संसद परिसर में धरना प्रदर्शन पर भी लगी रोक, बोली कांग्रेस- कल कहोगे भगवा कपड़े पहनकर आओ

संसद भवन परिसर में अब धरना, भूख हड़ताल पर पाबंदी, मानसून सत्र से पहले जारी हुआ आदेश, कल ही लोकसभा सचिवालय ने एक आदेश जारी करते हुए कई असंसदीय शब्दों की सूची की थी जारी, भड़की कांग्रेस ने साधा केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना, बोले जयराम रमेश- 'विश्वगुरु का नया काम- D(h)arna मना है'

संसद परिसर में धरना प्रदर्शन पर भी लगी रोक
संसद परिसर में धरना प्रदर्शन पर भी लगी रोक

Politalks.News/Delhi. गुरूवार को जहां संसद के मानसून सत्र से पहले जारी की गई अमर्यादित शब्दों की सूची जारी होने पर मचा बवाल अभी शांत भी नहीं हुआ कि अब एक और नया आदेश जारी हो गया है. गुरूवार देश शाम को एक नया आदेश जारी हुआ है जिसके अनुसार अब संसद भवन परिसर में अब प्रदर्शन, धरना, भूख हड़ताल आयोजित नहीं किए जा सकते हैं. सचिवालय की ओर से इसके लिए एक परिपत्र भी जारी किया गया है. संसद के सेक्रेट्री जनरल के नए आदेश के अनुसार, संसद सदस्य किसी भी धरने या हड़ताल के लिए अब इस परिसर का उपयोग नहीं कर सकते हैं. इस आदेश के सामने आने के बाद अब कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. कांग्रेस का कहना है कि, ‘विश्वगुरु का नया काम- D(h)arna मना है.’ एक के बाद एक आये नए आदेशों को देखते हुए इस बार का संसद का मानसून सत्र काफी हंगामेदार रहने वाला है.

18 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र से पहले ही नए नए आदेश जारी हो रहे हैं. जहां गुरूवार को लोकसभा सचिवालय से अमर्यादित शब्दों की लिस्ट जारी हुई तो देश शाम को संसद भवन परिसर में धरना ना देने का आदेश जारी हुआ है. संसद के सेक्रेट्री जनरल पीसी मोदी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि, ‘संसद में सदस्य किसी भी प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, उपवास, या किसी तरह के धार्मिक समारोह को करने के उद्देश्य से संसद भवन के परिसर का उपयोग नहीं कर सकते हैं.’ सियासी जानकारों की माने तो एक के बाद एक आये इन दो आदेशों के बाद संसद के इस सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं. क्योंकि विपक्ष के पास महंगाई, बेरोजगारी, अग्निपथ योजना जैसे ऐसे कई मुद्दे हैं, जिसपर सरकार के साथ तकरार देखने को मिल सकती है. वहीं सरकार ने पहले अमर्यादित शब्दों और अब संसद परिसर में धरने पर रोक लगाकर विपक्ष के हाथ बाँधने की कोशिश की है.

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संसद के सेक्रेट्री जनरल द्वारा जारी किये गए इस आदेश के बाद से विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस आदेश की एक प्रति अपने ट्वीटर अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा, ‘विश्वगुरु का नया काम- D(h)arna मना है’. बता दें कि इससे पहले असंसदीय शब्दों के संकलन या शब्दकोष को लेकर उठे विवाद के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने साफ किया है कि, ‘कोई भी शब्द प्रतिबंधित नहीं है. यानी सूची में दिए गए शब्द भी सदस्य बोल सकते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल गलत संदर्भो में नहीं किया जाना चाहिए. अगर संदर्भ गलत होगा तभी उसे संसदीय कार्यवाही से हटाया जाएगा. वैसे यह अपेक्षित है कि सदस्य संसद की मर्यादा का पालन करें और आमजन में संसद की छवि ठीक करें. लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी की गई असंसदीय शब्दों की नई बुकलेट में ‘जुमलाजीवी’, ‘बाल बुद्धि’, ‘कोविड स्प्रेडर’ और ‘स्नूपगेट’ जैसे कई शब्दों को शामिल किया गया है.

जारी की गई बुकलेट में अंग्रेजी-हिन्दी के कई शब्दों को रखा गया है. वहीं बुकलेट जारी होने के एक दिन बाद विपक्ष ने इसे ‘असंसदीय’ कहा है. गुरुवार को तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि इस तरह का प्रतिबंध अनावश्यक है. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने एक ट्वीट में लिखा, ‘अगर आप अपनी आलोचना में रचनात्मक नहीं हो सकते तो संसद का क्या मतलब है? जुमलाजीवी को जुमलाजीवी नहीं बोलेंगे तो क्या बोलेंगे? शब्दों पर प्रतिबंध लगाना अनुचित है! पाखंड, शर्म, गाली आदि पर प्रतिबंध कैसे लगाया जा सकता है?’ वहीं TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि, ‘वह इन शब्दों का इस्तेमाल करेंगे. सरकार चाहे तो उन्हें निलंबित कर सकती है.’ वहीं कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, ‘आज कहते हैं कि यह शब्द इस्तेमाल नहीं हो सकते, कल कहेंगे कि संसद में आना है तो भगवा कपड़े पहनकर आओ. इन चीज़ों को देखने के लिए संसद में नियम और नैतिक समितियां हैं. यह दूसरा संसद बनाकर दूसरा गणतंत्र बनाते जा रहे हैं. हम इन शब्दों में इस्तेमाल करते रहेंगे. मोदी जी और अमीत शाह जी ‘जुमले’ का मतलब जाकर पढ़ लें.’

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किन शब्दों पर लगा प्रतिबंध
अराजकतावादी, शकुनि, तानाशाह, तानाशाही, जयचंद, विनाश पुरुष, खालिस्तानी और ‘खून से खेती’ दोनों सदनों में बहस के दौरान या अन्यथा उपयोग किए जाने पर भी कार्यवाही से हटा दिए जाएंगे. बुकलेट के अनुसार लोकसभा सचिवालय ने ‘दोहरा चरित्र’, ‘निकम्मा’, ‘नौटंकी’, ‘ढिंडोरा पीटना’ और ‘बहरी सरकार’ जैसे शब्दों को असंसदीय शब्दों में सूचीबद्ध किया है. इसके अलावा गद्दार, गिरगिट, घड़ियाली आंसू, अपमान, असत्य, अहंकार, करप्ट, काला दिन, काला बाजारी, खरीद फरोख्त, दंगा, दलाल, दादागिरी, बेचारा, बॉबकट, लॉलीपॉप, विश्वासघात, संवेदनहीन, मूर्ख, पिट्टठू, सेक्सुअल हॉरसमेंट को इस सूची में शामिल किया गया है.

अंग्रेजी के इन शब्दों को सूची में शामिल किया गया
Bloodshed, Bloody, Betrayed, Ashamed, Abused, Cheated, Chamcha, Chamchagiri, Chelas, Childishness, Corrupt, Coward, Criminal,Crocodile tears Disgrace, Donkey, Drama, Eyewash, Fudge, Hooliganism, Hypocrisy, Incompetent, Mislead, Lie, Untrue को इस सूची में शामिल किया गया है.

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