पॉलिटॉक्स ब्यूरो. महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच एनसीपी के प्रमुख नेताओं की लड़ाई (Uncle Nephews Wrangling) अब सियासी मैदान से हटकर सोशल मीडिया पर पहुंच गई है. चाचा भतीजे की लड़ाई पर आमने सामने नहीं बल्कि टवीटर पर हो रही है. रविवार शाम प्रदेश के डिप्टी सीएम और एनसीपी के विधायक दल के पूर्व नेता अजित पवार ने एक टवीट पोस्ट करते हुए खुद को एनसीपी मेंबर बताते हुए कहा कि शरद पवार ही हमारे नेता हैं.
इसी टवीट में अजित पवार ने कहा, ‘हमारा भाजपा-राकांपा गठबंधन अगले पांच वर्षों के लिए महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार प्रदान करेगा जो राज्य और इसके लोगों के कल्याण के लिए ईमानदारी से काम करेगी’.
I am in the NCP and shall always be in the NCP and @PawarSpeaks Saheb is our leader.
Our BJP-NCP alliance shall provide a stable Government in Maharashtra for the next five years which will work sincerely for the welfare of the State and its people.
— Ajit Pawar (@AjitPawarSpeaks) November 24, 2019
एक अन्य टवीट में उन्होंने लिखा, ‘चिंता करने की बिलकुल जरूरत नहीं है, सब ठीक है. हालांकि थोड़ा धैर्य आवश्यक है. आप सभी के समर्थन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद’.
There is absolutely no need to worry, all is well. However a little patience is required. Thank you very much for all your support.
— Ajit Pawar (@AjitPawarSpeaks) November 24, 2019
ये टवीट करते हुए अजित पवार ने शक की सुई एक बार फिर शरद पवार की तरफ घुमा दी. शरद पवार की राजनीति की गहराई तो वैसे भी महाराष्ट्र की राजनीति की समझ से बाहर है. इस (Uncle Nephews Wrangling) टवीट से अजित पवार ने कम ही सही लेकिन एक बार फिर ये जताने की कोशिश की कि कहीं न कहीं इस पूरे घटनाक्रम में शरद पवार का कहीं तो कोई रोल है.
इन सभी अफवाहों को फिर एक बार थामते हुए शरद पवार ने भी टवीट पोस्ट करते हुए अपने भतीजे को करार जवाब दिया. एनसीपी प्रमुख ने लिखा, ‘भाजपा के साथ गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं उठता है. राकांपा ने सरकार बनाने के लिए सर्वसम्मति से शिवसेना और कांग्रेस के साथ गठबंधन का फैसला किया है. लोगों के बीच भ्रम और गलत धारणा बनाने के लिए अजीत पवार (Uncle Nephews Wrangling) का बयान गलत और भ्रामक है’.
There is no question of forming an alliance with @BJP4Maharashtra.
NCP has unanimously decided to ally with @ShivSena & @INCMaharashtra to form the government. Shri Ajit Pawar’s statement is false and misleading in order to create confusion and false perception among the people.— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) November 24, 2019
हालांकि अजित पवार ने क्या सोचकर ये टवीट किया, ये कहना थोड़ा मुश्किल है लेकिन अजित पवार ने पलटवार (Uncle Nephews Wrangling) कर फिर से एक बार अपनी साफ छवि महाराष्ट्र की जनता के सामने रख दी. इसी छवि के चलते पिछले महीने हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शरद पवार के नेतृत्व में एनसीपी ने पिछले चुनाव के मुकाबले अपना प्रदर्शन बेहतर करने में सफलता हासिल की और अब सरकार बनाने में किंगमेकर की भूमिका में हैं. शनिवार को पार्टी से बगावत और धोखा कर भाजपा से जब अजित पवार ने हाथ मिला लिया तो शरद पवार की एक पुकार पर 54 में से 42 विधायक शरद पवार के झंडे के नीचे आ खड़े हुए. अन्य विधायक भी संपर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं.
गौरतलब है कि शुक्रवार रात तक शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सरकार बनाने को राजी थे और शिवसेना प्रमुख उद्दव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनाने में सहमति बन रही थी लेकिन शनिवार सुबह राकंपा के विधायक दल के नेता अजित पवार पार्टी के कुछ विधायकों को साथ ले राजभवन पहुंच गए और देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री तो अजित पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ग्रहण की.
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वहीं राज्यपाल के गलत तरीके से सरकार बनाने के आमंत्रण और राष्ट्रपति शासन हटाने को लेकर तीनों विपक्ष की पार्टियां सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी. रविवार सुबह इस मामले पर सुनवाई हुई. आगे की सुनवाई सोमवार सुबह 10:30 बजे होनी है. तीनों पार्टियों ने 24 घंटे में फ्लोर टेस्ट की मांग रखी है. वहीं शरद पवार ने पार्टी के कई नेताओं को अजित पवार को मनाने के लिए भेजा लेकिन अजित पवार ने मुलाकात नहीं की. बताते चले, अजित पवार (Uncle Nephews Wrangling) को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया है. उनकी जगह जयंत पाटिल को राकंपा का नया विधायक दल का नेता बनाया गया है.