Politalks.News/Delhi. दिल्ली पुलिस ने UP-दिल्ली बॉर्डर (गाजीपुर) से शुक्रवार सुबह बैरिकेड्स हटाने शुरू कर दिया है. अभी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के ऊपर बैरिकेड्स हटाए जा रहे हैं. दिल्ली पुलिस के अधिकारी और फोर्स मौके पर मौजूद हैं. क्रेन से बड़े-बड़े पत्थरों को हटाकर साइड में रखा जा रहा है. बैरिकेडिंग के ऊपर लगे लोहे के कंटीले तारों को पुलिस खुद कटर से काट रही है. मौके पर मौजूद दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि, ‘हमें ऊपर से आदेश हैं, इसलिए बैरिकेडिंग हटा रहे हैं’. पुलिस की ओर से इस कार्रवाई के बाद किसान नेता राकेश टिकैत और कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान भी आया है. टिकैत ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि, ‘रास्ते खुलेंगे तो हम अपनी फसल बेचने जाएंगे संसद’, इधर राहुल ने कहा कि, ‘अभी बैरिकेड हटे हैं जल्द ही कानून भी हटेंगे’. आपको बता दें कि पिछले 11 महीने से ये रास्ता बंद है. और करीब 7 महीने से किसानों और सरकार की बातचीत बंद है. अब रास्ता खुलने की संभावना जगी है तो शायद बातचीत के लिए भी रास्ता खुले और आंदोलन कर रहे किसानों को राहत मिलनी ही चाहिए.
हमारी लड़ाई रास्ते की कभी नहीं रही-टिकैत
पुलिस की बैरिकेडिंग हटाने के बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का बड़ा बयान आया है. टिकैत ने कहा कि, ‘रास्ते खुलेंगे, हम भी अपनी फसल बेचने के लिए संसद भवन जाएंगे. हम 11 महीने से बॉर्डर पर बैठे हैं. हमें दिल्ली जाना है. प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसान अपनी फसल कहीं भी बेच सकते हैं’. टिकैत ने कहा कि, ‘जिन किसानों की फसल नहीं बिक रही है, पहले उस फसल को ट्रैक्टर में संसद भवन के नजदीक ले जाकर बेचा जाएगा’. टिकैत ने ये भी कहा कि, ‘हमने कभी रास्ते नहीं रोके, न ही यह हमारा काम है. हमारी लड़ाई रास्ते की कभी नहीं रही. हमारी लड़ाई तीन कृषि कानूनों को लेकर है’.
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अभी बैरिकेड हटे, जल्द ही कानून भी हटेंगे- राहुल
वहीं गाजीपुर बॉर्डर से बैरिकेडिंग हटने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि,’अभी तो सिर्फ दिखावटी बैरिकेड हटे हैं, जल्द ही तीनों कृषि विरोधी क़ानून भी हटेंगे अन्नदाता सत्याग्रह ज़िंदाबाद’. आपको बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले कई दिनों से बंद पड़ी सड़कें अब जल्द खुलने की उम्मीद है. दिल्ली पुलिस टीकरी बॉर्डर के बाद अब गाजीपुर बॉर्डर से बैरिकेड हटाने का काम कर रही है.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ये बात सामने आई थी कि रास्ता बंद होने की वजह से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जिसके बाद किसानों ने कहा था कि,’रास्ता उन्होंने बन्द नहीं किया है बल्कि दिल्ली पुलिस ने किया है. किसान आंदोलन को 11 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है. 11 महीने बाद टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर उम्मीद की एक किरण सामने आई. इन दोनों ही बॉर्डर का एक तरफ का रास्ता खोलने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. यहां पुलिस ने सीमेंट से बनाया गया एक बैरिकेड हटा दिया है. साथ ही सड़क के बीच मे लगाई गई लोहे की किले भी हटा दी गयी हैं.
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26 नवंबर 2020 से धरने पर हैं किसान
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर 2020 को उत्तरप्रदेश के किसान जब दिल्ली जा रहे थे, दिल्ली पुलिस ने उन्हें गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया था. उसी वक्त किसान बॉर्डर पर टैंट-तंबू लगाकर धरने पर बैठ गए थे. गाजीपुर की तरह सिंघु, टीकरी और शाहजहांपुर बॉर्डर पर भी किसान पिछले 11 महीने से धरने पर बैठे हैं.