Politalks.news/Rajasthan: जहां एक तरफ राजस्थान में गर्मी के कारण पारा चढ़ता ही जा रहा है वहीं प्रदेश की राजनीति में भी प्रतिदिन एक नई सियासी तपिश के साथ पारा बढ़ रहा है. इसी सियासी तपिश के चलते एक तरफ पायलट गुट लगातार बयानबाजी के सहारे इशारों इशारों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साध रहा है तो वहीं, प्रदेश भाजपा भी गहलोत सरकार पर तंज कसने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. शुक्रवार को राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा और बीजेपी के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बीच ट्विटर वार देखने को मिला. ट्वीटर पर हुई इसी तीखी तकरार ने बाद में शेर और शायरी का रूप ले लिया. रघु शर्मा ने जहां BJP के नेताओं को ‘छपास का रोग’ होने की बात कही तो वहीं राजेंद्र राठौड़ ने अपने ही अंदाज में रघु शर्मा पर वार किया.
चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि BJP के नेताओं को ‘छपास का रोग’ लगा हुआ है जिसके कारण उन्हें सुर्खियों में रहने की आदत पद गई है. रघु शर्मा ने राजेंद्र राठौड़ पर तंज कसते हुए कहा की, ‘राजेंद्र राठौड़ ना तीन में ना ही तेरह में. वह ना तो वसुंधरा राजे के खेमे में हैं और ना ही सतीश पूनियां के खेमे में. इधर तो रघु शर्मा ने ट्वीट किया और उधर राजेंद्र राठौड़ ने मौके को झट से लपकते हुए रघु शर्मा को आड़े हाथ लिया.
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रघु शर्मा के ट्वीट पर पलटवार करते हुए राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि ‘चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा जी, आपने ठीक कहा ना मैं 3 में हूं और ना ही 13 में. मैं भाजपा कार्यकर्ता के रूप में जनता के अपार प्रेम और आशीर्वाद की बदौलत लगातार सातवीं बार विधायक निर्वाचित हुआ हूं. मगर मेरे साथ राजनीतिक सफर शुरु करने वाले मित्र आपकी कार्यशैली तो ऐसी रही है कि आप 7 चुनाव लड़कर मात्र 2 बार ही विधानसभा में पहुंच पाए.
वहीं फिल्म अभिनेता सलमान खान के बॉडीगार्ड शेरा के साथ रघु शर्मा के फोटो खिंचवाने पर तंज कसते हुए राठौड़ ने कहा की, राज्य में कोरोना कुप्रबंधन के कारण से हजारों लोगों के काल कवलित होने के दोषी चिकित्सा मंत्री जी आप कोटा में बच्चों की मौत जैसी संवेदनशील घटना के बाद रेड कार्पेट पर स्वागत करवाने में माहिर रहे और कोरोना में फिल्म अभिनेता सलमान खान के बॉडीगार्ड के साथ फोटो खींचवाने में व्यस्त रहे.
राजेंद्र राठौड़ यहीं नहीं रुके और ट्वीट करते हुए कहा कि आप चिकित्सा क्षेत्र में आधारभूत संरचनाएं व मानव संसाधन में बढ़ोतरी करने में पूर्णतः नाकामयाब व फिसड्डी साबित हुए हैं, अगर मेरी चुनौती स्वीकार है तो फिर दवाइयों, उपकरणों व वैक्सीन में अनियमितता की थर्ड पार्टी या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से निष्पक्ष जांच करवाने में घबराहट कैसी ? कृपया अपनी नाकामियों को छिपाने की बजाय सच्चाई को जनता के सामने लाएं तो बेहतर होगा.
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राजेंद्र राठौड़ के बयान के बाद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर राजेंद्र राठौड़ पर निशाना साधा. डॉ रघु शर्मा ने कहा कि, राजेन्द्र राठौड़ जी, पहला चुनाव आपने 1980 में जनता दल से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्व. श्री जगदीश प्रसाद माथुर को हराने के लिए लड़ा, जिसमें आपको मात्र 2000 वोट आए. उसके बाद 1985 में ही जनता दल से ही चूरु से चुनाव लड़ा और आपकी ज़मानत ज़ब्त हो गयी.
रघु शर्मा ने अपने दूसरे ट्वीट में राठौड़ द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठाये गए सवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि ‘उसके बाद हुए चुनाव में आप जनता दल से जीते और पार्टी का विघटन करके आप भाजपा में चले गये, मैं तीन चुनाव जीता जिसमें एक अजमेर लोकसभा का भी चुनाव शामिल है जिसमें आठों विधानसभाओं से भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा, आप भी प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रहे हो और जब व्यवस्थाएँ आपसे नही संभली और अधिकारी आपकी नही सुनते थे तो आपको कोटा में कहना पड़ा की मैं शर्मिंदा हूँ कि मैं राज्य का चिकित्सा मंत्री हूँ, वह बात भी आपको नही भूलनी चाहिए’.
रघु शर्मा और राजेंद्र राठौड़ के बीच छिड़ा ये ट्वीटर युद्ध यहीं नहीं रुका और दोनों ने शेर और शायरी के जरिये एक दूसरे पर तंज कसा. राजेंद्र राठौड़ ने अपने ही चिर परिचितअंदाज में ट्वीट करते हुए लिखा कि ना इतराओ इतना, बुलंदियों को छूकर, वक्त के सिकन्दर पहले भी कई हुए हैं, जहाँ होते थे कभी शहंशाह के महल, देखे हैं वहीं, अब उनके मकबरे बने हुए हैं. राजेंद्र राठौड़ ने रघु शर्मा को याद दिलाया कि आपकी याददाश्त शायद कमजोर हो गई. 1985 के चुनावों में मैं चूरू से लगभग 5000 वोटों से हारकर दूसरे नंबर पर था और उसके बाद कभी हार नहीं देखी.
वहीं राजेंद्र राठौड़ के इस ट्वीट पर उन्हीं के अंदाज में पलटवार करते हुए डॉ रघु शर्मा ने ट्वीट किया कि मेरे दोस्त, मेरे सखा, मेरे सम्माननीय जिनके स्वयं के घर शीशे के बने होते हैं वह बाल सखाओं पर पत्थर नहीं फैंका करते. रघु शर्म ने आगे लिखा कि “ना डरा मुझे ए दोस्त… नाकाम होगी तेरी हर कोशिश… जिंदगी के मैदान में खड़ा हूं, दुआओं का काफिला लेकर…!!. उजाले हमारी यादों के तुम्हारे साथ रहने दो, ना जाने जिंदगी की किस गली में शाम हो जाए.