Politalks.News/BJP/CongressChintanShivir. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बहुचर्चित तीन दिवसीय चिंतन शिविर का झीलों की नगरी उदयपुर में आगाज हो गया है. देशभर से आए कांग्रेसी दिग्गज चिंतन शिविर में भाग ले रहे हैं. कांग्रेस ने अपने इस चिंतन शिविर को नव संकल्प चिंतन शिविर नाम दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर के उद्धघाटन सत्र को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी को और अधिक मजबूत करने का संदेश दिया और कहा कि, ‘पार्टी ने अब तक हमें बहुत कुछ दिया है लेकिन अब समय आ चूका है पार्टी का कर्ज उतरने का.’ कांग्रेस नेताओं को ये आस है कि इस चिंतन शिविर से पार्टी के नेताओं में जोश आएगा. वहीं कांग्रेस के इस चिंतन शिविर को लेकर बीजेपी नेताओं ने निशाना साधा है. भाजपा का कहना है कि, ‘सत्ता के लिए समाज को बांटने वाली कांग्रेस का शो शुरू हो गया है, इस चिंतन से कांग्रेस की चिंता और भी ज्यादा बढ़ने वाली है.’
शुक्रवार से उदयपुर के होटल ताज अरावली में शुरू हुए कांग्रेस का चिंतन शिविर पर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने अपनी नजरें गढ़ाई हुई हैं और बीजेपी नेताओं ने इस चिंतन शिविर को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कांग्रेस के चिंतन शिविर पर चुटकी लेते हुए कहा कि, ‘आम आदमी से निकटता दर्शाने के लिये ट्रेन यात्रा, फिर ताज उदयपुर में ठहर कर, चिंतन की गंभीर मुद्रा-सत्ता के लिये “परिवार शरणं गच्छामि” का दोहरान. वातानुकूलित चिंतन में जलता और बदहाल राजस्थान- प्रशासनिक अकुशलता-आगजनी-पत्थर बाजी-दंगा कुछ नजर नहीं आने वाला. सत्ता के लिए समाज को बांटने वाली कांग्रेस का शो शुरू हो गया है, इस चिंतन से कांग्रेस की चिंता और बढ़ने वाली है.’
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सतीश पूनियां ने आगे कहा कि, ‘कांग्रेस चिंतन शिविर कर रही है लेकिन पता नहीं चिंतन शिविर में किन बातों का चिंतन और मंथन करेगी. लेकिन राजस्थान की हकीकत यह है कि कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी दंगा, अशांति का माहौल है, किसान और युवाओं से वादाखिलाफी की गई है उस पर उन्हें कोई चिंता नहीं है. यह तो पता नहीं कि कांग्रेस को चिंतन शिविर से क्या होगा, लेकिन राजस्थान जल रहा है और कांग्रेस चिंतन करने में व्यस्त है, पानी, बिजली संकट इत्यादि जन समस्याओं से प्रदेश जूझ रहा हैल इन सब मुद्दों को लेकर राजस्थान की जनता सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जवाब मांगती है. अशोक गहलोत का इस्तीफा सोनिया गांधी के पास रखा है तो मेरा सोनिया गांधी से निवेदन है कि राजस्थान की जनता के भले के लिए अशोक गहलोत का इस्तीफा स्वीकार करें.’
वहीं राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘कांग्रेस के चिंतन शिविर में युवराज राहुल गांधी जी ट्रेन से उदयपुर पहुंचकर बेपटरी हो चुकी कांग्रेस को दोबारा पटरी पर लाने की चाहे जितनी कवायद कर लें लेकिन अब जनता कांग्रेस की वंशवाद व तुष्टिकरण की राजनीति को कभी स्वीकार नहीं करेगी. चिंतन शिविर राजनीतिक पर्यटन के अलावा कुछ नहीं है.’ वहीं भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि, ‘देश के महत्वपूर्ण विषयों के चिंतन की बजाय गांधी परिवार की चिंता प्रमुखता से शिविर में हावी रही. शिविर जिन अपेक्षाओं को लेकर शुरू किया गया जिसमें देश व प्रदेश की जनता को निराशा हाथ लगी.’
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अरुण चतुर्वेदी ने आगे गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘अपेक्षाओं के उलट शिविर में राजस्थान मैं जिस प्रकार से योजनाबद्ध तरीके से बहुसंख्यक वर्ग के अधिकारों का हनन, विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों पर हिंसा और करौली, जोधपुर, छाबड़ा व भीलवाड़ा जैसी घटनाओं पर मुख्यमंत्री का स्वंय आगे आकर यह बयान देना कि प्रदेश में कही दंगा नहीं हुआ. प्रदेश के युवा, महिला, किसान, बेरोजगार की अपेक्षा पर कुठाराघात हुुआ साथ ही प्रदेश की बहन-बेटियों से दुष्कर्म पर कांग्रेस के आला नेताओं के द्वारा जिक्र नही करना कांग्रेस की जनता के प्रति चिंता दर्शाता है.’ चतुर्वेदी ने बताया कि, ‘एक बार फिर कांग्रेस के नेताओ में गांधी व नोन गांधी का भेद स्पष्ट नजर आया. देशभर में कांग्रेस पार्टी, विशेषकर गांधी परिवार के वन, टू एवं थ्री लीडरशीप की स्वीकार्यता जनता में समाप्त हो जाने कि चिंता अधिक प्रभावी दिख रही है.’
बीजेपी नेता अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि, ‘कांग्रेस चिंता शीर्ष नेतृत्व की जनता के बीच स्वीकार्यता समाप्त होना है. सोनिया गांधी व कांग्रेस नेता यह ना भूले कि इस शिविर का आयोजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आठ वर्षो में देश की आंतरिक व बाह्य सुरक्षा का मजबूत होना ,सामाजिक क्षेत्र में लोक कल्याणकारी योजनाओं से आमजन का लाभाविन्त होना तथा विश्व में मोदी व भारत की बढती लोकप्रियता की छत्रछाया में हो रहा है.’