Politalks.news/Delhi. इस बार का गणतंत्र दिवस समस्त देशवासियों के लिए ख़ास होगा. गणतंत्र दिवस के इस अवसर किसान और सैनिक एक साथ दिल्ली की सड़को पर परेड करते नजर आएंगे. जहां एक ओर देश का सैनिक राजपथ पर परेड निकालेगा, तो वहीं देश का किसान दिल्ली की सड़कों पर लगभग 100 किलोमीटर लम्बी ट्रेक्टर रैली निकालेंगे. गणतंत्र दिवस समारोह और ट्रेक्टर रैली के मद्देनजर पुरे दिल्ली की सुरक्षा बड़ा दी गई है. इस बार कोरोना महामारी के कारण होने वाला गणतंत्र दिवस समारोह एक अलग ही रूप में दिखाई देगा.
आज हम बात करेंगे गणतंत्र दिवस की. देशवासियों के लिए 26 जनवरी का दिन बेहद खास है, क्योंकि इस दिन लोग राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस मनाते हैं. भारत हर साल लोकतंत्र के इस महापर्व को बड़े ही धूमधाम और भव्य तरीके से आयोजित करता रहा है. इस बार दिल्ली के राजपथ पर कई बदलाव देखने को मिलेंगे. गणतंत्र दिवस पर पहली बार ऐसा मौका होगा जब कोई विदेशी चीफ गेस्ट मौजूद नहीं रहेंगे. इस साल परेड में शामिल होने वाले बहादुर बच्चों के मार्च को भी इसमें शामिल नहीं किया गया है. कोरोना महामारी के कारण 63 सालों में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब प्रधानमंत्री से इन बच्चों का संवाद भी वर्चुअल ही होगा. वीरता पुरस्कारों की परेड और बहादुरी पुरस्कार हासिल करने वाले बच्चे भी गणतंत्र दिवस समारोह में नहीं होंगे. इस बार स्कूल और कॉलेज के 100 मेधावी छात्रों को प्रधानमंत्री के बॉक्स से गणतंत्र दिवस परेड देखने का मौका मिलेगा. दूसरी ओर कोरोना वायरस से जुड़े सुरक्षा मानदंडों के कारण 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में राजपथ पर होने वाली परेड में सबसे अधिक पसंद किए जाने वाला मोटरसाइकिल स्टंट इस साल देखने को नहीं मिलेगा. बता दें कि कोरोना महामारी के कारण शारीरिक दूरी का नियम बरकरार रखने के लिए मोटरसाइकिल स्टंट (करतब) शामिल नहीं किया गया है.
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गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली का राजपथ बदला हुआ नजर आएगा…
इस बार का गणतंत्र दिवस कई मायनों में अलग होगा. इसमें सबसे अहम कोविड-19 से पैदा हुए हालात के कारण सामने आए बदलाव हैं . इसके अलावा, कुछ चीजें ऐसी भी हैं जो देशवासी पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह में देखेंगे. भारत अपना 72वां गणतंत्र दिवस मनाएगा . इस ऐतिहासिक मौके पर राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन होता है. इसमें भारतीय सैन्य बलों और हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झांकियां और परेड होती हैै. कोरोना महामारी के चलते इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में अतिथियों और दर्शकों की संख्या कम रहेगी . जहां हर साल रिपब्लिक डे परेड देखने 1.15 लाख लोग मौजूद रहते थे, वहीं इस बार 25 हजार लोगों तक ही सीमित होगी. सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाए रखने जैसी एहतियात गणतंत्र दिवस समारोह में भी दिखेगी. इसके अलावा परेड का रूट छोटा होगा, बता दें कि पहले परेड की लंबाई 8.2 किलोमीटर होती थी, जो विजय चौक से लाल किले तक जाती थी, लेकिन इस बार विजय चौक से नेशनल स्टेडियम तक यह 3.3 किलोमीटर ही लंबी होगी. गणतंत्र दिवस परेड राष्ट्रपति भवन से शुरू होकर इंडिया गेट पर खत्म होगी .
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55 साल के बाद इस बार गणतंत्र दिवस पर नहीं होंगे कोई विदेशी चीफ गेस्ट…
बता दें कि हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर दूसरे देशों के राष्ट्रप्रमुख, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाता रहा है, लेकिन इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष मुख्य अतिथि नहीं होंगे. दूसरी ओर कृषि कानून के विरोध में दिल्ली में दो महीने से डेरा जमाए किसानों को लेकर केंद्र सरकार उलझी हुई है . बता दें कि हर साल 26 जनवरी यानी भारत के गणतंत्र दिवस समारोह पर पूरी दुनिया की नजरें रहती हैं. गणतंत्र दिवस पर ऐसा 55 सालों में पहली बार होगा जब कोई चीफ गेस्ट नहीं होगा . गौरतलब है कि ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन को भारत आने के लिए आमंत्रित किया गया था . लेकिन ब्रिटेन में एक नए कोविड-19 स्ट्रेन के बढ़ते प्रकोप के चलते उन्हें अपनी यात्रा रद करने के लिए मजबूर होना पड़ा. इससे पहले भारत के पास 1952, 1953 और 1966 में परेड के लिए मुख्य अतिथि नहीं थे. बता दें कि 11 जनवरी वर्ष 1966 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के आकस्मिक निधन के तुरंत बाद पड़े गणतंत्र दिवस पर भारत ने किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को निमंत्रण नहीं भेजा था.