पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. 15वीं विधानसभा के चतुर्थ सत्र के दूसरे चरण में गुरूवार को दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा में 8 जनवरी को दलित बालिका के साथ हुए बलात्कार का मामला जमकर गूंजा. दरअसल इस मामले पर पूर्व संसदीय सचिव जीतेन्द्र गोठवाल के नेतृत्व में विधानसभा पर प्रदर्शन कर किया गया. इस मामले को उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पॉइंट ऑफ इन्फॉर्मेशन के माध्यम से सदन में रखकर मंत्री द्वारा ज्ञापन लेने की मांग की. इसके बाद काफी समय तक सरकार द्वारा ज्ञापन नहीं लिए जाने पर करीब 40 मिनट तक बीजेपी के विधायकों ने वेल में आकर जमकर नारेबाजी की.
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पॉइंट ऑफ इन्फॉर्मेशन के माध्यम से सदन में कहा कि दौसा के रामगढ पंचवारा में 8 जनवरी को दलित बालिका के साथ बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज हुई कोई न्याय नहीं मिला. पीडित पक्ष के लोग कई बार पुलिस अधिक्षक से मिले कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. पीड़ित पक्ष के साथ सैंकडों लोग आज पैदल मार्च करके विधानसभा के दरवाजे पर खडे है. मेरा आग्रह है कि सरकारी ओर से जो भी ग्रह मंत्री का कार्य देख रहा है उनसे मिलकर उनकी पीडा सुन ले. कार्रवाई करना नहीं करना सरकार के हाथ में है लेकिन लोकतंत्र के सबसे बडे मंच पर कोई आया है तो एक बार उनसे मिलना चाहिए.
इसके कुछ देर बाद एक बार फिर से उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड ने सदन में कहा कि मैंने पाइंट आॅफ इनफोरमेशन के माध्यम से आग्रह किया था कि रामगढ पचवारा में एक हरिजन बच्ची के साथ बलात्कार की घटना को लेकर बडा प्रदर्शन हुआ, आज उनका प्रतिनिधिमंडल विधानसभा तक आ गया तो सरकार का कोई मंत्री उनसे मिलने को तैयार नहीं है. मैंने शांति धारीवाल जी के चैंबर का दरवाजा खटखटाया लेकिन वो अलमस्त है नहीं आएंगे. दूसरे भी कोई मंत्री सुनवाई नहीं कर रहे है. इस पर बीजेपी के सभी सदस्य सदन में खडे होकर नारेबाजी करने लगे. इस पर सभापति राजेंद्र पारीक ने मामला शांत करवाने की कोशिश की और राठौड सहित सभी बिकेपी विधायकों को बैठने के लिए कहा.
सभापति राजेंद्र पारीक के बार बार बैठने के कहने के बाद भी बीजेपी के नेता नहीं माने और वेल में आकर “दलित विरोधी ये सरकार” के नारे लगाने लगे. इस दौरान विधायक गुरमीत सिंह एक तरफ अपनी बात सदन में रख रहे थे वहीं दूसरी तरफ बीजेपी विधायक वेल में नारेबाजी करते रहे. बीजेपी विधायकों का हंगामा बढते देख विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी आसन पर आये और बीजेपी विधायकों से अपनी जगह पर बैठने के लिए कहा इस दौरान बहरोड विधायक बलजीत यादव बोलते रहे और बीजेपी विधायक हंगामा करते रहे. विधायक बलजीत यादव ने भी हंगामा कर रहे बीजेपी विधायकों से कहा हम जैसे नये विधायक बोले तो अखबारों में छपने के लिए हंगामा नहीं करके हमें बोलने का मौका दें.
बीजेपी के जारी हंगामे के बीच स्पीकर सीपी जोशी ने कहा आप अपनी जगह पर जायेंगे तो मैं आपकी बात सुनुगां अन्यथा नहीं. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा “जब तक सरकार ज्ञापन नहीं लेगी सदन नहीं चलेगा और नाहीं चलने देंगे जो चाहो कर लेना“. इस पर स्पीकर जोशी ने कहा आप मुझे बाध्य नहीं कर सकते. उपनेता के कहने पर मैंने विषय की गंभीरता को देखते हुए उन्हें बोलने का मौका दिया. इस मामले पर सरकार का ध्यान आकर्षित आपने कर दिया. लेकिन आप कह रहे है अभी की अभी मंत्री ज्ञापन लेने जाएं, यह नहीं हो सकता है.
इसी बीच अध्यक्ष सीपी जोशी ने विपक्ष से कहा आपने भी सरकार चलाई है, आप मंत्री भी रहे है कितनी ही बार लोग सदन के बाहर जुलूस लेके आते हैं और सदन में आपका ध्यान आर्कषण करने का मौका देते है. यह ही परंपरा रही है लेकिन आप कहें अभी की अभी ज्ञापन लिया जाए ये परंपरा कभी नहीं रही है. सरकार की तरफ से कौन जाना चाहिए कौन नहीं इसकी व्यवस्था मैं दूंगा. स्पीकर जोशी ने दो टूक कहते हुए कहा आपका यह कहना जब तक मंत्री वहां नहीं जाएगा सदन नहीं चलने देगें इसको मैं स्वीकार नहीं करूंगा.
इस बीच मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि आसन को कोई बाध्य नहीं कर सकता. ज्ञापन लेने में कोई ऐतराज नहीं है, ये लोग सिर्फ दिखावा कर रहे हैं. इसके बाद भी बीजेपी विधायकों ने हंगामा खत्म नहीं किया ओर नारेबाजी करते रहे. एक बार फिर से सीपी जोशी ने कहा कि मैं गलत परंपरा चालू नहीं कर सकता मंत्री ज्ञापन ले लेंगे आप अपनी जगह पर जाएं. इसके साथ ही जोशी ने कहा आज के बाद इस सदन में अध्यक्ष की व्यवस्था पाइंट आॅफ इन्फोरमेशन की नहीं रहेगी. कोई भी प्रश्न उठाना है तो सदन की परंपरा के साथ उठाये. लेकिन पाइंट आॅफ इन्फोरमेशन के माध्यम से ध्यान आकर्षित करने के बाद हम ज्ञापन लेने के लिए बाध्य करें ये हमारी परंपरा नहीं है.
इसके बाद भी बीजेपी विधायक लगातार नारेबाजी करते रहे. इस पर जोशी ने कहा कि आप अध्यक्ष को भी नहीं बोलने देना चाहते है. आपको प्रदर्शन करने का अधिकार है तो मुझे भी अध्यक्ष की हैसियत से बोलने का अधिकार है. लेकिन जब भी कोई विधानसभा के बाहर प्रर्दशन करने आएगा उसका ज्ञापन लेने सरकार की ओर से कोई जाएगा यह परंपरा सही नहीं है. सदन में गलत परंपराओं को आप चलाना चाहते है तो ऐसे में मैं सदन का अध्यक्ष नहीं रहना चाहता. अध्यक्ष होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है कि सदन नियम और परंपराओं के अनुरूप चले इस जिम्मेदारी का मैं निर्वहन करूंगा. इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा हमने आपसे समय मांगा आपने समय दिया हमारी बात सुनी. प्रतिनिधिमंडल ने कहा हम धारीवाल जी को ज्ञापन देना चाहते है बात बस इतनी सी थी. इसके बाद जैसे तैसे मामला शांत हुआ और कुछ देर बाद ऊर्जा मंत्री बीड़ी कल्ला ने विधानसभा पहुंचे प्रतिनिधिमंडल से ज्ञापन लिया.