का कार्य किया है.

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश से निकलने वाले खनिजों की रॉयल्टी दरों मे भारी वृद्धि के लिए राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली 2017 के शिड्यूल द्वितीय में रॉयल्टी दरोंं के पार्ट-ए में शामिल 14 प्रकार के खनिज की रॉयल्टी दरों में बढ़ोतरी कर इसे लागू कर रही है. वहीं राज्य सरकार द्वारा घोषित एमसैण्ड पॉलिसी व वैध बजरी खनन हेतु कोई नीतिगत निर्णय 22 माह तक नहीं लेने से सरकार की नीति और नियत पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं.

प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पुलिस से आम आदमी का विश्वास उठ चुका है. राठौड़ ने कहा कि पुलिस के टूटे मनोबल व आमजन का पुलिस से उठे विश्वास के कारण से कानून व्यवस्था जर्जर हो चुकी है. इसी का परिणाम है कि सामूहिक बलात्कार जैसे वीभत्स अपराध से पीड़ित मासूम बालिकाओं को बलात्कार के बाद आत्महत्या करने जैसे जघन्य कृत्य के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. इसी माह हुए अलवर व धौलपुर की घटना इसका ताजा उदाहरण है.

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अपराधिक आंकड़े प्रस्तुत करते हुए राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राज्य क्राइम ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के विभिन्न थानों में इस वर्ष 31 जुलाई तक कुल 1 लाख 7 हजार 32 गंभीर अपराध के मुकदमे दर्ज हुये जिसमें से मात्र 40 हजार मुकदमों में ही चालान हुआ है. शेष 60 हजार अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर है. उपनेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राजस्थान में जब से कांग्रेस सत्ता में आई है आपराधिक कृत्यों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है विशेष रूप से महिलाओं व नाबालिग बच्चियों के हो रही बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाएं रिकॉर्ड तोड़ रही है जो राज्य सरकार की लचर कानून व्यवस्था को प्रदर्शित कर रही है.

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