Kirodi Lal Meena on Gehlot Government: राजधानी जयपुर के सिविल लाइन इलाके का पारा आज दोपहर अचानक से गर्म हो गया. दरअसल, पुलवामा शहीदों के सम्मान को लेकर मुख्यमंत्री निवास के नजदीक पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के निवास के बाहर राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में धरने पर बैठी वीरांगनाओं ने अचानक से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास की ओर कुछ कर दिया. अचानक से हुए इस घटनाक्रम से राजभवन चौराहे पर तैनात पुलिस कर्मियों के हाथ पर फूल गए. हालांकि जैसे-तैसे पुलिस ने आनन फानन ने बेरिकेटिंग कर सांसद मीणा सहित वीरांगनाओं को हल्की फुल्की धक्का मुक्की के बाद राजभवन चौराहे पर ही रोक लिया. इसके बाद वीरांगनाओं ने मुंह में दूब (हरी घास) लेकर, सड़क पर दंडवत कर, हाथ जोड़कर मौके पर तैनात पुलिस कर्मियों व मीडिया कर्मियों के सामने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने की गुहार लगाई. इस दौरान वीरांगनाओं ने कहा कि वह अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री तक जाना चाहती हैं, मुख्यमंत्री से मिलना चाहती हैं, उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने क्यों नहीं दिया जा रहा है?
सरकार को नहीं दिखाई दे रहे वीरांगनाओं के आंसू
इस पूरे घटनाक्रम पर राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा की बड़ा दुर्भाग्य है राजस्थान की वीरांगनाएं अपनी चुनी हुई सरकार के नेता से मिलने के लिए गुहार लगा रही है. प्रदेश की गहलोत सरकार इस कदर गूंगी बहरी हो चुकी है कि उन्हें इन वीरांगनाओं के आंसू भी दिखाई नहीं दे रहे हैं. सांसद मीणा ने बताया कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है ये वीरांगनाएं इसी तरह से अपना धरना जारी रखेगी.
गुर्जर आंदोलन में मृतक परिवारों के देवर-भतीजों को नौकरी मिल सकती है तो शहीदों परिजनों को क्यों नहीं
वीरांगनाएँ 10 दिन से धरने पर बैठी है लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही. वीरांगना मंज़ू जाट पाँच दिन से आमरण अनशन पर है. एक और वीरांगना को किसी तरह का ख़तरा हुआ तो इसकी पूरी ज़िम्मेदारी सरकार की रहेगी. सांसद मीणा ने कहा की दाँतों में तिनका दबाए हुए वीरांगनाएं मुख्यमंत्री के शरणागत हो रहे शहीदों के सम्मान की याचना कर रही है पर निष्ठुरता की सीमा पार कर चुके मुख्यमंत्री सम्मान देने के बजाय व्यर्थ की बयानबाजी कर रहे हैं. डॉ. मीणा ने कहा कि गुर्जर आंदोलन में मृतक परिवारों में देवर भतीजों आदि सदस्यों को नौकरी दी गई थी जब यहाँ नौकरी दे सकते हैं तो इस मामले में क्या दिक़्क़त है.
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मुँह में दूब (हरी घास) लेकर वीरांगनाओं ने क्यों लगाई दंडवत
पुलवामा शहीदों की वीरांगनाएं अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास ओर कूच कर रही थी इसी दौरान पुलिस से राजभवन चौराहे पर बेरिकेटिंग कर रोक दिया. पुलिस की इस कार्रवाई से गुस्साई वीरांगनाओं ने आदिवासी परंपरा के अनुसार मुंह में हरी घास लेकर पुलिस को दंडवत निवेदन किया कि उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने दिया जाए. आदिवासी समाज में परंपरा है कि किसी भी फरियाद या विनती के लिए मुँह में हरीघास लेकर जाने से वो फरियाद पूरी होती है.
गूंगी बहरी हो चुकी है सरकार
इस पूरे घटनाक्रम पर पत्रकारों से रूबरू होते हुए वीरांगनाओं ने कहा कि हमें 10 दिन धरने पर बैठे हो गए है. हम बेमौसम बारिश में भीग रहे हैं लेकिन प्रदेश की गहलोत सरकार इस कदर गूंगी बहरी हो चुकी है कि उन्हें हम शहीदों की वीरांगनाओं की मांग सुनाई नहीं दे रही है, इसलिए हम मुख्यमंत्री गहलोत से मिलने के लिए उनके आवास पर जा रहे हैं, लेकिन पुलिस ने एक बार फिर अपनी तानाशाही से हमे रोक लिया है. हम वीरांगनाओं को मुख्यमंत्री गहलोत से मिलने नहीं दिया जा रहा है. वीरांगनाओं ने बताया की हमारी प्रमुख मांग है की हमारे बच्चे छोटे है इसलिए हमारे देवर को नौकरी दी जाए, चौराहे पर शहीद की मूर्ति लगाई जाए. हमारी इन छोटी सी मांग को सरकार नहीं मान रही है.
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क्यों आया बाबा को गुस्सा
राजभवन चौराहे पर पुलिस द्वारा रोकने के बाद सांसद मीणा सहित वीरांगनाएं पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के आवास के बाहर धरना स्थल पर आकर बैठ गई थी. इस दौरान एक वीरांगना सुंदरी देवी अचानक से बेहोश हो गई. इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों से सांसद मीणा ने डॉक्टर को बुलाने की मांग की. इस पर एक नर्सिंग कर्मी ने मौके पर आकर बेहोश महिला का ब्लड प्रेशर व शुगर चेक कर इति श्री कर ली. इस पर एक दम से सांसद मीणा ने गुस्सा कर कहा की धरना दे रही वीरांगनाओं से मुख्यमंत्री मिल नहीं रहे हैं. निराश, हताश वीरांगनाएं जब बेहोश हो रही है तो इन्हे डॉक्टर द्वारा इलाज भी नही मिल रहा है.
वीरांगनाओं की खरी खरी
वीरांगना सुंदरी देवी के बेहोश हो जाने के बाद साथी वीरांगनाओं का जमकर गुस्सा फूटा और वीरांगना मंजू ने इस दौरान कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अगर असली मां का बेटा है अपनी मां का दूध पिया है तो यहां हमारे सामने हमसे बात करने आए. वहीं बेहोश हुई वीरांगना सुंदरी देवी ने होश में आने के बाद प्रशासन द्वारा किसी भी तरह का उपचार लेने से मना कर दिया.
10 दिन से जारी है वीरांगनाओं का धरना
बता दें पिछले 10 दिन से राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में पुलवामा शहीदों की तीन वीरांगनाएं राजधानी जयपुर में धरने पर बैठी हैं. पहले 4 दिन शहीद स्मारक पर, उसके बाद पिछले 6 दिन से पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के सरकारी आवास के बाहर इनका धरना जारी है. आज दोपहर लगभग 3 बजे सांसद किरोडी लाल मीणा के नेतृत्व में एक बार फिर शहीदों की वीरांगनाओं ने मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच किया जहां हल्की फुल्की नोक झोंक के बाद पुलिस ने इन्हें राजभवन चौराहे पर रोक लिया.