फिर बोले राजेन्द्र राठौड़- मुझे यह कहने में नहीं कोई संकोच मैडम राजे हैं हमारी नेता, दो बार रहीं हैं सीएम

प्रदेश भाजपा में मुख्यमंत्री के चेहरे की लड़ाई के बीच राजेन्द्र राठौड़ के बयान ने गरमाई सियासत, कहा- सीएम चेहरा तय करेगा संसदीय बोर्ड, लेकिन मैडम राजे हैं प्रभावशाली नेता, गहलोत सरकार पर जमकर साधा निशाना, विश्वेन्द्र सिंह पर कसा तंज, हिंदू ज्ञान पर राहुल गांधी को भी लिया आड़े हाथ

राजेन्द्र राठौड़- मुझे यह कहने में नहीं कोई संकोच मैडम राजे हैं हमारी नेता
राजेन्द्र राठौड़- मुझे यह कहने में नहीं कोई संकोच मैडम राजे हैं हमारी नेता

Politalks.News/Rajasthan. अमित शाह (Amit Shah) के राजस्थान (Rajasthan) दौरे के बाद थमी बयानबाजी ने फिर जोर पकड़ लिया है. भाजपाई दिग्गज उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कहा है कि, ‘भाजपा में सीएम के चेहरे को लेकर टिप्पणी करने का अधिकार मुझे नहीं है. यह अधिकार संसदीय बोर्ड को है, लेकिन वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) हमारी नेता हैं यह कहने में मुझे संकोच नहीं है‘. राठौड़ ने यह बात बुधवार को धौलपुर जाते समय भरतपुर में कही. प्रदेश में गहलोत सरकार के तीन साल पूरे होने पर प्रदेश भाजपा जन आक्रोश रैली निकाल रही है. राजेन्द्र राठौड़ ने गहलोत सरकार के कुशासन और जनविरोधी नीतियों के विरोध में धौलपुर में जन आक्रोश रैली को संबोधित किया और जमकर निशाना साधा. लेकिन मैडम राजे को लेकर राजेन्द्र राठौड़ के बयान के सियासी गलियारों में कई मायने निकाले जा रहे हैं.

वसुंधरा राजे हमारी नेता है यह कहने में मुझे नहीं है कोई संकोच- राठौड़
भाजपा में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा जब ये सवाल पत्रकारों ने पूछा तो भाजपाई दिग्गज राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि, ‘भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है, हमारा संसदीय बोर्ड है. हम सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नीचे काम कर रहे हैं और वे ही हमारा चेहरा हैं. राजस्थान में सीएम के चेहरे के लिए बीजेपी का संसदीय बोर्ड सही समय पर सही निर्णय लेगा. सीएम के चेहरे को लेकर टिप्पणी करने का अधिकार मुझे नहीं है. यह अधिकार संसदीय बोर्ड को है. संसदीय बोर्ड ही सीएम का चेहरा तय करेगा’. इसके बाद राठौड़ ने कहा कि, ‘वसुंधरा राजे हमारी नेता हैं यह कहने में मुझे संकोच नहीं है, वह राज्य की प्रभावशाली नेता हैं और दो बार राज्य की मुख्यमंत्री रहीं है. उनके शासन में विकास के शानदार काम हुए. यह कहने में मुझे कोई संकोच नहीं है, बीजेपी की नेता होने के तौर पर उनका हम आदर मान-सम्मान करते हैं. आपको बता दें कि मानसून सीजन में हाड़ौती में जोरदार बारिश के बाद वसुंधरा राजे ने दौरा किया था तब भी राठौड़ ने तारानगर में मीडिया से बातचीत में कहा था कि मैडम राजे ही हमारी नेता हैं.

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‘सरकार आपा-धापी में रही, विश्वेन्द्र सिंह को मंत्री बनाया जाता है हटाया जाता है’
कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि, ‘3 साल कांग्रेस आपा-धापी में चली. विश्वेन्द्र सिंह को कभी मंत्री बनाया जाता है कभी मंत्री पद से हटाया जाता है. आपाधापी के कारण भरतपुर संभाग में कोई ऐसी योजना परियोजना नहीं जिसे सरकार यह कह सके की भरतपुर संभाग को हमने यह सौगात दी है. भरतपुर में अंतर्कलह है, दो मंत्रियों के बीच यही रहता है कौन बड़ा मंत्री है या कौन मंत्री मुख्यमंत्री के नजदीक है.

‘राहुल गांधी ने 120 करोड़ हिंदुओं पर किया कटाक्ष जो कांग्रेस को पड़ेगा भारी’
राहुल गांधी के हिंदू ज्ञान पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने जमकर निशाना साधा. राठौड़ ने कहा कि, ‘राहुल गांधी ने एक बार फिर यह साबित करने के लिए कि मैं हिन्दू हूं, आधे घंटे के भाषण में 18 मिनट तक हिन्दू, हिंदुत्व और हिंदूवादी को परिभाषित करने में लगा दिया. 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्णय दिया था देव स्वामी मंदिर के मामले में जिसमें हिन्दू, हिंदुत्व और हिंदूवादी की व्याख्या की गई थी. कोर्ट ने इसे जीवन शैली से जोड़कर बताया था. लेकिन राहुल गांधी ने 120 करोड़ हिन्दुओं पर जिस तरह का कटाक्ष किया वह कांग्रेस को भारी पड़ेगा.’

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‘महंगाई रैली में लेकर आए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मनरेगा मजदूर’
बीते रविवार राजधानी में हुई कांग्रेस की महंगाई हटाओ रैली को लेकर भी बीजेपी नेता राजेन्द्र राठौड़ ने जमकर निशाना साधा. राठौड़ ने कहा कि, ‘महंगाई के विरोध में कांग्रेस ने 12 दिसंबर को जो रैली की उसमें 2 लाख लोगों के इकट्ठे होने का दावा किया, लेकिन 20 से 22 हजार कुर्सियां मैदान में रखी गईं. साथ ही जो भीड़ इकट्ठी हुई उसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, नरेगा के लोगों को रैली में ले जाया गया‘. राठौड़ ने कहा कि, ‘ट्रांसपेरेंसी इंडिया की रिपोर्ट में साफ़ बताया गया है की 64 प्रतिशत लोग यह मानते हैं की बिना सुविधा शुल्क दिए कोई काम नहीं होता. शिक्षक दिवस पर शिक्षक कुर्सी पर खड़े होकर मुख्यमंत्री से कहते हैं की ट्रांसफर पैसे देकर होते हैं. शिक्षकों ने भरे मंच पर सरकार की पोल खोल दी’.

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