Politalks.News/UttarpradeshPolitics. कोरोना महामारी की दूसरी लहर का संकटकाल लगभग खत्म हो चुका है. कई राज्यों में लगी पाबंदियों में भी ढील दी जा रही है. बाजार भी अब धीरे-धीरे खुलने लगे हैं. राजनीति में भी हलचल शुरू हो गई है. लेकिन उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार में ‘फेरबदल‘ को लेकर अभी तक बात नहीं बन रही है. प्रदेश में अगले साल शुरुआत में ही विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर भाजपा और संगठन से जुड़े नेता योगी सरकार के बीच बेहतर ‘तालमेल‘ बनाने के लिए सक्रिय है. लखनऊ से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर चल रहा है. लेकिन इस बार कुछ ‘परिवर्तन बड़ा’ होता दिख रहा है तभी मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख लगातार आगे बढ़ती जा रही है.
भाजपा हाईकमान और आरएसएस के शीर्ष नेताओं की 10 दिनों से दिल्ली से लखनऊ दौड़ लगातार जारी है. संगठन से जुड़े नेता और उत्तर प्रदेश पार्टी के प्रभारियों के जमीनी स्तर पर ‘फीडबैक‘ लिया जा रहा है. इसके बावजूद यूपी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अभी ‘गतिरोध‘ बना हुआ है. बात को आगे बढ़ाने से पहले बता दें कि पिछले महीने की 28 और 29 तारीख को कयास लगाए जा रहे थे कि योगी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. ‘27 मई को देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की तभी अटकलों का दौर शुरू हो गया था कि योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल की अंतिम मुहर लग चुकी है‘. लेकिन फिर एक बार ‘पेंच‘ फंस गया.
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पिछले महीने के आखिरी सप्ताह में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय हसबोले और भाजपा संगठन महामंत्री सुनील बंसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ दिल्ली में बैठक करने के बाद पूरी तैयारी के साथ दो बार लखनऊ पहुंचे और अलग-अलग भाजपा सांसदों, मंत्रियों और विधायकों के अलावा संगठन से जुड़े पदाधिकारियों से भी ‘लंबी मंत्रणा‘ की. इसके बाद दोनों नेताओं ने दिल्ली पहुंच कर भाजपा हाईकमान के साथ चर्चा की. लेकिन फिर भी प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की ‘फाइनल मुहर‘ नहीं लग सकी. उसके बाद 31 मई, सोमवार को एक बार फिर दिल्ली से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) और उत्तर प्रदेश के पार्टी प्रभारी राधा मोहन सिंह एक बार फिर दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ पहुंचे तो एक बार फिर सियासत फिर में ‘हलचल‘ शुरू हो गई.
आपको बता दें, बीएल संतोष और राधा मोहन सिंह के साथ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, संगठन महामंत्री सुनील बंसल भी मौजूद हैं. यूपी के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस बार योगी सरकार का फेरबदल ‘चौंकाने’ वाला बदलाव हो सकता है. ‘इस मंत्रिमंडल विस्तार में उपमुख्यमंत्री के साथ मुख्यमंत्री की भी बदलने की भी ‘सुगबुगाहट’ शुरू हो गई है.’ सोमवार से भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और यूपी के पार्टी प्रभारी राधा मोहन सिंह पार्टी नेताओं और सरकार के मंत्रियों के साथ अलग-अलग बैठकें कर 2022 के चुनाव की रणनीति बनाने में जुट हुए हैं.
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योगी सरकार के कार्यकाल में भाजपा संगठन की जमीनी स्तर पर ऐसी बैठक हो रही है पहली बार
यहां हम आपको बता दें कि उत्तरप्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद अब तक किसी राष्ट्रीय महासचिव संगठन द्वारा मंत्रियों के साथ एक-एक कर कभी बैठक नहीं ली गई है. योगी सरकार के चार साल से ज्यादा के कार्यकाल में यह पहला मौका है, जब बीजेपी में राष्ट्रीय संगठन के नेता ने संगठन के पदाधिकारियों और सरकार के मंत्रियों से अलग-अलग मुलाकात कर यूपी की जमीनी हालात का जायजा ले रहे हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री की मौजूदगी में सामूहिक बैठकें होती थीं, लेकिन इस बार संगठन और सरकार के मंत्रियों के साथ सीधे आमने-सामने बैठकर फीडबैक लिया जा रहा है. इसी को लेकर अटकलें लगाई जा रही है कि यूपी में योगी सरकार में बड़ा फेरबदल होने वाला है.
यही नहीं बीएल संतोष राज्य मंत्रियों और स्वतंत्र प्रभार के मंत्रियों से भी अलग-अलग मिल रहे हैं. बीएल संतोष बीजेपी संगठन और योगी सरकार के मंत्रियों के साथ ही नहीं बल्कि आरएसएस के साथ भी अहम बैठक कर रहे हैं. भाजपा महासचिव बीएल संतोष के सोमवार को लखनऊ पहुंचते ही हाईलेवल मीटिंग की. बीएल संतोष सबसे पहले मंत्री बृजेश पाठक, महेंद्र सिंह और दारा सिंह चौहान से मिले. उसके बाद मंत्री सुरेश खन्ना और जय प्रताप सिंह उनसे मिलने पहुंचे. मंत्री सुरेश खन्ना और जय प्रताप सिंह से काफी देर तक अलग-अलग बैठक हुई. साथ ही उन्होंने मंत्री स्वाति सिंह और सतीश द्विवेदी से भी मुलाकात की.
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इस तरह वहीं देर रात मुख्यमंत्री आवास पर करीब डेढ़ घंटे बैठक हुई, जिसमें योगी आदित्यनाथ सहित राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डा. दिनेश शर्मा व सुनील बंसल भी उपस्थित थे.बीएल संतोष, राधा मोहन सिंह ने आज आरएसएस के प्रांत प्रचारक कौशल और क्षेत्र प्रचारक अनिल के साथ लखनऊ के भारती भवन में बैठक की, जिसमें संघ के दूसरे नेता भी शामिल थे. इसके बाद वो यूपी सरकार के मंत्रियों के साथ बीजेपी दफ्तर में अलग-अलग मुलाकात कर रहे हैं. जिसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी शामिल हैं. इसके बाद बीएल संतोष संगठन मंत्री प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, सतीश महाना और फिर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से अलग-अलग बैठक करेंगे.
आपको बता दें कि यूपी में भाजपा के कार्यकर्ताओं की नाराजगी पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती है. सरकार की तरफ से कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और संगठन के असहयोग से कार्यकर्ताओं में असंतोष है. यूपी में विधानसभा का चुनाव करीब है. ऐसे में पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी दूर करना चाहती है. वजह साफ है कि अगले साल यूपी में विधानसभा का चुनाव होने हैं. ऐसे में पार्टी योगी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार कर अपनी तैयारियों में जल्द से जल्द जुटना चाहती है.