Kirodimeena on Cm Gehlot: राज्यसभा सांसद और भाजपा के दिग्गज नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने आदिवासियों को लेकर गहलोत सरकार पर बड़ा हमला बोला है. सांसद मीणा ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि अभावों के आंगन में पैदा हुए और गरीबी की कोख में पले-बढ़े आदिवासी समाज के लोग बेशक भूखे रह सकते हैं, मौत को गले लगा सकते हैं, लेकिन स्वाभिमान को चोट पहुंचाने वाली कांग्रेस की दमनकारी (अ)नीति को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं.
सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में बहुत बड़ा अंतर है, उसके पास हाथी जैसे दो तरह के दांत हैं. एक दिखाने वाले और दूसरे खाने वाले है. जनता को झांसे देने वाले इन्हीं दो तरह के दांतों के जरिये कांग्रेस पार्टी आजादी के बाद से अब तक गरीब और भोले भाले आदिवासियों को ठगती रही है. कांग्रेस ने झूठे वादे करके आदिवासियों के वोट तो खूब बटोरे लेकिन बदले में उन्हें दिया कुछ भी नहीं है.
सांसद मीणा ने कहा कि बीते 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मुख्यमंत्री गहलोत मानगढ़ आए और उन्होंने आदिवासियों के हितों को लेकर लम्बी चौड़ी शेखी बघारी लेकिन परिणाम इसके ठीक उलट रहे. मुख्यमंत्री गहलोत ने हकों से सदैव वंचित किए गए आदिवासियों को आरक्षण का असली लाभ देने के बजाय मानगढ़ से लौटकर ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत बढाने की घोषणा कर डाली.
यह भी पढ़ें: चंद्रयान-3 से उतरे हुए यात्रियों को अशोक चांदना का सलाम! बयान देकर फंसे मंत्री
सांसद मीणा ने कांग्रेस पर दोगली राजनीति के जरिये आमजनता को ठगने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर आदिवासी समुदाय के लोग अपने हकों की रक्षार्थ संघर्ष के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं और दूसरी ओर गहलोत सरकार ने अपनी दमनकारी (अ)नीति के दो पाटों के बीच आदिवासियों को कुचलना आरम्भ कर दिया है.
सांसद मीणा ने बताया कि आदिवासी आरक्षण मंच की ओर से जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की मांग लंबे समय से की जा रही है, बीते 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर बांसवाड़ा जिले के शकरवाड़ा गांव में महापंचायत का आयोजन किया गया था, जिसमें हजारों की संख्या में समाज के शुभचिंतक उपस्थित हुए थे और सभी ने जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की मांग को लेकर समाज को एक जुटता दिखाने की बात कही थी. जनजाति आदिवासी समाज के हितों के लिए संघर्षरत जनजाति आरक्षण मंच ने मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से की गई ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत बढाने की घोषणा का प्रबल विरोध करते तत्समय ही ऐलान कर दिया था कि 25 अगस्त को आदिवासी समाज महापंचायत करके सरकार को अपनी मांगें मनवाने के लिए मजबूर करेगा और जरूरत पड़ी तो इसके लिए नेशनल हाईवे पर भी चक्का जाम किया जाएगा. जनजाति आरक्षण मंच के इस शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने की गरज से ही सरकार ने त्योहारों की आड़ लेकर धारा 144 लगाई है, जो घोर निंदनीय है.
सांसद मीणा ने बताया कि आरक्षण मंच के केंद्रीय सलाहकार समिति के सदस्य प्रोफेसर कमलकांत कटारा को कल गोविंद गुरु महाविद्यालय में एलएलबी का एग्जाम देकर निकलते ही चार-पांच गाड़ियों में आए पुलिस के तीस-चालीस जवान बिना किसी कारण बताए पकड़ कर ले गए. अब उन्हें कोतवाली थाना बांसवाड़ा में नजर बंद कर रखा है. सांसद मीणा ने गहलोत सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि सरकार अपनी दमनकारी नीतियों से बाज नहीं आई और उसके इशारे पर विभिन्न थानों में निरुद्ध किए गए ढाई सौ बेकसूर आदिवासियों को तत्काल रिहा नहीं किया तो वह सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे.