bengal
bengal

Bengal Politics: देश के जिन राज्यों में गैर बीजेपी सरकारों का राज है, उस प्रदेश के लिए सरकारें गिरने की भविष्यवाणी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को अकसर देखा गया है. फिर चाहें वो राजस्थान हो, छत्तीसगढ़ हो, पंजाब हो या दिल्ली. सरकार बनी नहीं कि बीजेपी के नेता उस राज्य में मौजूदा सरकार के गिरने और बीजेपी सरकार के बनने की भविष्यवाणी करने लगते हैं. महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की राजनीतिक परिस्थितियां देखते हुए ऐसे कयासों को बल भी मिलने लगता है. इस बार मोदी सरकार में मंत्री ने प.बंगाल की ममता सरकार पर निशाना साधते हुए आगामी कुछ महीनों में तृणमूल सरकार के गिरने का दावा किया है. दावा तो क्या, मंत्री महोदय ने तो इस बात की पूरी पूरी गारंटी भी दी है. इसके बाद पश्चिम बंगाल में फिर से सियासत और अफवाहों का दौर गर्म हो चला है. इस पर तृणमूल सरकार की ओर से बीजेपी के नेता को सपने देखते रहने की हिदायत दी गई है.

पश्चिम बंगाल में उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव से बीजेपी सांसद और केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा है कि मैं गारंटी दे सकता हूं कि वर्तमान राज्य सरकार पांच-छह महीने से अधिक नहीं चलेगी. एक पार्टी कार्यक्रम में ठाकुर ने ये भी दावा किया कि अगर टीएमसी ने हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली नहीं की होती तो बीजेपी को हजारों सीटें अधिक मिलतीं.

एक साथ इस्तीफा देंगे कई सारे टीएमसी विधायक

यह बात यहीं ठंडी हो जाती तो और बात थी. ठाकुर के इस दावे के कुछ घंटों बाद, बंगाल बीजेपी अध्यक्ष और बालुरघाट से सांसद सुकांत मजूमदार ने भी तृणमूल के कई विधायकों के एक साथ इस्तीफे देने की बात कहकर हलचल मचा दी. मजूमदार ने दावा किया कि ममता सरकार पांच-छह महीने के भीतर किसी भी समय गिर सकती है. मजूमदार ने कहा कि राज्य सरकार कैसे काम करती है? यह निर्वाचित विधायकों के समर्थन के कारण है. यह संभव है कि कभी भी विधायकों का एक समूह अपना समर्थन वापस ले ले. इसके बाद सरकार गिर सकती है. मजूमदार ने बताया, मान लीजिए कि कोई जन आंदोलन है और दबाव के कारण विधायकों का एक समूह इस्तीफा दे देता है.

यह भी पढ़ें: नड्डा का कांग्रेस पर हमला, बताई UPA की कहानी, ‘यू’ उत्पीड़न, ‘पी’ पक्षपात और ‘ए’ मतलब अत्याचार

मजूमदार ने कहा कि राजनीति में कोई भी संभावना कभी भी सामने आ सकती है. वहीं बंगाल में आर्टिकल 355 लगाने की मांग भी की है. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में हुई व्यापक हिंसा के मद्देनजर राज्य में संविधान के आर्टिकल 355 लगाने की फिर मांग दोहराई. उन्होंने कहा कि बंगाल की जो मौजूदा परिस्थिति है उसमें केंद्र सरकार के दखल की जरूरत है.

समय बताकर भविष्यवाणी कर रहे बीजेपी नेता – टीएमसी

बीजेपी के नेता इस तरीके से अन्य राज्यों के बारे में निर्भीक बोल रहे हैं. इसी निर्भीकता से बीजेपी के नेताओं को टीएमसी ने करारा जवाब दिया हे. बीजेपी नेताओं के इस तरह के दावों पर तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने भी इसी तरह के कई अनुमान लगाए थे. अब वे समय बताकर भविष्यवाणी कर रहे हैं. उन्हें ऐसी भविष्यवाणियां करने दीजिए. उनके सपने कभी पूरे नहीं होंगे. बंगाल में बीजेपी का कोई जनाधार नहीं है.

Leave a Reply